बालों की केयर करने के लिए हम कई तरह के ट्रीटमेंट्स का सहारा लेते हैं। इन्हीं में से एक है केराटिन ट्रीटमेंट। यह एक ऐसा ट्रीटमेंट है, जो आपके बालों को अधिक स्मूथ, ग्लॉसी व ब्यूटीफुल बनाता है। इतना ही नहीं, इससे आपके बाल स्ट्रेट भी होते हैं। हेयर स्ट्रेटनिंग या स्मूथनिंग की अपेक्षा इसे कहीं अधिक बेहतर उपाय माना जाता है।
यकीनन इस सेमी परमानेंट केराटिन ट्रीटमेंट के कई फायदे हैं और कई मामलों में यह आपके बालों के लिए बेहद ही अच्छा काम करता है। हालांकि, केराटिन ट्रीटमेंट के अपने कई नुकसान या साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। जिसके बारे में हम जानते ही नहीं हैं या फिर उसे नजरअंदाज कर देते हैं। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको केराटिन ट्रीटमेंट से होने वाले कुछ नुकसानों के बारे में बता रहे हैं-
केराटिन ट्रीटमेंट करवाना सिर्फ वन टाइम प्रोसेस ही नहीं है। आप जब केराटिन ट्रीटमेंट की सिटिंग करवाती हैं तो उसके लिए आपको अच्छा-खासा पैसा खर्च करना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, केराटिन ट्रीटमेंट करवाने के बाद उसे मेंटेन करने में भी काफी खर्च आता है। केराटिन ट्रीटमेंट के बाद अपने बालों की बेहतर केयर करने और उनकी चमक बनाए रखने के लिए आपको अलग से शैम्पू व कंडीशनर आदि खरीदना पड़ता है। इन सबमें आपका काफी पैसा खर्च हो जाता है।(घर पर केराटिन कैसे करें)
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केराटिन ट्रीटमेंट को आपके बालों की हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। वास्तव में, यह सिर्फ आपके बालों को सीधा और चिकना बनाता है, लेकिन कभी-कभी यह आपके बालों के लिए हानिकारक भी हो सकता है। दरअसल, फॉर्मलडिहाइड और बढ़े हुए तापमान के संपर्क में आने से आपके बालों के शाफ्ट को नुकसान पहुंचता है। इसलिए, जब केराटिन ट्रीटमेंट का इफेक्ट खत्म हो जाता है तो इससे आपके बाल और भी अधिक डल नजर आ सकते हैं।
आपको शायद पता ना हो, लेकिन केराटिन ट्रीटमेंट हेयर फॉल की भी एक वजह बन सकता है। खासतौर से, अगर आप अपने बालों को शाइनी बनाए रखने के लिए केराटिन ट्रीटमेंट को बार-बार करवाती हैं। अमूमन केराटिन ट्रीटमेंट का असर तीन-चार महीने तक ही रहता है। जिसके कारण अक्सर महिलाएं हर तीन या चार महीने बाद केराटिन ट्रीटमेंट करवाती हैं। लेकिन ऐसा करने से बाल तेजी से झड़ने लगते हैं। इसलिए, अगर आप हेयर फॉल को अवॉयड करना चाहती हैं तो ऐसे में इसे साल में केवल एक बार ही करवाएं।
केराटिन ट्रीटमेंट के कारण स्कैल्प में इरिटेशन की संभावना भी बढ़ जाती है। कुछ लोगों की स्कैल्प सेंसेटिव होती है और ऐसे में केमिकल्स के संपर्क में आने पर आपको परेशानी हो सकती है। खासतौर से, अगर आपको हेयर कलरिंग या डाई आदि से समस्या होती है तो संभव है कि केराटिन ट्रीटमेंट के दौरान आपको स्कैल्प में इरिटेशन हो।
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केराटिन ट्रीटमेंट अन्य कई प्रॉब्लम्स जैसे आंखों में इरिटेशन, सिरदर्द, खांसी, मतली आदि की समस्या हो सकती है। दरसअल, इस दौरान अगर फॉर्मलडिहाइड फार्मूला का इस्तेमाल किया जाता है तो इसके कारण इन समस्याओं की संभावना बढ़ जाती है। आप केराटिन ट्रीटमेंट के दौरान सांस के जरिए या फिर स्किन में अब्जॉर्ब हो सकते हैं। जिससे व्यक्ति को सांस से जुड़ी समस्याएं होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
तो अब आप भी केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से पहले इसके सभी पहलुओं पर गौर करें और उसके बाद ही कोई कदम आगे बढ़ाएं।
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