एक्ने स्कार और मार्क में ये होता है अंतर, दोनों को ठीक करने का तरीका भी है अलग

आपके चेहरे पर एक्ने मार्क्स हैं या फिर एक्ने स्कार, इसका पता कैसे चलेगा? इन दोनों स्किन कंडीशन में अंतर होता है और इनका ट्रीटमेंट भी एक-दूसरे से अलग होता है। आइए डर्मेटोलॉजिस्ट से जानें इसके बारे में विस्तार से। 

difference between acne scar and acne mark

धूल-मिट्टी और प्रदूषण ने हमारी त्वचा को काफी प्रभावित किया है। ऐसे में चेहरे को बस पानी से धो लेना काफी नहीं होता। इसके साथ ही जरूरी है कि आप प्रॉपर स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें। हालांकि, इसके बाद भी चेहरे पर एक्ने ब्रेकआउट्स होते ही हैं। अगर इन एक्ने को आप छेड़ दें तो फिर एक्ने मार्क्स और स्कार होना तय है। लेकिन आप कैसे तय करेंगी कि आपके चेहरे पर एक्ने स्कार्स हैं या मार्क्स। ये दोनों ही एक-दूसरे से काफी अलग होते हैं। इनका ट्रीटमेंट भी काफी अलग किया जाता है।

जानी-मानी स्किन एंड हेयर एक्सपर्ट डॉ. आंचल पंथ ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर यह अंतर बताया था। इसके साथ ही उन्होंने ट्रीटमेंट्स और सावधानियों का जिक्र भी किया था। आइए इस आर्टिकल में हम आपको बताएं कि एक्ने मार्क्स और स्कार में कितना अंतर है।

एक्ने क्या होते हैं?

what are acne scar

यह एक ऐसी स्किन कंडीशन है जिसमें स्किन इंफ्लेमेशन होती है। हार्मोन इंबैलेंस के कारण सीबम उत्पादन में वृद्धि, डेड स्किन सेल्स, बैक्टीरिया आदि के कारण होने वाली त्वचा में मुंहासे होते हैं। यह स्थिति ऐसी जगहों को प्रभावित करती है, जहां सेबाशियस ग्लैंड्स होते हैं, जैसे- चेहरे, छाती और पीठ आदि।

क्या होते हैं एक्ने मार्क्स?

जब आपकी मां आपको डांटती हैं कि गंदे हाथों से पिपंल को मत छेड़ो, तो उस बात को सुन लेना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उस छेड़ने या स्क्रैच करने से जो हल्का ब्रेकआउट होता है, वो समय के साथ निशान छोड़ जाता है।

दरअसल, एक्ने मार्क्स को पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिग्मेंटेशन कहते हैं और यह पिंपल्स ठीक होने के बाद होने वाला डार्क मार्क होते हैं। यह इंफ्लेमेशन की प्रतिक्रिया में मेलेनिन के अत्यधिक उत्पादन के कारण होता है और यह गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों में अधिक नजर आता है। इन निशानों को मिटने में कई महीने लग सकते हैं और इलाज के बिना ये सालों तक बने रह सकते हैं। लाल और गहरे भूरे रंग के इन मार्क्स के कारण त्वचा के टेक्सचर में कोई बदलाव नहीं आता है।

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क्या होते हैं एक्ने स्कार्स?

अब जब आपकी त्वचा का टेक्सचर बदलने लगता है और मार्किंग्स की कमी होती है, तो वह स्कार बन जाता है। यह एक स्थायी बंप्स होते हैं, जो आपकी त्वचा पर नजर आते हैं। ऐसा तब होता है जब एक्ने मार्क स्किन के अंदरूनी स्ट्रक्चर को डैमेज करते हैं। तीन तरह के स्कार एट्रोफिक, हाइपरट्रोफिक और कीलोइड हैं।

एट्रोफिक स्कार त्वचा में होने वाला वो डिप्रेशन है, जब त्वचा का कोलेजन और टिश्यू खत्म हो जाता है। यह गहरे होते हैं और बड़े धब्बे होते हैं।

हाइपरट्रोफिक स्कार्स बड़े और थिक गड्ढे होते हैं, जो तब होते हैं, जब त्वचा हीलिंग के दौरान अत्यधिक कोलेजन का उत्पादन करती है।

कीलोइड स्कार्स हाइरपरट्रोफिक की तरह ही होते हैं, लेकिन यह एक बड़ा धब्बा बन जाते हैं औऱ समय के साथ बढ़ते रहते हैं। डार्क स्किन टोन वाले लोगों में यह आम रूप से देखा जाता है। यह स्कार्स खुजली वाले और दर्दनाक हो सकते हैं।

एक्ने स्कार्स की ट्रीटमेंट

acne scar treatment

मुंहासे जब कम होने लगे तो उनका इलाज करना जरूरी है, ताकि किसी तरह का स्कार और मार्क न रहे। स्कार्स और मार्क का ट्रीटमेंट भी अलग होता है। माइक्रोनीडलिंग, लेजर रिसर्फेसिंग, डर्माब्रेशन, केमिकल पील्स, डर्मा फिलर्स, रेडियोफ्रीक्वेंसी, सबसिजन और एक्सिसनल तकनीकें त्वचा से निशान हटाती हैं।

एक्ने मार्क्स की ट्रीटमेंट

एएचए, बीएचए और पीएचए जैसे हाइड्रॉक्सी एसिड त्वचा को एक्सफोलिएट करते हैं और डेड स्किन सेल्स को हटाते हैं। पीलिंग प्रोसेस के कारण होने वाले सेलुलर टर्नओवर के कारण भी मुंहासे के निशानों में काफी सुधार आता है।

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एएचए हाइपरपिग्मेंटेशन पर काम करता है और मेलेनिन के अत्यधिक उत्पादन को कम करता है। रेटिनोइड्स पीआईएच और पीआईई दोनों तरह के मुंहासों के निशानों का प्रभावी ढंग से इलाज करते हैं क्योंकि यह मेलेनिन को ट्रिगर करने वाले इंफ्लेमेटरी पाख को रोकते हुएएपिडर्मल टर्नओवर को बढ़ाता है। साथ ही, एजेलिक एसिड, नियासिनामाइड और विटामिन-सी आदि मार्क्स को कम करने में मदद करते हैं।

अब आप भी पहले यह पहचान करें कि आपकी त्वचा पर मार्क्स हैं या फिर दाग। अच्छे डर्मोटॉलिजस्ट से सलाह लें और एक्ने स्कार्स और मार्क्स का सही ट्रीटमेंट करें। हमें उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे ही लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी के साथ।

Image Credit: Freepik

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