गलत जीवनशैली और खानपान वजन बढ़ाने में बड़ी मदद करते हैं। बढ़ा हुआ वजन घटाना इतना आसान नहीं है। हम हर दिन चाहे अपना रूटीन सेट कर लें, लेकिन उस पर कभी काम नहीं कर पाते। ऑफिस और घर के कामों से इतना वक्त भी नहीं मिल पाता कि नियमित रूप से एक्सरसाइज कर सकें। कई बार क्योंकि खाना-पीना भी गड़बड़ हो जाता है, तो चर्बी बढ़ने लगती है।
आज हम आपकी मदद करने के लिए यहां हाजिर हुए हैं। ज्यादा कुछ नहीं, बस खाने में थोड़ा-सा बदलाव आपकी डाइट को सही कर सकता है। इससे आपके वजन पर भी फर्क पड़ेगा। आप गेहूं की रोटी की जगह ओट्स के आटे को अपने आहार में शामिल करें। ओट्स ग्लूटेन फ्री होता है और इस तरह से आपके गट हेल्थ को भी स्वस्थ रखता है और वजन घटाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। आइए ओट्स के फायदे और इसे आहार में शामिल करने का तरीका विस्तार से यहां जानें।
क्या है ओट्स का आटा?
ओट्स का आटा, ओट्स को पीसकर तैयार किया जाता है। यह एक ग्लूटेन फ्री उत्पाद है, जो सॉल्युबल फाइबर का अच्छा और हेल्दी स्रोत होता है। आप इसमें अन्य प्रकार के आटे को भी मिला सकते हैं, जिससे उसकी न्यूट्रिएंट्स वैल्यू और भी बढ़ सकती है। इसका टेक्सचर दरदरा होता है और यह सफेद रंग का होता है। ओट्स की तरह ही इसके आटे का स्वाद और फ्लेवर होता है।
ओट्स का आटा खाने के फायदे-
ओट्स का आटा खाने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसकी वजह से यह लोकप्रिय हो रहा है। ओटमील और आटे के पोषण मूल्य में कोई भिन्नता नहीं होती, क्योंकि उन्हें एक ही तरीके से बनाया जाता है, इसलिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि कौन-सा ज्यादा पौष्टिक है।ये जर्म, ब्रान और एंडोस्पर् से तैयार होते हैं, यही कारण है कि यह अधिक पोषणयुक्त होते हैं।
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रक्तचाप को नियंत्रित करता है
ओट्स का आटा एवेंथ्रामाइड्स सहित कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाकर रक्तचाप के स्तर को कम कर सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन की एक रिसर्च के मुताबिक, यह हल्के या बॉर्डरलाइन हाई ब्लडप्रेशर वाले रोगियों में सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए ओट्स का आटा स्वस्थ विकल्प हो सकता है।
पाचन स्वास्थ्य में सुधार करता है
ओट्स में मौजूद डाइट्री फाइबर को पचाना आसान होता है। यह आपके मल को नरम करता है और इस तरह बाउल मूवमेंट भी बेहतर होता है। इसके अलावा, यह इंटेस्टाइन हेल्थ में सुधार करता है। ओट्स में बीटा-ग्लूकन होता है, जिसके फाइबर के टूटने और फर्मेंट होने से गट माइक्रोबायोटा में वृद्धि होती है, जो पाचन के लिए अच्छा होता है। इस तरह से यह दस्त, कब्ज और इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम जैसे पाचन संबंधी समस्याओं को कम करता है।
वजन घटाने में कैसे करता है मदद?
डाइट्री फाइबर के कारण ही इसे वजन घटाने के लिए एक पौष्टिक आहार माना जा सकता है। फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का मेल इसे मेटाबॉलिज्म के लिए अच्छा विकल्प बनाता है। मेटाबॉलिज्म अच्छा होने से आपका सीसीके हार्मोन ट्रिगर होता है, जो आपके मस्तिष्क को संकेत देता है कि आपका पेट भर गया है। यह फैट को अब्सॉर्ब करके बाउल मूवमेंट को रेगुलर करता है। अपने व्यंजनों में इस आटे को शामिल करके, आप अपने दैनिक फाइबर की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। ओट्स का आटा क्रेविंग्स को रोककर आपको वजन घटाने में मदद करता है।
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ओट्स के आटे को ऐसे करें आहार में शामिल?
ओट्स के आटे को कई तरह से अपने आहार में शामिल किया जा सकता है। सबसे पहला तरीका है कि आप गेहूं के आटे को इससे रिप्लेस करें। इसके अलावा पराठे के लिए भी इसके आटे का ही उपयोग करें। पकौड़े या अन्य स्नैक्स बनाने के लिए ओट्स के आटे का इस्तेमाल करें। वहीं, बेसन के चीले की जगह ओट्स के आटे का चीला बनाएं। इससे ग्रेवी को थिक किया जा सकता है। साथ ही, मफिन्स और पैनकेक बनाए जा सकते हैं (हेल्दी चीला रेसिपीज)।
ओट्स, ओटमील और ओट्स के आटे को अपने आहार में शामिल करें और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं। इसे धीरे-धीरे अपनी थाली का हिस्सा बनाएं और स्वस्थ तरीके से वजन घटाने की यात्रा को शुरू करें।
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Image Credit: Freepik
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