गर्मियों के मौसम में तेज धूप, धूल मिट्टी और पसीने के कारण कई तरह की तवचा संबंधी बीमारियां हो जाती हैं है। इन बीमारियों में चेहरे पर मुंहासे होना बेहद आम है। वैस तो मुंहासों की तकलीफ से निजात पाने के लिए ढेरों इलाज उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, बाजार में मुंहासों से बचने और मुंहासों को दूर भगाने वाले कई कॉस्मैटिक प्रोडक्ट्स भी बाजार में आते हैं, मगर मुंहासों से होने वाले चेहरे पर दाग धब्बे, रेडनेस और झुर्रियों को मिटा पाना बेहद मुशिकल होता है। वैसे इसके भी कई घरेलू और कॉस्मेटिक उपचार हैं। मगर इन सबसे से एक साथ बचने के लिए आजकल बाजार में एक नई थेरेपी आई हुई है। इस थेरेपी का नाम एलईडी लाइट थेरेपी है।
क्या है एलईडी लाइट थेरेपी
भारत में लेजर थेरेपी से चेहरे के दाग धब्बे हटाना और चहरे से अनचाहे बालों को रिमूव करना बहुत फेमस है। मगर यह थेरेपी लेजर थेरेपी से अलग है। यह थेरेपी दागधब्बो के साथ ही चेहरे को यंग इफेक्ट देने के लिए होती है। इसमें लाइट्स की डिफ्रेंट वेवलेंथ स्किन को अलग-अलग बेनेफिट्स पहुंचाती है। आपको बता दें कि इस थेरेपी का इनवेंशन पोस्ट सर्जरिकल स्कार्स मिटाने के लिए हुआ था, मगर इस थेरेपी के द्वारा मुंहासों का भी सक्सेसफुल ट्रीटमेंट किया जा रहा है। डरमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर निवेदिता दादू ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू के दौरान इस थेरेपी के बारे में बताया कि , ‘इस थेरेपी की बेस्ट बात यह है कि यह हर तरह की स्किन पर और हर स्किन टोन के लिए सेफ है। इस थेरेपी में अलग-अलग रंग की एलईडी लाइट्स का प्रयोग होता है और हर लाइट एक अलग ही स्किन बेनेफिट देती है। ’
टीवी एक्ट्रेस सुकीर्ती कंडपाल ने भी करवाई है यह थेरेपी
वैसे तो यह थेरेपी अमेरिकन टीवी स्टार्स और हॉलीवुड में काफी फेमस है मगर भारत में भी लोग अब इस थेरेपी को महत्व दे रहे हैं। टीवी एक्ट्रेस सुकीर्ती कंडपाल ने हाल ही में यह थेरेपी करवाई थी और इस थेरेपी से जुड़े बेनेफिट्स के साथ अपनी एक तस्वीर भी इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। तस्वीर पर सुकीर्ती ने कैप्शन में इस थेरेपी से जुड़ा अपना एक्सपीरियंस लिखा था। सुकीर्ती ने लिखा था, ‘पिछली गर्मियों के मौसम में मेरे चेहरे पर मुंहासे हो गए थे। मैं इन मुंहासों को ठीक करने के लिए दवा खाने से बच रही थी तब ही मेरी डरमेटोलॉजिस्ट डॉक्टर मौनिका जैकब ने मुझे एलईडी लाइट थेरेपी के बारे में बताया है। मैनें इस थेरेपी के 4 सैशन लिए। तीसरे ही सैशन में मुझे फर्क नजर आने अलगा और 4 सैशन तक मेरी स्किन पर एक भी मुंहासे का दाग तक नहीं बचा। यह सिटिंग्स मैंने 10 दिन के अंतर में ली थीं।’
क्या होती है प्रक्रिया
कॉस्मेटिक सर्जन विराज देसाई ने मीडिया हाउस को इंटरव्यू के दौरान बताते हैं, ‘एलईडी थेरेपी का इस्तेमाल हेयर फॉल के लिए भी किया जाता है। इसमें डिवाइस के तौर पर पेशेंट को एक हैल्मेट पहनाया जाता है। इस हैल्मेट से तरह-तरह की लाइट्स निकलती हैं जो हेयर फॉल की समस्या को दूर कर देती हैं। इस में 15-20 मिनट का एक सैशन होता है और सात दिन में दूसरा सैशन दिया जाता है। इस सैशन की तरह ही एलईडी लाइट थेरेपी का सैशन होता है। जो खासतौर पर स्किन के लिए होता है।’
इस थेरेपी में डिफ्रेंट वेवलेंथ डिफ्रेंट स्किन प्रॉब्लम को दूर करती है।
इनफ्रारेड: यह सबसे लम्बी वेवलेंथ होती है और यह स्किन सैल्स की एक्टिविटी को डीप में जा कर हील करती है।
रेड लाइट: इस वेवलेंथ का इस्तेमाल एंटी ऐजिंग ट्रीटमेंट देने के लिए होता है। इसमें उन सेल्स को स्टिम्युलेट किया जाता है जो कॉलेजन और इलास्टिन प्रोड्यूस करते हैं।
यलो लाइट: स्किन पर यदि कोई एलर्जी हो गई है तो इस वेवलेंथ से किए गए ट्रीटमेंट से उसे ठीक किया जा सकता है। बेसिकली यह ट्रीटमेंट चेरहे की मसल्स को टाइट करने और स्किन को डीटॉक्सीफाई करने के लिए होता है।
ग्रीन लाइट: अगर आपकी स्किन पर रेडनेस है या आपकी स्किन का टेक्सचर अच्छा नहीं है तो उसे सुधारने के लिए आपको ग्रीन वेवलेंथ से ट्रीटमेंट दिया जाएगा। यह वेवलेंथ आपके चेहरे पर हुए सनबर्न और पोस्ट इनफ्लामेटरी हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या को भी दूर करती है।
ब्लू लाइट: यह वेवलेंथ स्किन बैक्टीरिया को मारती है, जो बड़े और ज्यादा दिन तक चेहरे पर रहने वाले मुंहासों को कारण बनते हैं। यह स्किन को स्टेरेलाइज भी करती है।
कौन करवा सकता है यह थेरेपी
यह थेरेपी पूरी तरह से सेफ है। इस थेरेपी को 18 वर्ष की उम्र की लड़कियों से ले कर 45 उम्र की महिलाओं तक कोई भी करा सकता है।
कब लें यह थेरेपी
- जब चेरहे पर फाइन लाइन और रिंकल्स की समस्या हो तो।
- चेहरे पर जब नसें उभरने लगें तब भी यह थेरेपी फायदेमंद होती है।
- चेहरे के अलावा शरीर में पड़ने वाले स्ट्रेच मार्क्स को भी इस ट्रीटमेंट से ठीक किया जा सकता है।
- सनबर्न, मुंहासे, फटी एडि़यां और दाग धब्बों को दूर करने के लिए भी यह ट्रीटमेंट फायदेमंद है।
- हाइपर पिगमेंटेशन की समस्या भी इस ट्रीटमेंट से दूर की जा सकती है।
- स्किन में रैशेज और इरीटेशन भी इस थेरेपी से ठीक हो जाता है।

किसे यह थेरेपी नहीं करानी चाहिए
जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं या फिर ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं उन्हें इस तरह की थेरेपी नहीं लेनी चहिए क्योंकि इससे निकलने वाली रेडियेशन उन पर गलत प्रभाव डालती है।
कितने सैशन होते हैं
यह थेरेपी सिंगल सैशन में पूरी नहीं होती। इसके कम से कम 4 सैशन लेना जरूरी है। 15-20 मिनट के यह सैशन हर पेशेंट के 10 दिन के अंतराल में लेने चाहिए। कॉस्मेटिक सर्जन डॉक्टर मोहन थॉम्स ने एक मीडिया हाउस को इंटरव्यू के दौरान बताया कि, ‘वैसे तो यह थेरेपी पूरी तरह सेफ है मगर इसे लेने के बाद कभी कभी सिर दर्द, नींद न आना, इरीटेशन होने जैसी शिकायत पेशेंट करते हैं। मगर यह लॉन्ग टर्म के लिए नहीं होती है।’ इस ट्रीटमेंट का पर सैशन 2000 रुपए से लेकर 2400 रुपए तक होता है।
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