गर्मियों का मौसम में हमें बहुत ध्यान से कुछ खाना-पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में ही तबियत खराब होने की गुंजाइश सबसे ज्यादा रहती है और साथ ही साथ इस मौसम में हमें लगता है कि फल, दूध, दही ज्यादा लेना चाहिए, लेकिन अधिकतर लोगों को पेट में समस्या इस कारण होती है क्योंकि वो ये नहीं समझ पाते कि किस चीज़ को कैसे खाना है।
आयुर्वेद में हर चीज़ को सही तरह खाने के कई नियम हैं और उनमें से कुछ नियम फलों पर भी लागू होते हैं। ताज़ा फल बहुत अच्छे होते हैं और आसानी से डायजेस्ट हो जाते हैं, लेकिन अगर उन्हें किसी गलत चीज़ के साथ खाया गया तो ये हाजमे को बिगाड़ भी सकते हैं। आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने हमें बताया कि कई ऐसे फल होते हैं जिन्हें दूध के साथ खा लिया जाता है, लेकिन असल में देखा जाए तो उन्हें दूध के साथ खाना बहुत ही ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।
डॉक्टर दीक्षा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट भी शेयर किया है जिसमें ये बताया गया है कि फलों को किस तरह से खाया जाए।
डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक जब भी फलों को किसी हेवी फूड के साथ या उसके बाद खाया जाता है तो पेट में ये पचने में बहुत समय लेते हैं और यही कारण है कि ये पेट में बहुत लंबे समय तक बने रहते हैं और डायजेस्टिव सिस्टम में मौजूद जूस फरमेंट होने लगते हैं। ये पेट के अंदर वैसा ही असर करते हैं जैसे पके हुए फल सूरज की धूप में करते हैं।
आयुर्वेद में ऐसे फरमेंटेशन को 'आम' या फूड टॉक्सिन कहा जाता है। ये एसिडिक वेस्ट हमारे डायजेस्टिव ट्रैक्ट पर असर जालता है और इससे हमारे डायजेस्टिव जूसेस के बनने में भी फर्क होता है। ऐसे में न्यूट्रिएंट्स ठीक से शरीर में एब्जॉर्ब नहीं हो पाते हैं। यही कारण है कि कई लोगों को फूड सेंसिटिविटी और आंतों में इन्फेक्शन और जलन होती है।
फलों को खाना सही आइडिया हो सकता है, लेकिन आपको ये ध्यान रखना चाहिए कि आप सिर्फ फल ही खाएं न कि उन्हें डेजर्ट की तरह खाएं और न ही किसी अन्य खाने के साथ खाएं।
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आयुर्वेद के मुताबिक फल खाने का सही समय होता है खाना खाने के 1 घंटे पहले या दो घंटे बाद में। इन्हें किसी भी तरह के मील्स के साथ मिलाना आपके डायजेस्टिव ट्रैक्ट को खराब कर सकता है। फल खुद स्नैक्स की तरह खाए जा सकते हैं, लेकिन उन्हें किसी भी चीज़ के साथ मिलाना अच्छा ऑप्शन नहीं हो सकता है।
आयुर्वेद में फलों और दूध को एक साथ मिलाने के कई नियम हैं जिनमें पहला नियम ये है कि दूध को हमेशा पूरी तरह से पके हुए और मीठे फलों को साथ ही मिलाना चाहिए। जैसे पका हुआ आम और दूध मिलाना सही हो सकता है।
इसके अलावा, एवोकाडो भी दूध के साथ मिलाया जा सकता है। ये दूध को बटर वाला टेक्सचर देता है। इसी के साथ, दूध में ड्राई फ्रूट्स को मिलाना एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। खजूर, किशमिश, अंजीर आदि को दूध के साथ लिया जाता है और ये काफी पौष्टिक आहार हो सकते हैं।
अक्सर स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक पीना लोग पसंद करते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ये सेहत के लिए उतना अच्छा नहीं होता है। डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक सभी तरह की बेरीज (स्ट्रॉबेरी के साथ) दूध के साथ नहीं खानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जब बेरीज को दूध के साथ मिलाया जाता है तो दूध ठीक से पच नहीं पाता और वो हमारे डायजेशन के पहले प्रोसेस में ही रह जाता है। अगर आपका डायजेशन खराब है तो स्ट्रॉबेरी मिल्कशेक पीना सही नहीं होगा। इसे पिएं तो भी लिमिट में ही पिएं। इसी तरह पपीते के साथ दूध को मिलाना भी बिलकुल सही नहीं माना जाता है।
अक्सर हमने देखा है कि केले और दूध को हमेशा मिलाकर पिया जाता है। बनाना शेक सबसे प्रचलित ड्रिंक्स में से एक है, लेकिन ये डायजेशन के लिए अच्छा नहीं होता। डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक इससे पोस्ट डायजेस्टिव असर खराब होते हैं और इन दोनों को साथ मिलाकर नहीं पीना चाहिए।
आमतौर पर दूध और फलों को अलग-अलग लेना अच्छा होता है।
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