अच्छी सेहत के लिए हमें कई तरह के मिनरल्स और विटामिन्स की जरूर होती है। जिन विटामिन्स से हमें फायदा होता है, उन्हीं में एक विटामिन बी 3 है। इसे निकोटिनिक एसिड और नियासिन भी कहा जाता है। यह पाचन तंत्र से लेकर तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। यह केमिकल कंपाउंड एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है।
आमतौर पर विटामिन बी3 की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में रेड मीट, चिकन, बादाम, राजमा, मटर, हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर आदि को शामिल करने की सलाह दी जाती है। वैसे आपको शायद पता ना हो लेकिन विटामिन बी3 आपकी सेहत के बहुत फायदेमंद है। वास्तव में, यह आपके डीएनए और सेलुलर स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इससे सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानें चीफ क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. सीमा सिंह से।
यह पोषक तत्व पानी में घुलनशील होता है और कई सामान्य खाद्य पदार्थों जैसे मांस, टूना मछली, सीड्स, मशरूम, चिकन और हरे पत्तेदार सब्जियों आदि में पाया जाता है। यह बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन का एक हिस्सा है, जिसमें विटामिन-बी 1, विटामिन बी 2 और अन्य बी-कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। यह एक महत्वपूर्ण विटामिन है और दिल की सेहत से लेकर मेटाबॉलिज्म में सुधार करने तक आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है। नियासिन डीएनए बनाने और रिपेयर करने में मदद करता है।
विटामिन पाचन और गठिया के लक्षणों में सुधार के साथ-साथ त्वचा और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करता है। इससे स्वास्थ्य को अन्य लाभ भी होते हैं, वे इस प्रकार हैं-
विटामिन-बी3 आपके शरीर में एनर्जी के लेवल को बढ़ाता है। दरअसल, विटामिन-बी3 शरीर में मौजूद खाद्य पदार्थों को एनर्जी में परिवर्तित कर सकता है। इससे शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और कमजोरी दूर होती है। यह अन्य विटामिन के साथ कार्य करके कार्बोहाइड्रेट से भी शरीर के लिए एनर्जी बनाता है।
शरीर में नियासिन की कमी के कारण कई प्रकार के मानसिक रोग हो सकते हैं। सिजोफ्रेनिया रोग भी उन्हीं विकारों में से एक है, जिससे राहत पाने के लिए नियासिन का सेवन लाभकारी हो सकता है। यह विटामिन मस्तिष्क को हुए नुकसान को कम करने में सहायक होता है। साथ ही विटामिन-बी3 नर्व्स को सही तरीके से काम करने में भी मदद कर सकता है। इसके अलावा यह स्ट्रेस, अवसाद, चिंता को भी दूर करने में सहायक है।
एलडीएल कोलेस्ट्रोल को कम करने के साथ ही यह विटामिन एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक हो सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, नियासिन का सेवन एचडीएल कोलेस्ट्रोल के स्तर को 15 से 35 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है। इस कोलेस्ट्रोल के बढ़ने से धमनी रोग और स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।
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त्वचा के लिए भी विटामिन-बी 3 आवश्यक होता है। एक स्टडी के मुताबिक, यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है, जो त्वचा को झुर्रियों से बचाने और स्किन इलास्टिसिटी में सुधार करने में सहायक हो सकता है। इससे बालों के झड़ने की समस्या भी कम होती है और बालों के पतले और रूखे होने की समस्या से भी निजात मिलती है।
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इसके सेवन से गठिया के दर्द में राहत मिलती है। यह ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है और साथ ही जोड़ों के लचीलेपन को बनाए रखता है। साथ ही इसके कारण होने वाले जोड़ों की सूजन को भी कम करने में सहायक माना जाता है। ऐसे में गठिया से बचाव के लिए विटामिन-बी3 का सेवन किया जा सकता है।
यह पाचन शक्ति में भी सुधार करता है और डायबिटीज जैसी बीमारियों में राहत पहुंचाता है। इस कारण आपको अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करने चाहिए, जो विटामिन-बी3 से समृद्ध हो। आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे लाइक और शेयर करें। आहार व पोषण से जुड़े ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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