2016 में न्यूयॉर्क में एक अध्ययन से पता चला था कि हाई ब्लड प्रेशर वाले 95% व्यक्ति पूरी तरह से असिम्प्टोमटिक थे। हाई बीपी को 140 या उससे अधिक के सिस्टोलिक बीपी और 90 या उससे अधिक के डायस्टोलिक बीपी के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसका मतलब है कि आप कभी नहीं जान सकती हैं कि आपको हाई बीपी है। भारत में किए गए और 2019 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार समाज में हाई बीपी की व्यापकता बताती है कि 20 से कम आयु के 22% लोग हाइपरटेंसिव हैं, 20 से 44 साल के 44% लोग हाइपरटेंसिव हैं और 45 या उससे अधिक उम्र के 50% लोग हाइपरटेंसिव हैं।
उपरोक्त आंकड़े बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर समाज में बहुत अधिक प्रचलित है और बढ़ती उम्र के साथ इसकी व्यापकता बढ़ती है। कुछ मामलों में हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त होने में अंतर्निहित कारण हो सकते हैं, इन कारणों में सुधार करके हाई ब्लड प्रेशर को ठीक किया जा सकता है। हालांकि बहुमत में कारण अज्ञात हैं लेकिन हाई ब्लड प्रेशर बढ़ती उम्र और धमनी मांसलता की कठोरता के कारण होता है। विभिन्न अन्य कारकों में धमनी की मांसलता बढ़ जाती है, जिससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, डिसिप्लिडिमिया, धूम्रपान, मोटापा, शारीरिक गतिविधियों की कमी आदि समस्याएं होने लगती हैं। अत्यधिक नमक का सेवन और गलत खान-पान भी हाई ब्लड प्रेशर के लिए जोखिम कारक हैं।
भोजन की आदतों और हाई ब्लड प्रेशर के संबंध में बहुत सारे शोध किए गए हैं। भोजन की अच्छी आदतें भी डायबिटीज, मोटापे, डिस्लिपिडेमिया के जोखिम को कम करती हैं, जो हाई ब्लड प्रेशर के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि निम्नलिखित भोजन की आदतों को अपनाकर आप हाई ब्लड प्रेशर की रोकथाम या नियंत्रण कर सकती हैं। इन फूड्स के बारे में हमें एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट, मुंबई के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संतोष कुमार डोरा बता रहे हैं।
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नमक का कम सेवन
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दिन में 5 ग्राम से अधिक नमक के सेवन को हेल्थ के लिए बुरा माना है। इससे वॉटर रिटेंशन होता है और धमनी मांसलता का सख्त होना हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है। बड़ी संख्या में नैदानिक अध्ययनों ने नमक के सेवन में कमी से ब्लडप्रेशर में गिरावट पाई। दिन में 3 ग्राम नमक का सेवन कम करने से सिस्टोलिक बीपी में 5.6 मिमी एचजी की कमी आती है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों में दिन में 2.3 ग्राम से अधिक नमक के सेवन की सिफारिश नहीं करता है।
फलों और सब्जियों का सेवन
अध्ययनों से पता चला है कि फलों और सब्जियों के सेवन से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। डब्ल्यूएचओ रोजाना कम से कम 5 सर्विंग फलों और सब्जियों की सिफारिश करता है, जबकि अनसैचुरेटेड और कुल फैट का सेवन कम करने और हेल्दी फैट जैसे ऑलिव ऑयल, नट और बीज शामिल करने की सलाह देता है। इस तरह के आहार से सिस्टोलिक बीपी औसतन 8 से 14 मिमी एचजी कम हो जाता है। फल और सब्जियां बढ़ी हुई आहार पोटेशियम प्रदान करते हैं जो बीपी को कम करने में मदद करता है।
साबुत अनाज
साबुत अनाज जैसे ओट्स, जौ, बाजरा, राई, क्विनोआ, ब्राउन राइस, ब्राउन ब्रेड आदि में एंडोस्पर्म, जर्म्स और चोकर सहित सभी 3 परतें होती हैं। ये कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ न केवल कार्बोहाइड्रेट प्रदान करती हैं, बल्कि बहुत सारे फाइबर, पोटेशियम और अन्य पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। इससे ब्लडप्रेशर कम होने लगता है। इसके अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं जैसे डायबिटीज, मोटापा और कैंसर की रोकथाम।
ओमेगा -3 फैटी एसिड
कोलेस्ट्रॉल, अनसैचुरेटेड फैट, हाइड्रोजनीकृत ट्रांस फैट एथेरोजेनिक हैं और हाई ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं। इसके विपरीत, मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। ओमेगा -3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं। नॉनवेज खाने वाले ओमेगा-3 फैटी एसिड के रूप में मछली और मछली के तेल का विकल्प होता है और वेज खाने वालों के पास सन बीज, अखरोट, सोयाबीन, चिया बीज आदि का विकल्प होता है।
विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट
कम विटामिन डी हाई ब्लड प्रेशर से संबंधित है। विभिन्न मिनरल्स जैसे मैग्नीशियम, जिंक, पोटेशियम आदि का लो लेवल भी हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ा हुआ है। इन विटामिनों और मिनरल्स को भरपूर मात्रा में लेने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है। सामान्य रूप से हेल्दी भोजन का सेवन इन सभी विटामिनों और मिनरल्स की कमी को पूरा करता है। हालांकि, अगर कमी ज्यादा है तो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करने के लिए भोजन के अलावा सप्लीमेंट को भी लिया जा सकता है।
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डाइट प्लान
DASH (हाई ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए आहार दृष्टिकोण) हाई बीपी से लड़ने वाला एक फेमस डाइट प्लान है। इसमें फल, सब्जियां, मध्यम मात्रा में साबुत अनाज, दालें, लीन मीट, मछली, लो फैट डेयरी प्रोडक्ट्स, नट्स आदि शामिल हैं। कम नमक आहार (प्रति दिन 5 ग्राम से कम नमक) भी एक बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है। आपको फैट, तली हुई चीजों, अंडे की जर्दी, ऑर्गन (लिवर, किडनी) और नॉन वेज फूड से बचने की जरूरत है। DASH डाइट के नियमित सेवन से सिस्टोलिक ब्लडप्रेशर को 8 से 14 मिमी एचजी तक कम किया जा सकता है।
हेल्दी डाइट ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में आपकी करती है। इसलिए अपनी दवाओं के साथ-साथ डाइट पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
Image Credit: Freepik.com
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