अगर आपका दिल स्वस्थ रहे तो आपकी overall हेल्थ अच्छी रहती है और इसमें अहम रोल अदा करती है आपकी डाइट। अच्छी बात ये है कि अगर आप हेल्दी डाइट ले रही हैं तो आपका दिल स्वस्थ रहने के साथ-साथ आपका वजन भी कंट्रोल में रहता है। प्रीवेंटिव कार्डियोलॉजी एंड न्युट्रिशन प्रोग्राम में डायटीशियन जूली जुंपानो का मानना है कि कुछ खास तरह के फूड आइटम्स अपनाकर आप कार्डियोवेस्कुलर डिजीज का खतरा कम कर सकती हैं। डॉ. जुंपानो का सुझाव है कि फूड आइटम्स को उनकी नेचुरल फॉर्म में खाया जाए तो उनका असर ज्यादा होता है। इसमें fish, whole grains, vegetables और fruits भी शामिल हैं। डॉ. जुंपानो ने इन फूड आइटम्स के बारे में बताया है, जिनसे healthy meals और snacks तैयार किए जा सकते हैं।
1. सालमन
ऐसी फिश का सेवन करें, जो ओमेगा 3 फैडी एसिड्स में high हैं, जैसे कि salmon, tuna, mackerel, herring और trout.ओमेगा 3 फैडी एसिड्स arrhythmia( इररेगुलर हार्ट बीट की समस्या ) और atherosclerosis ( आर्ट्रीज के भीतर जम जाने वाला प्लाक) का जोखिम कम करने के लिए जानी जाती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का सुझाव है कि हफ्ते में कम से कम दो बार फैटी फिश का सेवन जरूर करना चाहिए।
3. ब्लूबेरीज
सिर्फ ब्लूबेरीज ही नहीं बल्कि दूसरी बेरी भी दिल के लिए बहुत अच्छी हैं। एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि 25 से 42 के बीच की जिन महिलाओं ने हफ्तों में तीन बार ब्लू बेरीज और स्ट्रॉबेरी का सेवन किया, उनमें हार्ट अटैक होने के आसार 32 फीसदी तक घट गए। बेरीज में anthocyanins, flavonoids जैसे तत्व होते हैं, जो एंटीऑक्सिडेंट का काम करते हैं और ब्लड प्रेशर में कमी लाते हैं।
4. डार्क चॉकलेट्स
कई अध्ययनों में यह बात पाई गई है कि डार्क चॉकलेट खाना दिल के लिए अच्छा होता है। इससे non fatal heart attack और स्ट्रोक में कमी आती है। यह बात सिर्फ डार्क चॉकलेट पर ही लागू होती है यानी ऐसी चॉकलेट, जिसमें 60-70 फीसदी कोकोआ होता है। डार्क चॉकलेट्स में फ्लेवेनॉएड्स होते हैं, जो ब्लड प्रेशर, क्लॉटिंग और इन्फ्लेमेशन में कमी लाते हैं।
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5. खट्टे फल
जो महिलाएं अंगूर और संतरे जैसे ज्यादा खट्टे फलों का सेवन करती हैं, उन्हें इनसे मिलने वाले flavanoids से ischemic stroke का खतरा 26 फीसदी तक कम हो जाता है। खट्टे फलों में विटामिन सी भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हार्ट डिजीज के खतरे को कम करने वाला माना गया है।
2. ओटमील
इसमें सॉल्युबल फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल में कमी आती है। यह डाइजेस्टिव ट्रेक्ट में स्पंज की तरह काम करता है औरकोलेस्ट्रॉलको सोख लेता है। इससे कोलेस्ट्रॉल के bloodstream में शामिल होने की आशंका नहीं रहती।
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