आपके बालों से आपके व्यक्तित्व में निखार आता है और यह बात बिल्कुल सही भी है। आप अपने बालों के लिए क्या-क्या नहीं करतीं। कभी उन्हें नया स्टाइल देती हैं, तो कभी नया हेयर कलर करती हैं। जब बालों को कलर करने की बात आती है, तो हमारे पास ढेर सारे ऑप्शन होते हैं। आपने कुछ महिलाओं को बालों के कुछ हिस्से को कलर करवाते भी देखा होगा।
दरअसल, इसे हाइलाइट्स कहते हैं। इससे आपके बालों को एक नया चार्म मिलता है और बाल ज्यादा सुंदर दिखते हैं। आपने कुछ फिल्मों या टीवी सीरियल में भी अभिनेत्रियों को ऐसे हाइलाइट्स के साथ देखा होगा। इसमें बालों के एक सेक्शन को किसी लाइट शेड से रंग दिया जाता है। मगर क्या आप लोलाइट्स के बारे में जानती हैं? हाइलाइट्स और लोलाइट्स के अंतर को जानती हैं? इनमें से क्या बेहतर है और क्या आपको चुनना चाहिए इस बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह आर्टिकल।
हाइलाइट्स का मतलब है कि आपके बालों के कुछ सेक्शन और स्ट्रैंड्स को आपके ओरिजिनल शेड्स से तीन शेड कम से कलर किया जाता है। इससे आपके बाल हाइलाइट करते हैं और उनमें एक सॉफ्टनेस और डाइमेंशन आ जाती है। आपके बालों के सेक्शन को अलग-अलग करके एल्युमिनियम फॉइल की मदद से हाइलाइट किए जाते हैं। एल्युमिनियम फॉइल का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है, ताकि उन सेक्शन को छोड़कर बाकी एरिया पर कलर न हो। फॉयल से बालों को बंद इसलिए भी किया जाता है, ताकि रंग वॉर्म अप हो और बेहतर तरीके से बालों पर लगे।
अब बात करो लोलाइट्स की तो ये हाइलाइट्स के बिल्कुल उलट है। हाइलाइट्स के दौरान आपके बालों को लाइट शेड दिया जाता है, लेकिन लोलाइट्स में हेयर सेक्शन को आपके ओरिजनल हेयर कलर से तीन शेड्स डार्क किया जाता है। इससे बालों में डेप्थ आती है। पतले बाल वालों के लिए लोलाइट्स कराना बेहतर होता है, क्योंकि इससे बाल मोटे और भरे-भरे दिखते हैं। कुछ महिलाएं हाइलाइट कराने के बाद लोलाइट्स भी करवाती हैं। लोलाइट्स करते वक्त भी उसी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जो हाइलाइट्स करते वक्त इस्तेमाल होती है।
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जैसा कि हम बता चुके हैं कि दोनों ही हेयर कलर तकनीक एक-दूसरे से बिल्कुल जुदा है। एक में आपके बालों को कम शेड्स से कलर किया जाता है, तो दूसरे में डार्क शेड से कलर किया जाता है। इसके अलावा भी दोनों में कई अंतर हैं और दोनों ही तकनीक आपके बालों पर किस तरह से दिखती है आइए वो भी जान लें।
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दोनों में अंतर समझने के बाद, अगर अब भी आप इस दुविधा में हैं कि अपने लिए क्या चुनें, तो परेशान मत होइए। बालों को हाइलाइट या लोलाइट करने से पहले आप दो चीजों का ख्याल रखें और वे इस प्रकार हैं-
आपके बालों का ओरिजिनल कलर : जैसा कि हम आपको पहले भी बता चुके हैं कि अगर आपके बालों का रंग डार्क है, जैसे कि डार्क ब्लैक, डार्क रेड, डार्क ब्राउन आदि तो फिर आप अपने लिए हाइलाइट्स को चुनें। हां, अगर बालों का रंग हल्का है, तो फिर बेझिझक लोलाइट्स को चुनें।
अगर पहले से बालों को कलर किया है : अगर आपने पहले से बालों को कलर किया हुआ है और वो ज्यादा लाइट शेड में हैं, तो फिर आप लोलाइट्स को चुनें। ऐसे में आपके बालों को अच्छी तरह डेप्थ मिलेगी। वहीं अगर आपने अपने बालों में डार्क कलर करवाया है, तो उन्हें डाइमेंशन देने के लिए और एक शाइनी इफेक्ट देने के लिए उनमें हाइलाइट्स करवाएं।
प्रो टिप : अगर आप अपने बालों के साथ और नए प्रयोग करना चाहती हैं, तो दोनों तकनीक का सहारा ले सकती हैं। इससे आपके बाल ट्रेंडी दिखेंगे। अगर आप चाहती हैं कि बालों को मल्टी-कलर हाइलाइट्स मिले, तो फिर दोनों शेड्स (डार्क और लाइट) को अपने हेयर सेक्शन पर लगवाएं। उदाहरण के लिए, आप कैरेमल हाइलाइट्स को कॉफी ब्राउन के साथ मिक्स कर सकती हैं।
बस, अब आप अपने बालों के साथ नए प्रयोग करने के लिए तैयार हो जाइए और अपने मन मुताबिक हेयर कलर टेकनीक को चुनिए। इसी तरह के अन्य शानदार टिप्स के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।
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