Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर कुबेर पूजा का क्या है महत्व? जानें अखा तीज और धन के देवता का संबंध

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ-साथ धन के देवता कुबेर की पूजा करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह दिन आर्थिक स्थिरता, धन-समृद्धि और स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए इस लेख में जानते हैं कि कुबेर देव और अक्षय तृतीया के बीच आखिर क्या संबंध है।
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अक्षय तृतीया का हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ दिन है। इसे आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष, यह शुभ दिन 30 अप्रैल, दिन बुधवार को है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है, लेकिन इनके साथ-साथ धन और समृद्धि के देवता कुबेर की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है। आइए ज्योतिषाचार्य अरविंद त्रिपाठी से जानते हैं कि अक्षय तृतीया और कुबेर देव के बीच का संबंध और इस दिन उनकी पूजा क्यों की जाती है और कुबेर देव की पूजा का क्या महत्व है।

अक्षय तृतीया और कुबेर देव का संबंध

kuber dev puja

अक्षय तृतीया को धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है। इस दिन सोना-चांदी खरीदना और नए व्यापार की शुरुआत करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि को अक्षय बनाता है। कुबेर देव को देवताओं के कोषाध्यक्ष और धन के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। उनका आशीर्वाद प्राप्त होने से धन-धान्य की कमी नहीं होती और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन ही कुबेर देव को अलकापुरी नामक राज्य पर शासन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्हें स्वर्ग के खजाने का संरक्षक नियुक्त किया गया था। यह कहा जाता है कि कुबेर ने वर्षों तक भगवान शिव की तपस्या की, जिसके फलस्वरूप शिव ने उन्हें यक्षों का राज्य प्रदान किया और धनपति होने का आशीर्वाद दिया। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव और माता लक्ष्मी की पूजा करने से धन लाभ होता है और धन का संचय बढ़ता है।

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अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की पूजा का महत्व

Lord kuber devta

अक्षय तृतीया के दिन कुबेर देव की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि यह दिन स्वयं ही अक्षय फलदायी है। ऐसे में, इस शुभ अवसर पर धन के देवता कुबेर की आराधना की जाए, तो यह सोने पर सुहागा जैसा माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन कुबेर देव की पूजा करने से व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं रहती और स्थिर लक्ष्मी का वास होता है, जिसका अर्थ है कि धन आता तो है, साथ ही वह टिका भी रहता है।

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कुबेर देव की पूजा करने से भक्तों को धन, संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं और आय के नए स्रोत खुलते हैं। जो लोग आर्थिक रूप से परेशान हैं या अपने व्यवसाय में स्थिरता चाहते हैं, उनके लिए अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की पूजा करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है। कुबेर देव की पूजा से घर और कार्यस्थल से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जिससे सकारात्मक माहौल बनता है और उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से अक्षय तृतीया पर कुबेर देव की आराधना करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।

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Image credit- Freepik


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