शंख का हिंदू धर्म में एक पूजनीय स्थान है और इसे भगवान विष्णु से जोड़ा जाता है, जिन्हें हिंदू धर्म के प्रमुख देवताओं में से एक माना जाता है। शंख को पवित्र माना जाता है और इसका उपयोग पूजा की शुरुआत और महत्वपूर्ण धार्मिक समारोहों के समापन सहित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
ऐसा माना जाता है कि शंख बजाने से आपके आस-पास का वातावरण शुद्ध होता है, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर में दैवीय आशीर्वाद बना रहता है। इसके धार्मिक महत्व के अलावा, शंख को मौलिक ध्वनि 'ओम' का प्रतीक भी माना जाता है, जो ब्रह्मांड की ध्वनि है।
शंख का आकार ब्रह्माण्ड का प्रतिनिधित्व करता है और ऐसा कहा जाता है कि यह ब्रह्मांड में ऊर्जा प्रवाह से जुड़ा है। इस प्रकार, शंख घर में रखी जाने वाली सिर्फ एक सजावटी वस्तु नहीं है बल्कि आध्यात्मिक और भौतिक समृद्धि का एक शक्तिशाली प्रतीक भी है। वास्तु में माना जाता है कि घर में एक जैसे दो शंख नहीं रखने चाहिए, इससे नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। आइए वास्तु विशेषज्ञ मधु कोटिया से जानें इसके बारे में विस्तार से।
शंख एक ऐसी वस्तु है जिसका वास्तु में बहुत महत्व है। इसे सही ढंग से रखे जाने पर, यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ा सकता है और घर में शांति, समृद्धि और सुरक्षा ला सकता है। वास्तु की मानें तो आपको घर के मंदिर या किसी अन्य पवित्र स्थान पर शंख जरूर रखना चाहिए, इससे आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यदि घर में पूजा के समय शंखनाद किया जाता है तो आपके आस-पास का वातावरण भी शुद्ध होता है और चारों तरफ ऊर्जा का संचार होता है। शंख को नियमित रूप से पूजने से भी खुशहाली आती है।
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अगर हम वास्तु की मानें तो पूजा के स्थान पर एक शंख रखना ही शुभ माना जाता है। वास्तु के अनुसार, शंख को आदर्श रूप से प्रार्थना कक्ष या घर की पूर्वोत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए। उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण के नाम से जाना जाता है। यह शंख या अन्य पूजन सामग्रियां रखने के लिए अत्यधिक शुभ मानी जाती है और यह दिशा दैवीय ऊर्जा से जुड़ी होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिशा में शंख रखने से इसकी सकारात्मक तरंगें बढ़ती हैं और सौभाग्य आकर्षित होता है।
वास्तु शास्त्र एक ही स्थान पर दो शंखों को एक साथ रखने की सलाह नहीं देता है। ऐसा माना जाता है कि शंख ऊर्जा का शक्तिशाली प्रतीक है और यदि एक साथ दो शंख रखे जाते हैं तो दोनों की ऊर्जाएं आपस में टकराने लगती हैं जिससे नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगते हैं। दो शंख एक साथ रखने से संभावित रूप से घर के भीतर ऊर्जा प्रवाह में भी असंतुलन पैदा हो सकता है, जिससे आपके घर में कलह, भ्रम और यहां तक कि वित्तीय अस्थिरता भी हो सकती है। इसी वजह से एक ही स्थान पर दो शंख रखने से मना किया जाता है।
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कई लोग घर में दो शंख इसलिए भी रखते हैं क्योंकि एक शंख की पूजा करते हैं और दूसरे शंख का इस्तेमाल बजाने में किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि आपको कभी भी उस शंख को नहीं बजाना चाहिए जिसकी पूजा करते हों। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि लोग शंख को होंठों से स्पर्श करके बजाते हैं और उसी की पूजा करने पर पूजा को स्वीकार्य नहीं माना जाता है। यदि आप दो शंख अलग उद्देश्य के लिए रख रहे हैं तो ध्यान रखें कि दोनों को घर के अलग स्थानों पर ही रखें। आमतौर पर पूजा के लिए दक्षिणावर्ती शंख का इस्तेमाल किया जाता है।
यदि आप घर में एक से अधिक शंख रखते हैं तो आपको इसके नियमों का पालन भी जरूर करना चाहिए जिससे घर की खुशहाली बनी रहे और वातावरण हमेशा सकारात्मक रहे। आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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