आंखों के नीचे डार्क स्पॉट्स एक सामान्य लेकिन चिंताजनक समस्या है। ऐसा क्यों और कब होता है, हम में से बहुत सारे लोगों को इस बारे में नहीं पता है। कई बार यह डार्क स्पॉट्स छोटे से इतने बड़े होते जाते हैं कि आंखों के साथ-साथ चीकबोन तक में फैल जाते हैं। ऐसे में चेहरा बहुत ज्यादा खराब लगता है। चिंता की बात यह है कि यह डार्क स्पॉट्स कभी-कभी इतनी ज्यादा गहरे हो जाते हैं कि इन्हें मेकअप से भी छुपाना आसान नहीं होता है। इस विषय में हमारी बातचीत डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अमित बांगिया से हुई है, "इसके कई संभावित कारण होते हैं, जो अक्सर जीवनशैली, स्वास्थ्य, और अनुवांशिकता से जुड़े होते हैं।"
चलिए तो हम सबसे पहले जानते हैं कि डार्क स्पॉट्स होने के कारण क्या है और इस समस्या के निवारण के उपाय क्या हैं?
डार्क सर्कल्स का मुख्य कारण अनुवांशिकता हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को डार्क स्पॉट्स की समस्या है, तो संभावना है कि यह समस्या आपको भी हो सकती है। डॉक्टर अमित कहते हैं, "यह त्वचा के रंग, रक्त प्रवाह, और आंखों के नीचे की त्वचा की मोटाई पर निर्भर करता है।"
उम्र बढ़ने के साथ त्वचा में आने वाले बदलावों को रोका नहीं जा सकता है, मगर इन बदलावों की गति को कम किया जा सकता है। दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की मोटाई कम होने लगती है और कोलाजेन का उत्पादन भी घट जाता है। इससे त्वचा पतली हो जाती है, जिससे आंखों के नीचे की नसें अधिक स्पष्ट दिखने लगती हैं और डार्क सर्कल्स गहरे दिखाई देते हैं। इससे कई बार आपकी आंखों के नीचे डार्क स्पॉट्स हो जाते हैं। शुरुआत में यह छोटे होते हैं, मगर बाद में इनका घेरा बढ़ता ही जाता है।
पर्याप्त नींद न लेने से आंखों के नीचे की त्वचा सुस्त और थकी हुई दिखने लगती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित होता है। इससे भी कई बार आखों के नीचे और चीक बोन के आस-पास छोटे-छोटे डार्क स्पॉट्स उभर आते हैं।
शरीर में पानी की कमी से त्वचा की फ्लेक्सिबिलिटी कम हो जाता है, जिससे आंखों के नीचे की त्वचा धंसी और बेजान लगती है। यह स्थिति भी डार्क स्पॉट्स को जन्म देती हैं। ऐसे में आपको दिन में कम से कम 10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए।
धूम्रपान और शराब का अत्यधिक सेवन और असंतुलित आहार आपकी त्वचा की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। ये आदतें त्वचा को डिहाइड्रेट करती हैं और डार्क सर्कल्स और एजिंग स्पॉट्स आ जाते हैं।
अगर आप बहुत ज्यादा धूप में रहती हैं, तो सूरज की हानिकारक किरणें आंखों के आसपास की त्वचा में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ा सकती हैं, जिससे पिग्मेंटेशन और डार्क सर्कल्स की समस्या हो सकती है।
तनाव का सीधा असर आपकी त्वचा पर पड़ता है।दरअसल, स्ट्रेस लेने से कॉर्टीसोल हार्मोन का प्रोडक्शन अधिक हो जता है। इससे त्वचा पर गहरा प्रभाव पड़ता है और आंखों के नीचे की त्वचा काली पड़ने लगती है।
डार्क स्पॉट्स को कम करने के लिए सबसे पहले उनके कारण को समझना बेहद जरूरी है। सही दिनचर्या, संतुलित आहार और त्वचा की देखभाल से इस समस्या को प्रभावी ढंग से दूर किया जा सकता है। अगर समस्या बनी रहती है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लें। सुंदर और स्वस्थ त्वचा के लिए धैर्य और नियमितता आवश्यक है।
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