सरसों के दाने हमारे किचन में मसालों के रूप में इस्तेमाल होने वाली मुख्य सामग्री में से एक हैं। आमतौर पर इनका इस्तेमाल किसी भी खाने में तड़का लगाने में किया जाता है। टेस्टी साम्भर में स्वाद जोड़ना हो या फिर कढ़ी में जायके का तड़का लगाना हो, सरसों के दानों का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है। आमतौर पर सरसों के दाने काले और पीले रंग में पाए जाते हैं। जिसमें से काली सरसों का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। लेकिन क्या आप जानती हैं किचन में इस्तेमाल होने वाली काली सरसों ही नहीं बल्कि पीली सरसों के दाने भी कई तरह से हमारी सेहत के लिए लाभदायक हैं। यही नहीं पीली सरसों में पाए जाने वाले विभिन्न पोषक तत्व त्वचा को निखारने के लिए भी इस्तेमाल में लाए जाते हैं।
कई तरह से उपयोगी पीली सरसों के दाने अपने स्वास्थ्य गुणों की वजह से न सिर्फ किचन में बल्कि आयुर्वेद में भी मुख्य स्थान रखते हैं। आइए पीलीभीत के सलोनी हॉस्पिटल के जाने माने डॉक्टर वी. के.श्रीवास्तव (एम डी, आयुर्वेद, पी.एच. डी.) से इस लेख में जानें पीली सरसों के दानों के सेहत से जुड़े कुछ ऐसे फायदों के बारे में जो आपने पहले नहीं सुने होंगे।
हड्डियों की मुख्य बीमारी जैसे गठिया से पीड़ित लोगों के लिए पीली सरसों के बीज बेहद लाभकारी हैं। इसमें मौजूद सेलेनियम और मैग्नीशियम की मात्रा इस समस्या से राहत दिलाने में मदद करती है। पीली सरसों के दानों को आहार में शामिल करके न सिर्फ आर्थराइटिस बल्कि हड्डियों से सम्बंधित अन्य कई समस्याओं से भीछुटकारा पाया जा सकता है।
पीली सरसों के बीजों में ग्लूकोसाइनोलेट्स और मिरोसिनेज जैसे तत्वों की उपस्थिति होती है। ये सभी तत्व कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने के लिए फाइटोकेमिकल्स का उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं। विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे सर्वाइकल कैंसर और लीवर कैंसर से लड़ने के लिए ये दाने मुख्य रूप से प्रभावी होते हैं। हालांकि इन्हें कैंसर की औषधि के रूप में नहीं देखा जा सकता है लेकिन इन्हे डाइट में शामिल करने से कैंसर की बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
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पीली सरसों के बीजों में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो मसूड़ों और दांतों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं। यदि दांतों में बहुत ज्यादा दर्द हो तो पीली सरसों को पीसकर उसका पाउडर बना लें और इसे सरसों के तेल और नमक के साथ मिलाकर दांतों और मसूड़ों की मसाज करें। बहुत जल्द ही दर्द से छुटकारा मिलेगा और ये दांतों को मजबूती भी प्रदान करती है।
सरसों के बीज में मौजूद मैग्नीशियम (मैग्नीशियम की कमी से होने वाली समस्याएं) की मात्रा के कारण माइग्रेन का दर्द काफी हद तक कम किया जा सकता है। किसी भी खाने की सामग्री में काली सरसों की जगह पीली सरसों के दानों को शामिल करें जिससे किसी भी तरह के सिर दर्द में राहत मिलती है।
पीली सरसों के दाने त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इसमें कुछ घरेलू सामग्रियां मिलाकर तैयार किये गए उबटन का त्वचा में इस्तेमाल करने से चेहरे में ग्लो आ जाता है। पीली सरसों के दाने त्वचा को हाइड्रेट रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा ये त्वचा की सभी अशुद्धियों को दूर करके मुंहासों से बचाते हैं। लेकिन पीली सरसों के त्वचा पर इस्तेमाल से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेनी जरूरी है। इसके अलावा पीली सरसों के दानों को अपने आहार में शामिल करके आप त्वचा के जल्दी बूढ़ा होने की समस्या से भी छुटकारा पा सकती हैं। पीली सरसों के बीज विटामिन- ए, के और सी से भरपूर होते हैं जो एजिंग के लक्षणों को कम करते हैं।
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उपर्युक्त सभी कारणों से पीली सरसों के दानों को अपनी नियमित डाइट में शामिल करना जरूरी है। लेकिन यदि आप स्वास्थ्य संबंधी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो इनके सेवन से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
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