बादाम का दूध सेहत के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है। इसमें कोलेस्ट्रॉल शून्य होता है और इसमें कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन ई, ओमेगा 3 फैटी एसिड, जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो आपकी आंखों से लेकर शरीर की हड्डियों की तंदरूस्ती को बनाए रखते हैं। खासतौर से, जो महिलाएं लैक्टोज इनटॉलरेंस होती हैं, उनके लिए भी यह एक बेहतर ऑप्शन माना गया है। हो सकता है कि बादाम के दूध से मिलने वाले इतने सारे फायदों को जानने के बाद आप आज से ही बादाम का दूध पीना शुरू कर दें। लेकिन जरा रूकिए। यकीनन बादाम का दूध सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना गया है, लेकिन फिर भी इसके कुछ नुकसान भी हैं। जिसके बारे में अमूमन लोगों को कम ही पता होता है। इतना ही नहीं, कुछ स्वास्थ्य समस्याएं होने पर भी बादाम का दूध ना पीने की सलाह दी जाती हैं। तो चलिए आज हम आपको बादाम के दूध के कुछ downside के बारे में बता रहे हैं। इस लेख को पढ़ने के बाद ही आप बादाम के दूध को अपनी डाइट में जगह दीजिएगा-
बादाम के दूध में प्रोटीन पाया जाता है, लेकिन इसे प्रोटीन का एक बेहतरीन स्त्रोत नहीं कहा जा सकता। दरअसल, बादाम के दूध के एक कप में केवल एक ग्राम प्रोटीन होता है, जबकि गाय और सोया दूध प्रति कप क्रमशः 8 और 7 ग्राम प्रदान करते हैं। यह तो हम सभी जानते हैं कि प्रोटीन मांसपेशियों की वृद्ध, त्वचा और हड्डी की संरचना और एंजाइम और हार्मोन उत्पादन सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए अगर आप बादाम का दूध ले रही हैं तो आपको प्रोटीन के अन्य स्त्रोतों को अपनी डाइट में जरूर जगह देनी चाहिए।
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आजकल बाजार में प्रोसेस्ड बादाम के दूध पैकेट्स में अवेलेबल हैं। इनमें कई एडिटिव्स, जैसे कि चीनी, नमक, फ्लेवर्स और कुछ इमल्सीफायर हो सकते हैं। ऐसे में यह प्रोसेस्ड बादाम का दूध आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक भी हो सकता हैं मसलन, बहुत अधिक चीनी आपके वजन बढ़ने, डेंटल कैविटी और अन्य क्रॉनिक प्रॉब्लम्स के जोखिम को बढ़ा सकती है।
एक वर्ष से छोटे बच्चों को प्लांट बेस्ड दूध न पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये आयरन के अवशोषण को रोक सकते हैं। प्लांट-बेस्ड पेय स्वाभाविक रूप से प्रोटीन, वसा, कैलोरी, और कई विटामिन और खनिजों, जैसे कि लोहा, विटामिन डी, और कैल्शियम में कम होते हैं। ये पोषक तत्व वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं। इसलिए अगर हो सके तो आप शिशु को बादाम का दूध देने से बचें।
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आज के समय में अधिक महिलाएं थायराइड से पीड़ित हैं और अगर आपका नाम भी उसमें शामिल है तो आपको बादाम के दूध से दूरी बनानी चाहिए। यह माइग्रेन रोगियों के लिए भी उचितन नहीं माना जाता। दरअसल, बादाम और बादाम का दूध टायरोसिन के स्रोत हैं जो एक माइग्रेन सिरदर्द को बढ़ा सकते हैं। साथ ही, यह थायराइड की स्थिति वाले रोगियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित नहीं है।
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