सूजी से आप कई तरह की डिश बनाकर खा सकती हैं जैसे आप इडली, उपमा, उत्तपम, ढोकला, केक, गुलाब जामुन आदि बना सकती हैं। लेकिन भारत में ज़्यादातर सूजी का इस्तेमाल कई तरह की स्वीट्स डिशेज बनाने के लिए किया जाता है। सूजी में कोलेस्ट्रॉल और फैट थोड़ा भी नहीं होता है और इसे खाने के भी बहुत फायदे हैं। लेकिन क्या आपको पता है सूजी कितनी तरह की होती हैं और इसे कैसे बनाया जाता है। अगर नहीं, तो आज हम आपको इन्हीं सवालों के जवाब देने वाले हैं। तो आइए जानते हैं कि इसे कैसे बनाया जाता है, यह कितनी तरह की होती हैं और इसके क्या फायदे हैं।
सूजी को अंग्रेजी में Semolina कहा जाता है और कई लोग इसे रवा के नाम से भी जानते हैं। यह सूजी पीले रंग की होती है। इस सूजी को गेहूं से बनाया जाता है। इसे बनाने से पहले गेहूं को अच्छी तरह साफ किया जाता है और फिर गेहूं को छोटे-छोटे टुकड़ों में पीसा जाता है। इन्हीं टुकड़ों को सूजी कहा जाता है।
सूजी को अपनी डाइट में शामिल करने के बहुत सारे फायदे हैं, जिसमें से कुछ फायदे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। तो चलिए जानते हैं..
गेहूं में स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट तत्व मौजूद होते हैं जो ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अच्छे होते हैं। सूजी गेहूं से तैयार किया जाता है इसलिए ये शरीर की ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए सूजी को अपने आहार में जरूर शामिल करें।
सूजी में कैल्शियम को मात्रा भरपूर रूप में पाई जाती है। कैल्शियम की उपस्थिति हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए आवश्यक होती है। एक रिसर्च के अनुसार 100 ग्राम अप्रकाशित सूजी के आटे में 17 मिलीग्राम कैल्शियम होता है।
सूजी आयरन से भरपूर होती है और इसकी कमी को रोकने में आपकी मदद कर सकती है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से रक्त संचार को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। इसलिए यदि आपको अनीमिया की शिकायत है तो आप डाइट में सूजी से बनी डिशेज़ जरूर शामिल करें।
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भारत में सूजी को कई नामों से जाना जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत में सूजी की कई किस्में पाई जाती हैं, जिसे लोग अपनी ज़रूरत के हिसाब से इस्तेमाल करते हैं। तो चलिए जानते हैं सूजी कितनी तरह की होती है।
भारत में मिलने वाली यह आम सूजी है। इसे भारत के कुछ राज्यों में बॉम्बे रवा के नाम से भी जाना जाता है। इसे बनाने के लिए ड्यूरम व्हीट का उपयोग किया जाता है। यह मोटी और पतली दोनों तरह की होती है। इससे आप उपमा, केक, इडली और डोसा बना सकती हैं। कई लोग इसे मछली तलने के लिए उपयोग करते हैं। (सूजी के लड्डू की आसान रेसिपी)
लापसी रवा टूटे हुए गेहूं के बड़े टुकड़ों को कहा जाता है और यह थोड़ी मोटी होती है। आमतौर पर टूटे हुए गेहूं का इस्तेमाल उपमा, लापसी, दलिया आदि को बनाने के लिए किया जाता है। इसे ब्रोकन व्हीट को हिंदी में दलिया के नाम से भी जाना जाता है। (चॉकलेटी दलिया बनाने की आसान रेसिपी)
बांसी रवा को गेहूं की एक अलग किस्म से तैयार किया जाता है। यह सामान्य सूजी की तुलना में थोड़े भूरे रंग की होती है। साथ ही, यह बनावट में थोड़ी मोटी होती है। बहुत-से स्थानीय लोग इसे चिरोती रवा भी कहते हैं। यह सूजी दक्षिण भारतीय घरों में काफी लोकप्रिय है। आप इस रवा से कर्नाटक शैली में रवा डोसा और रवा इडली आदि बना सकती हैं।
यह सूजी चावल से बनाई जाती है, जिसे चावल के छोटे-छोटे टुकड़ों से तैयार किया जाता है। साथ ही, इसे घर पर भी आसानी से बनाया जा सकता है। इसका स्वाद अन्य सूजी के मुकाबले थोड़ा अलग होता है।
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