जब स्किन केयर की बात होती है तो उसमें सबसे पहले सीटीएम का नाम लिया जाता है, अर्थात्- क्लीनिंग, टोनिंग व मॉइश्चराइजिंग। मॉइश्चराइजर स्किन केयर रूटीन का सबसे बेसिक स्टेप है और हम सभी अपनी स्किन को हर दिन मॉइश्चराइज करती हैं। हालांकि, हर दिन इस्तेमाल होने वाले इस प्रॉडक्ट को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के मिथ्स होते हैं।
इन मिथ्स पर भरोसा करते हुए वह मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करती हैं, जिसके कारण उनकी स्किन को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता और उन्हें समझ ही नहीं आता कि आखिर गड़बड़ कहां हो रही है। हो सकता है कि आप भी मॉइश्चराइजर से जुड़े कुछ मिथ्स पर भरोसा करती हों, लेकिन क्या आपको इनकी सच्चाई के बारे में पता है। अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको मॉइश्चराइजर से जुड़े कुछ मिथ्स व उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-
मिथ 1- रूखी त्वचा पर मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए
सच्चाई- यह मॉइश्चराइजर से जुड़ा एक पॉपुलर मिथ है। कुछ महिलाएं जब उनकी स्किन रूखी होती है, तब मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन वास्तव में मॉइश्चराइजर उल्टा काम करता है। दरअसल, जब आप नहाकर बाहर आती हैं और जब त्वचा नम होती है, तभी आपको मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए। यह आपकी स्किन से वाटर के इवेपोरेट होने से पहले नमी को लॉक करने में मदद करेगा। इससे आपकी स्किन अतिरिक्त सॉफ्ट होगी।
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मिथ 2- अधिक मॉइश्चराइजर अप्लाई करने से मिलेगा मैक्सिमम बेनिफिट
सच्चाई- हो सकता है कि आप भी मॉइश्चराइजर से जुड़े इस मिथ पर भरोसा करती हों। कुछ महिलाओं को लगता है कि अगर वह अधिक मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करेंगी तो इससे उन्हें अधिक लाभ होगा। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। भले ही आपकी स्किन रूखी हो, लेकिन मॉइश्चराइजर की एक सीमित मात्रा का ही इस्तेमाल करना चाहिए। अधिक मॉइश्चराइज लगाने से यह आपकी स्किन पर रह जाता है, जिससे पोर्स क्लॉग हो जाते हैं और यह ब्रेकआउट को भी ट्रिगर कर सकता है।
मिथ 3- मॉइश्चराइजर क्रीम हैवी होगी तो इससे अधिक लाभ मिलेगा
सच्चाई- जी नहीं। इस बात में कोई सच्चाई नहीं है। मार्केट में मिलने वाले मॉइश्चराइजर आपकी अलग-अलग स्किन टाइप के अनुसार तैयार किए जाते हैं। साथ ही मौसम बदलने पर भी स्किन की जरूरतें बदल जाती है। अगर आपकी स्किन ऑयली है या फिर आप समर्स में हैवी क्रीम बेस्ड मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल करती हैं तो इससे आपकी स्किन को लाभ के स्थान पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इससे आपके पोर्स क्लॉग हो सकते हैं और आपको ब्रेकआउट व पिंपल्स का भी सामना करना पड़ सकता है।
मिथ 4- सबसे पहले मॉइश्चराइजर अप्लाई करना चाहिए
सच्चाई- अगर आप समझती है कि मॉइश्चराइजर को सबसे पहले अप्लाई करना चाहिए, तो आप गलत है। यह सच है कि प्रॉडक्ट्स की लेयरिंग जब सही तरह से होती है, तभी आपकी स्किन को इसका लाभ होता है, क्योंकि इससे स्किन केयर प्रॉडक्ट को आपकी बॉडी में अब्जॉर्ब होने का मौका मिलता है। स्किन केयर प्रॉडक्ट्स की लेयरिंग करते समय सबसे अपने क्लीन्ज़र से शुरू करें, फिर टोन करें, उसके बाद सीरम लगाए और फिर हल्के हाथों से मॉइस्चराइज़र लगाएं। आप रात के समय अपनी स्किन को और अधिक हाइड्रेट करने और पोषण देने के लिए ऊपर से एक फेस ऑयल मिला सकती हैं, वहीं दिन में आप अंत में एसपीएफ़ जरूर लगाएं।
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मिथ 5- ऑयली स्किन पर ना लगाएं मॉइश्चराइजर
सच्चाई- यह भी मॉइश्चराइजर से जुड़ा एक मिथ है। कुछ महिलाओं को लगता है कि मॉइश्चराइजर लगाने से स्किन अधिक चिपचिपी हो जाती है और केवल रूखी स्किन की महिलाओं को ही इसकी जरूरत होती है। लेकिन ऐसा नहीं है। भले ही आपकी स्किन ऑयली है लेकिन फिर भी आप इनका इस्तेमाल करें। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही मॉइश्चराइजर का चयन करें। मार्केट में ऑयली स्किन के लिए मॉइश्चराइजर मिलते हैं, जो अपेक्षाकृत अधिक लाइट होते हैं।
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