खाने-पीने की चीजों में मिलावट होना सामान्य बात है।
मसालों में भी मिलावट की जा रही है।
सभी चीजों में केवल नमक ही बाकि था जिसमें मिलावट नहीं की जाती है। लेकिन आईआईटी बांबे की एक रिसर्च आने के बाद अब नमक भी सेफ नहीं रहा है। मंगलवार को आई आईआईटी बांबे की रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार प्लास्टिक मिलाया जाता है। वो भी बड़ी-बड़ी कंपनियां नमक में प्लास्टिक मिलाती हैं।
नमक में मिलाई जाती है माइक्रोप्लास्टिक
इस रिपोर्ट के अनुसार नमक में माइक्रोप्लास्टिक मिलाई जाती है। जिसका आकार 5 मिलीलीटर से भी कम होता है। शोध टीम ने कहा कि, प्रति एक किलोग्राम नमक में 63.76 माइक्रोग्राम माइक्रो प्लास्टिक पाए गए हैं। अगर कोई व्यक्ति एक दिन में 5 ग्राम नमक खाता है तो एक सालभर में 117 माइक्रोग्राम माइक्रो प्लास्टिक उसके शरीर में पहुंच जाएंगे।
नमक में मिलावट की जांच लैब में टेस्ट कर की जाती है। लेकिन जिनके पास लैब में टेस्ट करने की सुविधा नहीं है वो क्या करे? वो इन 3 विधियों से नमक में मिलावट का पता कर सकते हैं।
पहला तरीका
वैसे तो आईआईटी बॉबे के रिसर्च के अनुसार नमक में प्लास्टिक मिलाया जाता है। लेकिन कई बार नमक में वाइट स्टोन पाउडर भी मिलाया जाता है। इसकी जांच करने के लिए 1 चम्मच नमक 1 गिलास पानी में मिलाएं। अगर मिलावट होगी तो मिलावटी पदार्थ नीचे बैठ जाएगा और पानी का रंग सफेद हो जाएगा। नमक सही होगा तो पानी में पूरी तरह से मिल जाएगी और नीचे तली में कोई गंदगी भी नहीं बैठेगी।
दूसरा तरीका
नमक में मिट्टी या रेत भी मिला हो सकता है। नमक में मिट्टी या रेत की जांच करने के लिए कांच के ग्लास में पानी लें और उसमें नमक घोलेँ। फिर उसे कुछ समय के लिए छोड़ दें। इसके बाद गिलास की तली में रेत या मिट्टी बैठ जाए तो समझ लें कि नमक में मिलावट है।
तीसरा तरीका
नमक में सफेद पत्थर को पीसकर भी मिलाया जाता है। इसकी जांच करने के लिए भी नमक को पानी में मिलाएं। शुद्द नमक में पानी में घुल जाएगा। जबकि पत्थर का बुरादा\पाउडर नीचे तल पर बैठ जाएगा। इस गंदगी को आसानी से आप ग्लास में देख सकते हैं।
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