इन तरीकों से आप पता लगा सकती हैं कि आपका सरसों का तेल असली है या नकली

आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप पता लगा सकती हैं कि सरसों का तेल असली है या नकली। तो चलिए जानते हैं इस बारे में।

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-02-02, 19:02 IST
tips to check mustard oil is real or fake

सरसों का तेल भारत में खाना पकाने के सबसे पसंदीदा तेलों में से एक रहा है। हाल ही में, कई अन्य प्रकार के खाद्य तेलों का भी उपयोग किया जा रहा है, लेकिन सरसों के तेल का अभी भी मुख्य रूप से एक बड़ी आबादी द्वारा उपयोग किया जाता है। खासतौर पर आज भी गांव मे सरसों के तेल का ही इस्तेमाल किया जाता है। इसके साथ ही समय-समय पर कई रिसर्च हुई हैं और इन रिसर्च में पाया गया है कि सरसों के तेल का उपयोग करने से कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। लेकिन, आजकल अन्य खाद्य पदार्थों की तरह ही सरसों के तेल में भी मिलावट की जा रही है और बाजार में अधिक मात्रा में नकली सरसों का तेल बेचा जा रहा है। जिससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

इसके साथ ही खाना पकाने के तेल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना एक मुश्किल काम है, खासकर जब बात सरसों के तेल की आती है क्योंकि इस खाना पकाने के तेल में मिलावट करना आसान है। बता दें कि सरसों के तेल में आर्गेमोन तेल और अन्य निम्न गुणवत्ता वाले तेलों की मिलावट की जाती है, जिससे तेल की पौष्टिकता, गुणवत्ता और शुद्धता कम हो जाती है। हालांकि, मिलावट करने से तेल की मात्रा बढ़ जाती है। लेकिन अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप कुछ तरीकों से यह पहचान कर सकती हैं कि सरसों का तेल असली है या नकली।

फ्रीजिंग टेस्ट करें

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अगर आप यह जांचना चाहती हैं कि आप जो तेल खरीदकर लाई हैं वह असली है या नकली तो इसके लिए आपको फ्रीजिंग टेस्ट करना चाहिए। फ्रीजिंग टेस्ट करने के लिए एक बाउल में थोड़ा सा सरसों का तेल डालें। इसके बाद बाउल को कुछ घंटो तक फ्रिज में रख दें। कुछ समय होने के बाद देखें और अगर आपको तेल जमा हुआ नजर आता है या उस पर सफेद धब्बे आने लगते हैं तो इसका मतलब है कि तेल में मिलावट की गई है और यह सरसों का तेल नकली है।

रबिंग टेस्ट से लगाएं पता

रबिंग टेस्ट द्वारा भी आप यह जांच कर सकती हैं कि क्या सरसों के तेल में किसी तरह की कोई मिलावट की गई है। इसके लिए आपको अपने हाथों पर थोड़ा सा तेल रखना होगा और इसके बाद तेल को अपने हाथों पर अच्छी तरह से रगड़ लें। अगर तेल से कोई रंग निकलता है या इसमें केमिकल की बदबू आती है तो इसका मतलब है कि तेल में नकली पदार्थों की मिलावट की गई है। सरसों का तेल असली या है नकली इस बात का पता लगाने का यह सबसे आसान तरीका है।

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नाइट्रिक एसिड द्वारा करें टेस्ट

आप नाइट्रिक एसिड की मदद से तेल के असली या नकली होने का पता लगा सकती हैं। इसके लिए आपको नाइट्रिक एसिड चाहिए होगा। आप बाजार से नाइट्रिक एसिड खरीद सकती हैं। तेल में मिलावट है या नहीं यह टेस्ट करने के लिए एक बाउल में एक बड़ा चम्मच तेल डालें और उसमें 5 एमएल नाइट्रिक एसिड मिलाएं। यदि मिश्रण का कलर येलोईश ऑरेंज हो जाता है तो इसका मतलब है कि इसमें आर्गेमोन मिलाया गया है और सरसों का तेल नकली है।

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रंग में बदलाव क्यों होता है?

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अगर तेल के रंग में बदलाव होता है तो इसका मतलब है कि इसमें आर्गेमोन तेल मिलाया गया है। बता दें कि आर्गेमोन तेल जहरीले पॉलीसाइक्लिक नमक की उपस्थिति को इंगित करता है, जिसे सेंगुइनारिन कहा जाता है। यह अभिक्रिया बहुत संवेदनशील होती है और सेंगुइनारिन नाइट्रेट के बनने के कारण रंग बदल जाता है। रंग बदलने से यह पता चलता है कि सरसों के तेल में मिलावट की गई है।

बैरोमीटर टेस्ट से करें पहचान

क्या आप जानते हैं कि असली सरसों के तेल की 58 से 60.5 बैरोमीटर रीडिंग होती है। लेकिन अगर रीडिंग इससे ज्यादा होती है तो इसका मतलब है कि तेल नकली है। आप बैरोमीटर की मदद से पहचान कर सकती हैं कि आप जो तेल खरीदकर लाई हैं वह असली है या नकली।

अम्लीकृत पेट्रोलियम ईथर द्वारा करें टेस्ट

इस टेस्ट के जरिए भी आप पता लगा सकती हैं कि क्या आप जो सरसों का तेल इस्तेमाल कर रही हैं वह असली है? इसके लिए आपको अम्लीकृत पेट्रोलियम ईथर चाहिए होगा। आप इसे मार्केट से खरीद सकती हैं। इसके बाद आपको 1 मिलीलीटर सरसों तेल चाहिए होगा। फिर सरसों के तेल में 10 मिलीलीटर अम्लीकृत पेट्रोलियम ईथर मिलाएं। इसके दो मिनट बाद मोलिब्डेट की एक बूंद डालें। लेकिन अगर इसके बाद तेल गंदा जैसा या मैला हो जाता है तो इसका मतलब है कि सरसों के तेल में अरंडी का तेल मिलाया गया है।

सरसों के तेल के स्वास्थ्य मानक

एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। एफएसएसएआईकी स्थापना खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत की गई है, जो भारत में खाद्य सुरक्षा और विनियमन से संबंधित एक समेकित कानून है। इस कानून के माध्यम से वे यह सुनिश्चित करते हैं कि लोगों को इस बारे में सूचित किया जाए कि वे क्या खा रहे हैं। इसके लिए किसी भी पर्दाथ पर लेबल होता है। लेबलिंग में सामग्री की सूची, पोषण संबंधी जानकारी, खाद्य योजकों के संबंध में घोषणा और बहुत कुछ शामिल होता है। इसलिए, पहला कदम जो हमें उठाना चाहिए, वह है बेहतर जानकारी के लिए लेबलिंग को पढ़ना। इसलिए अगली बार जब भी आप तेल खरीदने जाएं तो बोतल पर दी गई जानकारी को जरूर पढ़ें।

इन बातों का रखें खास ध्यान

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  • हमेशा ब्रांडेड कंपनी का ही तेल खरीदें।
  • कभी भी बाजार में मिलने वाले खुले सरसों के तेल का इस्तेमाल न करें। यह सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
  • वही तेल खरीदें जिसपर एफएसएसएआई का मार्क लगा हो।

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Image Credit: Freepik.Com

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