फलों का सेवन हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है। डॉक्टर भी सेहतमंद रहने के लिए मौसमी फल खाने की सलाह देते हैं। इसलिए कुछ लोग फलों को दूध के साथ खाना पसंद करते हैं, जबकि अन्य जूस के रूप में। कुछ तो फलों को रात में सोने से पहले खाते हैं।
फलों की मात्रा, गलत समय पर फलों का सेवन और गलत तरीकों से फलों का सेवन ऐसी गलतियां हैं, जिनकी वजह से फलों का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है।
हर चीज की तरह, फलों से भरपूर पोषण पाने के लिए उनका सेवन करने का एक सही तरीका और समय होता है। आज हम आपको फलों के सेवन से जुड़े 3 गोल्डन रूल्स बता रहे हैं। इसकी जानकारी आयुर्वेद और आंत स्वास्थ्य कोच डॉ. डिंपल जांगडा ने शेयर की है। उनका कहना है, ''फलों का पूरा फायदा पाने के लिए आयुर्वेद में कुछ नियमों को फॉलो करना जरूरी होता है।''
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रूल नंबर- 1
आयुर्वेद के अनुसारफल कभी भी किसी भी चीज के साथ या उसके तुरंत बाद नहीं खाना चाहिए। लेकिन, ज्यादातर लोग फलों को अन्य चीजों के साथ मिक्स करके खाना पसंद करते हैं।
फलों को अन्य चीजों जैसे फलियां, सब्जियां, अनाज, दूध, दही, मीट के साथ न मिलाएं। ऐसा करने से ये ठीक से पचते नहीं हैं, जबकि सिर्फ फल जल्दी पच जाते हैं। इसे सिस्टम से गुजरने में 3 घंटे (आपके पेट में 1 घंटा, छोटी आंत में 1 घंटा, बड़ी आंत में 1 घंटा) की आवश्यकता होती है।
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रूल नंबर-2
सूरज के ढलने के बाद फलों का सेवन न करें, क्योंकि फलों में मौजूद पाचक एंजाइम सोने के तरीके को प्रभावित करते हैं। सोने के लिए बिस्तर पर जाने से पहले फल खाने से भी शुगर का लेवल बढ़ सकता है, जिससे व्यक्ति ज्यादा एक्टिव हो जाता है और सो नहीं पाता है।
रूल नंबर-3
कई लोग दिन में कम से कम एक मील में सिर्फ फल खाते हैं। इसके लिए, वह फ्रूट चाट, फ्रूट सलाद और फ्रूट बाउल खाना पसंद करते हैं। यह माना जाता है कि अगर सही तरीके से नहीं खाया जाता है, तो वे जल्दी फॉर्मेट या सड़ जाते हैं और अपच का कारण बनते हैं। इससे पेट फूलना, सूजन, दस्त और हार्ट बर्न जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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फलों की 3 श्रेणियां
मीठे फल
आम, पका केला, पपीता, खरबूज, आडू, एवोकाडो, पाइनएप्पल, आलूबुखारा आदि मीठे फल हैं। ये फल प्रकृति में थोड़े भारी, सॉफ्ट और ऑयली होते हैं और आपके शरीर के निर्माण और पोषण में मददकरते हैं।
आयुर्वेद में, मीठा स्वाद हड्डियों, मसल्स, दांतों, नाखूनों और बालों जैसे टिश्यू के निर्माण में मदद करता है। यह पृथ्वी और जल प्रधान होते हैं।
खट्टे फल
खट्टे फलों की लिस्ट में नींबू, चेरी टमाटर, संतरा, कीनू, अंगूर, आलूबुखारा, बेरीज, चेरी, अंगूर, कीवी, हरा आम आदि शामिल हैं। इन फलों की प्रकृति हल्की, ऑयली और गर्म होती हैं।
खट्टा स्वाद मुंह को नम करता है और लार के फ्लो को बढ़ाता है। ये पृथ्वी और अग्नि प्रधान होते हैं, जो पित्त के हेल्दी फ्लो को बढ़ावा देते हैं और टिश्यू को साफ करने में मदद करते हैं।
कसैले फल (एस्ट्रिजेंट)
इस लिस्ट में सेब, नाशपाती, कच्चा केला (हरा), क्रैनबेरी, अनार, जामुन, चेरी, स्ट्रॉबेरी, तरबूज आदि शामिल हैं। ये फल वायु और पृथ्वी प्रधान होते हैं, और इनकी प्रकृति ड्राई, ठंडी और भारी होती है।
कसैला स्वाद टिश्यूओं की टोनिंग और टाइटनिंग के साथ पसीना कम करने और अतिरिक्त गर्मी को ठंडा करने में मदद करता है।
आप भी भरपूर पोषण पाने के लिए फल खाने के इन 3 नियमों को जरूर फॉलो करें। आपको भी हेल्थ से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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Image Credit: Shutterstock & Freepik
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