अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ दिन है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष, यह शुभ दिन 30 अप्रैल, दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन इनके साथ-साथ धन और समृद्धि के देवता कुबेर की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि अक्षय तृतीया और कुबेर देव के बीच का संबंध और इस दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है और कुबेर देव की पूजा का क्या महत्व है।
अक्षय तृतीया और कुबेर देव का संबंध
अक्षय तृतीया को धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदना और नए व्यापार की शुरुआत करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि को अक्षय बनाता है। कुबेर देव को देवताओं के कोषाध्यक्ष और धन के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। उनका आशीर्वाद प्राप्त होने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही कुबेर देव को अलकापुरी नामक राज्य पर शासन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्हें स्वर्ग के खजाने का संरक्षक नियुक्त किया गया था। यह कहा जाता है कि कुबेर ने वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की, जिसके फलस्वरूप शिव ने उन्हें यक्षों का राज्य प्रदान किया और धनपति होने का आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ होता है और धन का संचय बढ़ता है।
इसे भी पढ़ें-इस कुबेर मंदिर में दर्शन मात्र से भक्तों की सभी मुरादें हो जाती हैं पूरी
अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की पूजा का महत्व
अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन स्वयं ही अक्षय फलदायी है। ऐसे में, इस शुभ अवसर पर धन के देवता कुबेर की आराधना की जाए, तो यह सोने पर सुहागा जैसा माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुबेर देव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं रहती और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है, जिसका अर्थ है कि धन आता तो है, साथ ही वह टिका भी रहता है।
इसे भी पढ़ें-ये हैं देश के सबसे प्रसिद्ध और पवित्र कुबेर मंदिर, दर्शन मात्र से होती है धन की बारिश
कुबेर देव की पूजा करने से भक्तों को धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और आय के नए स्रोत खुलते हैं। जो लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं या अपने व्यवसाय में स्थिरता चाहते हैं, उनके लिए अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कुबेर देव की पूजा से घर और कार्यस्थल से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जिससे सकारात्मक माहौल बनता है और उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की आराधना करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
इसे भी पढ़ें-कुबेर देवता की पूजा किस दिन करनी चाहिए?
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ।
Image credit- Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों