मौसम बदल रहा है और मौसम के साथ त्वचा की जरूरतें भी बदल रही हैं। इस मौसम में ज्यादतर लोगों की स्किन ड्राय होना शुरू हो जाती है। जिसके लिए लोग मॉश्चराइजर और बॉडी लोशन का सहारा लेते हैं। टीवी पर भी अब नए-नए मॉइश्चराइजर के विज्ञापन आना शुरू हो चुके हैं। इन विज्ञापनों को देख कर ज्यादातर महिलएं आकर्षित हो जाती हैं और अच्छी व मुलायम त्वचा पाने के लिए वह उन मॉश्चराइजर्स को खरीद कर इस्तेमाल करने लगती हैं। मगर, मॉश्चराइजर को ब्रैंड से आंकने की जगह अपनी स्किन टाइप से आंका जाए तो शायद आपको ज्यादा फायदा होगा। इस बारे में कॉस्मोटोलॉजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं, ‘ज्यादातर महिलाएं मॉश्चराइजर को मात्र स्किन की ड्रायनेस खत्म करने वाली साधारण क्रीम समझती हैं। कुछ महिलाएं मॉश्चराइजर की खुशबू को पसंद कर के उसे खरीद लेती हैं। मगर इन सब में वह अपने स्किन टाइप को महत्व देना भूल जाती हैं।’ खुशबू, रंग और पैकिंग को सही आधार मान कर मॉश्चराइजर को खरीदने वाली महिलाओं को चेतावनी देते हुए कॉस्मोटोलॉजिस्ट अवलीन खोकर कहती हैं, ‘‘जहां सही मॉश्चराइजर का चुनाव त्वचा के लिए संजीवनीबूटी की तरह काम करता है, वहीं गलत मॉश्चराइजर त्वचा पर जहर जैसा असर दिखाता है, जिस के दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसलिए मॉश्चराइजर हमेशा स्किन टाइप को ध्यान में रख कर ही खरीदें।’’
अमूमन महिलाओं को यही नहीं पता होता है कि उन की त्वचा किस टाइप की है। अवलीन कहती हैं, ‘त्वचा के तीन प्रकार होते हैं ड्राय, ऑयली और कॉबिनेशन जिन महिलाओं को यह पता नहीं होता वह हमेशा गलत कॉस्मेटिक्स ही खरीदती हैं।’ वैज्ञानिक तौर पर देखा जाए तो त्वचा 50% पानी और 50% तेल के मिश्रण से बनी होती है। केवल बच्चों की त्वचा में ही यह अनुपात सही होता है। उम्र के साथसाथ यह अनुपात बदलता रहता है। जैसे ड्राय त्वचा वालों में तेल की मात्रा कम और पानी की अधिक होती है। औयली स्किन वालों में तेल की अधिक मात्रा और पानी की कम होती है, तो कॉम्बीनेशन वाली त्वचा में कहीं कहीं पानी की तो कहीं तेल की मात्रा कम होती है। कभी कभी यह मात्रा अधिक भी हो सकती है। इसलिए तीनों प्रकार की त्वचा के लिए अलग अलग इनग्रीडिएंट्स वाले मॉश्चराइजर होते हैं। बस अपनी स्किनटोन के हिसाब से चुनाव करना चाहिए।
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ड्राय स्किन वालों की ऑयल ग्लैंड कम ऐक्टिव होती हैं। इसलिए उनकी त्वचा में ऑयल कम और पानी ज्यादा होता है। अवलीन कहती हैं, ‘ऐसी त्वचा वालों को क्रीम और ऑयल बेस्ड मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। इस तरह के मॉश्चराइजर में तेल ज्यादा और पानी कम होता है।’ अगर आपकी स्किन भी ऐसी है तो आपको मॉश्चराइजर में देखना चाहिए कि उसमें इमोलियंट्स एवं ह्यूमेकटैंट लोशन जैसे इनग्रीडिएंट्स को लिस्ट में जरूर शामिल किया गया हो। यदि त्वचा बहुत अधिक ड्राई है, तो कोको बटर और शिया बटर युक्त मौइश्चराइजर काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
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कई महिलाओं की स्किन बहुत ऑयली होती है। ऐसे में उन्हें हमेश पिंपल निकलने की शिकायत रहती है। ऐसी त्वचा पर वॉटर बेस्ड मॉश्चराइजर इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कोशिश करें कि ऐसी त्वचा वाली महिलाएं जैल बेस्ड मौइश्चराइजर का इस्तेमाल करें। अवलीन कहती हैं, ‘बाजार में ट्रांसपैरेंट और थिक जैल बेस्ड मॉश्चराइजर आते हैं। मगर ऑयली स्किन के लिए ट्रांसपैरेंट जैल मॉश्चराइजर ही बैस्ट रहते हैं। जैल में बेस्ट होगा कि आप एलोवेरा और नीम युक्त मॉश्चराइजर लें।
इस त्वचा में लोशन मॉश्चराइजर का इस्तेमाल करना चाहिए, जिस में पानी की अधिक और तेल की मात्रा कम हो। ऐसी स्किन कहीं से ड्राए और कहीं से ऑयली होती है। ऐसी स्किन वाली महिलाओं को जो पार्ट ज्यादा ड्राय होता है उस पर अधिक मॉश्चराइजर लगाना चाहिए
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