सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र माना जाता है। इस महीने में लोग अपने घर में पूजा-पाठ और अनुष्ठान करते हैं। लेकिन इस दौरान हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का भी विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की कई समस्याएं दूर होती हैं और मन को शांति मिलती है। आइए पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं सुंदरकांड पाठ के लाभ और सावन में इसे करने का सही तरीका।
सुंदरकांड श्रीरामचरितमानस का वह भाग है जिसमें हनुमान जी की वीरता, भक्ति और बुद्धिमत्ता का वर्णन किया गया है। इसे पढ़ने के व्यक्ति के जीवन की नकारात्मक भावना दूर होती है। साथ ही, व्यक्ति को शक्ति प्रदान होती है। इसलिए कई सारे लोग मंगलवार के दिन घर पर खुद ही सुंदरकांड का पाठ करते हैं। इससे रोग, भय और कर्ज की समस्याएं कम होती हैं।
सावन में शिव पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भक्ति का फल कई गुना अधिक मिलता है। वहीं हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार भी माना जाता है, इसलिए इस महीने उनका विशेष पूजन फलदायी होता है। आप इसे घर पर कराकर हनुमान जी का आशीर्वाद पा सकते हैं।
मंगलवार और शनिवार हनुमान जी को विशेष रूप से समर्पित हैं, लेकिन सावन में किसी भी दिन पाठ किया जा सकता है।
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सुंदरकांड का पाठ करते समय मन एकाग्रता होनी चाहिए। साथ ही, आप किसी और जगह पर अपना दिमाग न लगाएं। वरना आपको समस्या हो सकती है। मोबाइल जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। शुद्ध उच्चारण के साथ इस पाठ को पूरा करें। इससे आपके जीवन में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेंगे।
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