सुंदरकांड को क्‍यों कहते हैं 'सुंदर', वजह जान रह जाएंगे दंग

हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जिस भी घर में सुंदरकांड का पाठ हो जाएं, उस घर में कभी कलह-क्लेश की स्थिति उत्पन्न नहीं होती है। आइए इस लेख में सुंदरकांड के बारे में विस्तार जानते हैं। 

Why this Path of ramayana is called sundar

(Sunderkand Path) सुंदरकांड रामायण का पांचवा भाग है, जिसे भगवान हनुमान जी के पराक्रम और भक्ति के लिए जाना जाता है। यह रामायण का सबसे महत्वपूर्ण भाग माना जाता है और मंगलवार को इसका पाठ विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जिस भी घर में सुंदरकांड का पाठ हो जाए, वहां कलह-क्लेश, भूत-पिशाच और बाधाओं से छुटकारा मिल जाता है। बता दें, सुंदरकांड में हनुमान जी द्वारा लंका यात्रा, सीता जी का पता लगाना, रावण से सीता जी का संदेश देना, लंका दहन, और समुद्र पार करके राम जी के पास लौटने का वर्णन है। हनुमान जी को भक्ति और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।

सुंदरकांड का पाठ करने से भक्ति, शक्ति, साहस और आत्मविश्वास प्राप्त होता है। सुंदरकांड का पाठ करने से ग्रहों दोष से भी छुटकारा मिल सकता है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर सुंदरकांड को 'सुंदर' क्यों कहा जाता है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

रामायण में कुल 7 अध्याय का महत्व क्या है?

hanuman ji ki puja

रामायण में सात अध्याय हैं, जिन्हें कांड के नाम से जाना जाता है। जिसमें पांचवा अध्याय सुंदरकांड है। मंगलवार और शनिवार को सुंदरकांड का पाठ करने से लाभ हो सकता है।

  • बालकांड - इस कांड में भगवान राम के जन्म, उनके बचपन और शिक्षा, तथा सीता स्वयंवर का वर्णन है।
  • अयोध्याकांड - इस कांड में राम का राज्याभिषेक, कैकेयी द्वारा राम को वनवास भेजे जाने का षड्यंत्र, सीता और लक्ष्मण के साथ राम का वनवास, और भरत का अयोध्या पर शासन का वर्णन है।
  • अरण्यकांड - इस कांड में राम, सीता और लक्ष्मण का वनवास, रावण द्वारा सीता का अपहरण, और जटायु और शबरी से राम की मुलाकात का वर्णन है।
  • किष्किंधाकांड - इस कांड में राम और सुग्रीव की मित्रता, बाली वध, और हनुमान जी द्वारा सीता जी की खोज का वर्णन है।
  • सुंदरकांड - इस कांड में हनुमान जी का लंका जाना, सीताजी का पता लगाना, रावण से सीता जी का संदेश देना, लंका दहन, और समुद्र पार करके राम जी के पास लौटने का वर्णन है।

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  • लंकाकांड - इस कांड में राम, लक्ष्मण और वानर सेना का लंका पर आक्रमण, रावण और उसके योद्धाओं के साथ युद्ध, और रावण का वध का वर्णन है।
  • उत्तरकांड - इस कांड में राम का अयोध्या लौटना, सीता का अग्नि परीक्षा देना, और राम के राज्य का वर्णन है।

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सुंदरकांड को क्या कहा जाता है 'सुंदर'?

hanuman ki gada

पौराणिक कथा के अनुसार जब हनुमान जी लंका जाते हैं, तो माता सीता को अशोक वाटिका में देखते हैं और फिर लंका का दहन भी इसी दौरान करते हैं। रामायण का इसी अध्याय को सुंदरकांड कहा जाता है। दरअसल पूरे सुंदरकांड में सुंदर शब्द का प्रयोग 8 बार किया गया है। जिस धरातल पर पैर रखकर हनुमान जी ने लंका में छलांग लगाई। उसका नाम सुंदर कहा गया है। इसके अलावा जब हनुमान जी पेड़ पर बैठकर माता सीता के आगे प्रभु श्रीराम की मुद्रिका गिराते हैं, तब उस मुद्रिका लिखा राम का नाम सुंदर ही कहकर संबोधित किया जाता है। ऐसा कुल 8 बार हुआ था। इसके अलावा रावण द्वारा माता सीता का हरण करने के बाद यह पहला मौका था। जब मां सीता को सकारात्मक रूप सुंदर संदेश मिला था। इसलिए इस अध्याय को सुंदरकांड कहते हैं।

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Image Credit- herzindagi

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