योगिनी एकादशी के दिन रोगदोष से छुटकारा पाने के लिए क्या करें और क्या करने से बचें?

योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का व्रत और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। यह व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, यह व्रत समस्त पापों को नष्ट करने वाला माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत का फल लाखों ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान पुण्यदायक होता है। जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक योगिनी एकादशी का व्रत करता है और भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्हें यमदूतों के बजाय देवदूत आकर स्वर्ग की ओर ले जाते हैं। योगिनी एकादशी का व्रत व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने और कुछ विशेष उपाय करने से आर्थिक समस्याओं का अंत होता है और जीवन में सुख-संपदा बढ़ती है। अब ऐसे में योगिनी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या करना चाहिए। इसके बारे में इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं।

योगिनी एकादशी के दिन क्या करना चाहिए?

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  • योगिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि से निवृत हो जाएं। स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। संकल्प लेते समय अपनी मनोकामना भी दोहराएं।
  • अपनी श्रद्धा अनुसार अन्न, वस्त्र, जल या धन का दान करें। ब्राह्मणों और गरीबों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • एकादशी के दिन अन्न का सेवन वर्जित है। आप फल, दूध, दही, साबूदाना, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा आदि का सेवन कर सकते हैं।
  • अगले दिन द्वादशी को सूर्योदय के बाद ब्राह्मण को भोजन कराकर या दान देकर व्रत का पारण करें। पारण हमेशा शुभ मुहूर्त में ही करना चाहिए।
  • इस दिन कोशिश करें कि अगर आपके घर कोई आए तो उसे कुछ न कुछ जरूर दें।
  • योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंत्रों के जाप के साथ-साथ स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए।
  • योगिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा में केले के पत्ते का उपयोग जरूर करें और तुलसीदल का प्रयोग करें।


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योगिनी एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?

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योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष में आता है। इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

  • इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • योगिनी एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं। तुलसी के पत्तों की आवश्यकता हो तो एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।
  • काले रंग को नकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए एकादशी के दिन काले रंग के वस्त्र धारण करने से बचें। पीले रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं।
  • इस दिन किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए, न ही अहंकार दिखाना चाहिए या किसी का अपमान करना चाहिए।

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Image Credit- HerZindagi

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