क्या वाकई सलाद हमेशा हेल्दी होता है? जानें क्या कहता है आयुर्वेद

सेहतमंद रहने के लिए, हेल्दी खाना सबसे जरूरी है। सही खान-पान से शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन्स मिलते हैं और इनसे शरीर को पोषण और ताकत मिलती है। 
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सेहतमंद रहने के लिए, हेल्दी खाना सबसे जरूरी है। सही खान-पान से शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन्स मिलते हैं और शरीर को पोषण और ताकत मिलती है। वहीं, अगर खान-पान में जरूरी न्यूट्रिशन्स की कमी हो, तो इसका सीधा असर, हमारी सेहत पर होता है। गलत खान-पान की वजह से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है और बीमारियों का खतरा भी रहता है। ऐसे में डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करना बहुत जरूरी हो जाता है। जब भी बात हेल्दी खाने की होती है, तो सलाद, फल, सीड्स और नट्स को डाइट में जरूर शामिल करने की सलाह दी जाती है। सलाद सेहत के लिए बहुत जरूरी होता है और इससे शरीर को जरूरी न्यूट्रिशन मिलता है। लेकिन, क्या वाकई सलाद हमेशा हेल्दी होता है, इस बारे में आयुर्वेद क्या कहता है, चलिए समझते हैं। यह जानकारी आयुर्वेदिक डॉक्टर नीतिका कोहली दे रही हैं। उन्होंने आयुर्वेद में एमडी किया है और उन्हें इस फील्ड में लगभग 17 सालों का अनुभव है।

क्या वाकई सलाद हमेशा हेल्दी होता है? (Is eating salad always healthy for you?)

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  • एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप अपनी डाइट को लेकर सजग हैं या वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो आप डाइट में सलाद को जरूर शामिल करते होंगे। यह बेशक फायदेमंद है। लेकिन, आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप इसे सही तरह से नहीं खाती हैं, तो इससे सेहत को नुकसान हो सकता है।
  • अक्सर लोग वजन कम करने के लिए, पहले सलाद खाते हैं और उसके बाद मेन मील यानी रोटी या चावल खाते हैं। लेकिन, आयुर्वेद के अनुसार, यह आपके पाचन और सेहत के लिए ठीक नहीं है।
  • आयुर्वेद के अनुसार, कच्चे सलाद को पके हुए फूड्स के साथ मिलाकर खाना, आपके डाइजेशन को नुकसान पहुंचा सकता है और आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
  • दरअसल अगर आप एक पका हुआ फूड खा रहे हैं और एक कच्चा फूड खा रहे हैं, तो इन दोनों को पचाने में शरीर को अलग-अलग समय लगता है और ऐसे में अगर आप दोनों को साथ खाएंगी, तो इससे पाचन बिगड़ सकता है।

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  • अगर आप सलाद को अपने मील के साथ ले रही हैं, तो इसे स्टीम कर लें। ऐसा करने से इसे पचाना आसान हो जाएगा और आप इसे पके हुए फूड के साथ आराम से एज्वॉय कर पाएंगी।
  • अगर आपके पास स्टीम करने का ऑप्शन नहीं है, तो अपने मेन मील और सलाद को अलग-अलग समय पर खाएं, ताकि डाइजेशन पर बुरा असर न हो।
  • एक्सपर्ट का कहना है कि कच्चे सलाद को पचाने में डाइजेस्टिव सिस्टम को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में इसे सुबह और दोपहर के समय खाएं जब जठराग्निन चरम पर होती है।

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आयुर्वेद, शरीर की प्रकृति के हिसाब से खाने के समय और तरीके को चुनने पर जोर देता है। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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Image Credit:Freepik, Shutterstock

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