सावन में पार्थिव शिवलिंग की पूजा क्यों मानी जाती है सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण

हिंदू धर्म में पार्थिव शिवलिंग पूजा का विशेष महत्व है। ऐसे में आपको बता दें सावन मास में अन्य शिवलिंग से ज्यादा पार्थिव शिवलिंग की पूजा का महत्व है चलिए जानते हैं इसके बारे में।

 
Materials required for Parthiv Shivling Puja

पार्थिव शिवलिंग शुद्ध मिट्टी से बनाया गया भगवान शिव की लिंग रूप की प्रतिमा है। हिंदू धर्म में पार्थिव शिवलिंग के पूजा का विशेष महत्व है। लोग सावन मास भर और शिव जी के विशेष वार और पर्व में पार्थिव शिवलिंग की पूजा करते हैं। बता दें कि सावन के महीने में मिट्टी से बने इस पार्थिव शिवलिंग के पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि लोग इस शिवलिंग का निर्माण शुद्ध चीजों के इस्तेमाल जैसे शुद्ध मिट्टी, गंगा जल, गाय का घी, गाय के गोबर के कंडे का राख आदि पवित्र चीजों को मिलाकर शिवलिंग तैयार किया जाता है। इसलिए इस शिवलिंग का विशेष महत्व है। पार्थिव शिवलिंग के महत्व के बारे में हमने अपने एस्ट्रो एक्सपर्ट शिवम पाठक से पुछा है, पंडित जी ने इसके बारे में विस्तार से बताया है। चलिए जानते हैं इसके बारे में।

सावन में पार्थिव शिवलिंग का क्यों महत्व है

Parthiv Shivling benefits

पवित्र माह: सावन माह को हिंदू पंचांग में विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इस माह में धार्मिक कार्यों का विशेष महत्व होता है और भगवान शिव के प्रति भक्ति एवं विशेष समर्पण का समय होता है। ऐसे में यदि कोई पूरे श्रद्धा और भाव से भगवान शिव के लिंग का निर्माण करता है, तो भोलेनाथ उसकी सभी इच्छाओं का मान रखते हैं।

शिवलिंग का पार्थिव रूप: पार्थिव शिवलिंग का अर्थ होता है जो मिट्टी से बना हुआ शिवलिंग। यह पूजा शिवलिंगकी शुद्धता और साकारता को दर्शाती है और भक्ति में अधिक साकार अनुभव करती है। शिव का पार्थिव स्वरूप भक्त के भगवान के प्रति संपूर्ण भाव को दर्शाती है।

Parthiv Shivling Puja Vidhi

शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की पूजा: सावन माह के शिवरात्रि के दिन पार्थिव शिवलिंग की विशेष महत्व हैं। सावन और शिवरात्रि दोनों ही भगवान शिव के समर्पित है। इस समय भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है और पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

शिवपुराण की कथा के अनुसार सावन मास में शुद्ध मिट्टी और अन्य चीजों से पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करने से हाथों की रेखाएं बदलती है और हमारे जीवन में यदि कुछ बुरा होने वाला होता है, तो वह भी टलता है।

शिव के सभी रूपों में श्रेष्ठ: शिवपुराण की कथा में पार्थिव शिवलिंग की पूजा को शिव के सभी रूपों में अधिक महत्वपूर्ण और फलदायी माना गया है।

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Image Credit: Freepik

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