हम अब अपनी डाइट को लेकर काफी चौकन्ने हो गए हैं और अब अलग-अलग तरह के फिटनेस रूटीन फॉलो करने लगे हैं। डाइटीशियन और हेल्थ एक्सपर्ट्स भी जागरूकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। पर इस सबके कारण होता ये है कि ज्यादा जानकारी के कारण ज्यादा मिथक भी फैलते हैं और इसी कारण लोग कई बार गलती कर बैठते हैं।
आपने कई लोगों से सुना होगा कि छोटे-छोटे पोर्शन में कई बार खाना चाहिए और हर 2 घंटे में कुछ ना कुछ खाकर अपनी डाइट को सही करना चाहिए। लेकिन अगर देखा जाए तो ये सारी चीज़ें हमेशा डॉक्टर से पूछकर ही करनी चाहिए।
मिस इंडिया कंटेस्टेंट्स को ट्रेनिंग देने वाली एक्सपर्ट डायटीशियन अंजली मुखर्जी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर इस बारे में कुछ जरूरी टिप्स शेयर किए हैं। अंजली लगभग 20 सालों से इसी फील्ड में काम कर रही हैं और वो डाइट टिप्स एक्सपर्ट भी हैं।
अंजली ने बताया कि किस तरह से आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि स्मॉल मील डाइट लेना तो फायदेमंद है, लेकिन लोग ये भूल जाते हैं कि उन्हें छोटे-छोटे मील्स में कितना और क्या खाना चाहिए।(शरीर भूखा है या डिहाइड्रेटेड? जानें)
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अंजली जी के मुताबिक अगर आपको भूख लग रही है तो आपको ये ध्यान रखना है कि आपको कितना खाना है। अगर आपका शरीर भूखा है तो आपको उसे समझना होगा। आपका शरीर खुद को डिटॉक्स भी करेगा जब वो भूखा होगा और खुद को तैयार करेगा और फूड के लिए। आप अपने शरीर में हर दो घंटे में खाना नहीं डाल सकते हैं क्योंकि इससे डाइजेशन में असर पड़ेगा।
इसी के साथ, लोग ये नहीं समझते हैं कि अगर वो हर दो घंटे में खा भी रहे हैं तो उन्हें स्मॉल मील लेना है। एक कप दूध स्मॉल मील हो सकता है, एक अंडा स्मॉल मील हो सकता है, एक सेब स्मॉल मील हो सकता है, लेकिन अगर आप इसकी जगह बार-बार ज्यादा खाएंगे या स्नैक, जंक फूड आदि खाएंगे और ये लॉजिक देंगे कि हर दो घंटे में कुछ खाना चाहिए तो ये अच्छा नहीं होगा।(दिन भर ज्यादा पानी पीने के ट्रिक्स)
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अंजली जी के मुताबिक लोग 5-6 बार काफी कुछ खा लेते हैं और ऐसे में आप अपने शरीर में ज्यादा खाना ही डाल रहे हैं। अगर आप स्मॉल डाइट फॉलो कर रहे हैं तो छोटे-छोटे मील्स डिजाइन कीजिए। आप चाहें तो किसी डाइटीशियन से संपर्क कर अपने लिए सही डाइट चार्ट बनवा सकते हैं जिससे आपको वजन कम करने में भी मदद मिले।
अगर आपको डाइजेशन से जुड़ी समस्या है तो छोटे-छोटे मील्स लेने की जगह आप जो खाते हैं वही खाएं और पहले अपने डाइजेशन पर काम करें। आपको डाइजेशन सुधारने के लिए न्यूट्रिटिव वैल्यू पर काम करना होगा। आपको खाना सही तरह से खाना है और ये देखना है कि आपका शरीर क्या एब्जॉर्ब कर सकता है और क्या नहीं।
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अंजली जी के मुताबिक हर दो घंटे में खाना सही नहीं है बल्कि उसकी जगह आपको कम से कम 4 घंटे का गैप देना चाहिए। आप सुबह 8, दोपहर 12, शाम 4 और रात में 8 बजे खा सकते हैं जिसमें आपको पर्याप्त न्यूट्रिएंट्स मिल जाएंगे और एक साथ भूख भी नहीं लगेगी। रात में 8 के बाद आपको सुबह 8 बजे तक फास्टिंग करनी चाहिए जिससे डाइजेशन बेहतर हो।
अगर आपको इंसुलिन की समस्या है तो आपको 4-5 घंटे में खाना फायदेमंद लगेगा। इससे इंसुलिन डिरेगुलेशन की समस्या भी कम हो जाएगी।
हां, किसी के हेल्थ और फिटनेस रूटीन के हिसाब से 2-3 घंटे में खाना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सबके साथ ऐसा नहीं है और आपको अपने शरीर का ध्यान भी रखना चाहिए।
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