सनस्क्रीन हमारे लिए कितनी जरूरी है इसके बारे में तो हमें पता ही है। आजकल हर तरफ सनस्क्रीन के इस्तेमाल के बारे में बात हो रही है और माना जाता है कि इसके बिना आपका स्किन केयर हर तरह से अधूरा है। अगर बात करें सनस्क्रीन की तो अधिकतर लोगों को इसके टाइप्स और यूज के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। आपने देखा होगा कि मार्केट में सनस्क्रीन और सनब्लॉक अलग-अलग मिलते हैं, लेकिन ये होते क्या हैं?
सनस्क्रीन और सनब्लॉक में क्या अंतर है उसे जानने के लिए हमने INATUR की फाउंडर, अरोमा थेरेपिस्ट और कॉस्मेटोलॉजिस्ट मिस पूजा नागदेव से बात की।
पूजा जी ने कहा कि हमारी स्किन के प्रोटेक्शन के लिए SPF की जरूरत बहुत ज्यादा होती है और ये बहुत सारी चीज़ों से हमें बचाता है।
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क्या है सनस्क्रीन?
सनस्क्रीन एक तरह का केमिकल बैरियर होता है जो स्किन के ऊपर लगाया जाता है जिससे यूवी रेज एब्जॉर्ब नहीं होती हैं और स्किन धूप से होने वाले डैमेज से सुरक्षित रहती है। यूवी रेज के कारण स्किन एजिंग और स्किन कैंसर जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। स्किन में एंट्री करने वाली यूवीबी रेज और यूवीए रेज होती हैं। यूवीबी रेज छोटी होती हैं और यूवीए रेज लंबी होती हैं।
आप किस तरह के माहौल में रहते हैं, किस तरह का समय धूप में बिताते हैं और स्किन केयर रूटीन कैसा है इससे निर्भर करता है कि आपको किस तरह की सनस्क्रीन चाहिए होगी। यूवीए और यूवीबी रेज से बचने के लिए आपको हमेशा ही सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए।
सनस्क्रीन और सनब्लॉक में क्या अंतर है?
अब पहले बात करते हैं सनस्क्रीन और सनब्लॉक में अंतर की। इन्हें अधिकतर अलग-अलग इस्तेमाल किया जाता है। केमिकल सनस्क्रीन और फिजिकल सनब्लॉक में बहुत अंतर होता है। इन दोनों को समझने के लिए इनके बारे में जानना बहुत जरूरी है।
कैसे करते हैं अप्लाई?
सनब्लॉक एक फिजिकल बैरियर की तरह इस्तेमाल होता है और इसे आप पूरे शरीर में लगाते हैं। साथ ही इसे फिजिकल बैरियर की तरह ही बनाया गया है इसलिए इसके स्किन में एब्जॉर्ब होने के लिए इंतज़ार करने की जरूरत नहीं होती है।
अगर सनस्क्रीन की बात करें तो इसे कुछ स्पेसिफिक एरिया में ज्यादा लगाया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि पूरे शरीर को सन प्रोटेक्शन से बचाने के लिए ये जरूरी है। कई मामलों में हमें 30 मिनट तक इंतज़ार करना पड़ता है ताकि ये हमारी स्किन में एब्जॉर्ब हो सके।
क्यों अलग-अलग होता है इनका इस्तेमाल?
जैसा कि हमने पहले बताया कि यूवी रेज दो तरह की होती हैं तो उन्हें रोकने के लिए भी दो तरह की चीजें आती हैं। सनब्लॉक को यूवीबी रेज को रोकने के लिए बनाया गया है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल यूवीए रेज को रोकने के लिए किया जाता है।
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केमिकल्स का है अंतर
सनब्लॉक में टाइटेनियम डाइऑक्साइड और जिंक ऑक्साइड जैसे मटेरियल्स होते हैं और इसलिए ये स्किन में यूवी रेज को एंटर ही नहीं होने देता है और यहीं सनस्क्रीन लगाने के बाद 30 मिनट इंतज़ार करने को इसलिए कहा जाता है ताकि ये एब्जॉर्ब हो सके क्योंकि ये यूवी रेज को स्किन में एंट्री तो देती है, लेकिन उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाने देती।
कितनी बार करना होता है अप्लाई?
केमिकल सनस्क्रीन को बार-बार अप्लाई करना पड़ता है और इन्हें स्किन में एब्जॉर्ब होने का समय देना होता है। अगर बात करें सनब्लॉक की तो इन्हें बार-बार अप्लाई करने की जरूरत नहीं होती है।
तो इस तरह से सनस्क्रीन और सनब्लॉक दोनों का इस्तेमाल अलग है, दोनों का काम अलग है और दोनों के इंग्रीडिएंट्स भी अलग हैं। आप किसी एक को ही इस्तेमाल करें एक के ऊपर दूसरा लगाने की सलाह नहीं दी जाती है। अगर बहुत ज्यादा समय के लिए धूप में रहना है तो सनब्लॉक लगाएं। अगर कम समय के लिए रहना है तो सनस्क्रीन ज्यादा बेहतर होगी।
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आपके लिए क्या सुविधाजनक है उसे जानने के लिए आप डर्मेटोलॉजिस्ट से बात जरूर करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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