बुंदेलखंड अपने ऐतिहासिक किलों, वीरता और संस्कृति के लिए जाना जाता है। पर क्या कभी आपने यहां के किचन में झांककर देखा है? यहां की मिट्टी सिर्फ तलवारों की धार नहीं, बल्कि देसी स्वादों की भी सौगात लेकर आई है। अगर नहीं, तो यकीन मानिए... आप भारत की एक अनकहे स्वाद से बहुत दूर हैं। यहां पर कुछ ऐसी डिशेज हैं, जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। इसकी लिस्ट में रायता बाटी भी शामिल है, जिसे बेसन का रायता भी कहा जाता है।
हालांकि, यह नाम सुनते ही लगता है कि ये दाल बाटी जैसी होगी, लेकिन नहीं... ये उससे बिल्कुल अलग, देसी अंदाज में तैयार की जाने वाली, हल्के मसालों और ठंडे दही से सजी प्लेट यकीनन अच्छी लगती है। गांव की गलियों में चूल्हे पर सिकी बाटी, हाथ से फेंटा गया दही और फ्रेश देसी मसालों से बना रायता ...जब खाया जाता है तो मजा ही आ जाता है। अगर आप सच में भारत के लोकल फूड की आत्मा को महसूस करना चाहती हैं, तो बुंदेलखंड की रायता बाटी जरूर चखें और इससे जुड़े फैक्ट्स भी जानें।
क्या है रायता बाटी?
रायता बाटी एक पारंपरिक रायता है, जिसमें घी में सेंकी गई बाटी को मसालेदार दही के रायते में डुबोकर सर्व किया जाता है। इसमें मिर्च, जीरा, धनिया और हींग जैसे देसी मसाले होते हैं, जो रायते को चटपटे और कूलिंग स्वाद का कॉम्बिनेशन बनाते हैं।
बुंदेलखंड की मिट्टी से जुड़ी है ये रेसिपी
यह सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि पारंपरिक स्वाद है। यह हमें ग्रामीण परंपरा और बुंदेलखंड की याद दिलाता है। यहां के गर्म दिनों में यह रायता शरीर को ठंडक देने का काम करता है।
वहीं इसमें इस्तेमाल की गई बाटी पेट को भरने का काम करती है। हालांकि, वक्त के साथ-साथ इसकी लोकप्रियता कम होती जा रही है, क्योंकि इसकी जगह नई चीजें ले रही हैं।
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कैसे बनती है रायता बाटी?
- सबसे पहले बाटी तैयार की जाती है, इसके लिए गेहूं के आटे का इस्तेमाल किया जाता है। इसे एक बाउल में छानकर नमक, अजवाइन और घी डालकर बाटी तैयार की जाती हैं।
- वहीं, रायता बनाने के लिए दही को एक बाउल में निकालकर अच्छी तरह से फेंटा जाता है। इसमें भुना जीरा, नमक, लाल मिर्च, बारीक कटे हुए प्याज और टमाटर मिलाए जाते हैं। कुछ जगहों पर पुदीना और हरी मिर्च का तड़का भी दिया जाता है।
- इसे सर्व करने के लिए सबसे पहले गरमागरम बाटियों को आधा तोड़कर रायते में डुबो दिया जाता है। फिर ऊपर से देसी घी डाला जाता है। साथ में हरी मिर्च और भुना हुआ पापड़ भी सर्व जाता है।
छिपे हुए देसी खजाने से जुड़े फैक्ट्स
- इसमें कोई फैंसी चीज नहीं इस्तेमाल नहीं होती, सिर्फ देसी सामग्री और देसी मसाले ही डाले जाते हैं।
- बाटी और रायते का यह कॉन्ट्रास्ट ही इसे खास माना जाता है। गर्मियों में यह डिश शरीर को सुकून देने का काम करती है।
- इस डिश को अक्सर मिट्टी के चूल्हे और कंडों की आंच पर तैयार किया जाता है, जिससे इसमें अलग ही देसी खुशबू आती है।दही पाचन में मदद करता है और बाटी बिना तली हुई होती है, जिससे पेट पर भारी नहीं पड़ती।
कहां चख सकते हैं असली रायता बाटी का स्वाद?
बुंदेलखंड के धार्मिक आयोजनों में यह डिश प्रसाद के रूप में भी बांटी जाती है।वहीं, अगर आप चाहें झांसी, ओरछा, चित्रकूट और महोबा जैसे इलाकों में इसका लुत्फ उठाया जा सकता है।
अगर कभी बुंदेलखंड जाएं, तो रायता बाटी जरूर चखें या घर पर बनाकर ट्राई करें। अगर हमारी स्टोरी से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो आप हमें आर्टिकल के ऊपर दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
Image Credit- (@Freepik and shutterstock)
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