कई लोगों ने बचपन में अपनी मां-दादी को सिलबट्टे पर चटनी पीसते देखा होगा। कई लोगों ने तो खुद भी ये काम किया होगा। कहावत है कि सिलबट्टे पर पिसी हुई चटनी या फिर कुटे हुए मसालों का स्वाद कुछ अलग ही आता है। पर क्या ऐसा वाकई है? सिलबट्टे पर चटनी पीसने के कई फायदे हैं और आज हम आपको उन्ही फायदों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही आपको बताने जा रहे हैं एक इम्यूनिटी बूस्टिंग चटनी की रेसिपी।
1. सबसे पहला फायदा ये है कि सिलबट्टे पर जो भी इंग्रीडियंट्स डाले जाते हैं उनमें कुटा हुआ फ्लेवर आता है। पेस्ट या पाउडर की तुलना में कुटा हुआ फ्लेवर ज्यादा बेहतर होता है और इसीलिए स्वाद के मामले में सिलबट्टे को बेहतर माना जा सकता है।
2. अगर आप लोहे या फिर पत्थर के सिलबट्टे का इस्तेमाल कर रही हैं तो ये आयरन से भरपूर होगा। ये वही फायदे देगा जो लोहे की कढ़ाई में खाना बनाने के फायदे होते हैं।
3. सिलबट्टे पर कुछ भी कूटने या पीसने का एक अच्छा फायदा है एक्सरसाइज।
4. कुटी हुई चीज़ों की खुशबू ज्यादा बेहतर आती है। पिसे हुए जीरे की तुलना में भुने और कुटे हुए जीरे की महक ज्यादा अच्छी होती है। ऐसे ही अन्य सामग्री के साथ भी होता है।
तो अब आप समझ ही गए होंगे कि सिलबट्टे पर चटनी या मसाले पीसने के फायदे क्या होते हैं। ऐसे में क्यों न हम आपको एक खास चटनी की रेसिपी बताएं जो सिलबट्टे पर पीसी जा सकती है।
ये है इम्यूनिटी बूस्टिंग चटनी जिसे न्यूट्रिशनिस्ट लवलीन कौर ने अपने फेसबुक पेज पर शेयर किया था। उन्होंने लिखा कि इस चटनी को रोज़ाना के खाने के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है। ये इम्यूनिटी के लिए बहुत अच्छी है।
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सामग्री-
1 कच्चा आम, 3 कली लहसुन, 2 इंच अदरक का टुकड़ा, 1/2 छोटा प्याज, 1 टमाटर, 1 चम्मच अनारदाना, 10-12 करी पत्ते, 4-5 अजवाइन की पत्तियां, 5-6 तुलसी की पत्तियां, 1 कप पुदीने की पत्तियां, 1 कप कटा हुआ धनिया, 2-3 हरी मिर्च, सेंधा नमक स्वादानुसार, इमली या गुड़ (ऑप्शनल)
तरीका-
सभी इंग्रीडियंट्स को एक साथ मिलाकर कूट लीजिए। इसे हर रोज़ के अपने खाने के साथ खाएं।
लवलीन कौर ने अपने इस फेसबुक पोस्ट में ये भी बताया कि आखिर जो इंग्रीडियंट्स इस चटनी में इस्तेमाल किए गए हैं उनके फायदे क्या हैं।
1. कच्चा आम, टमाटर, अनार दाना विटामिन C से भरपूर होते हैं।
2. अदरक, लहसुन, प्याज और टमाटर सभी में एंटी ऑक्सिडेंट्स और जरूरी विटामिन और मिनरल बहुत होते हैं।
3. ताज़ी पत्तियां डाइजेशन के लिए अच्छी होती हैं।
4. तुलसी की पत्तियों से जी मिचलाने जैसी समस्याएं खत्म होती हैं।
लवलीन ने ये भी साफ किया है कि इस चटनी को कौन खा सकता है और कौन नहीं।
1. जिन लोगों को अपना शुगर लेवल मेंटेन करना हो वो इसे खा सकते हैं।
2. ये एसिडिटी में भी आराम दे सकती है (अगर मिर्च हटा दी जाए तो)
3. ये कॉन्सटिपेशन में भी आसाम दे सकती है क्योंकि इसमें फाइबर कंटेंट ज्यादा होता है।
4. इसमें विटामिन सी है जो आयरन को अच्छी तरह से एब्जॉर्ब करता है।
5. ये पीसीओडी के लिए अच्छी है और साथ ही थायरॉइड और अन्य हार्मोनल इम्बैलेंस को दूर करती है।
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- जिन्हें IBS या इरिटेबल बाउल सिंड्रोम है
- जो प्रेग्नेंट हैं (सावधानी पूर्वक चटनी खानी चाहिए)
लवलीन ने सिलबट्टे के फायदे भी बताए और कहा कि इस प्रोसेस में बिलकुल भी हीट पैदा नहीं होती है और इससे खाना टेस्टी बनता है। इसमें ज्यादा फ्लेवर आता है।
तो अब आप समझ ही गए होंगे कि आपको किस तरह की चटनी सिलबट्टे में पीसनी है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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