Dahi Handi 2024: हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन यानी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर देशभर में धूमधाम से दही हांडी का उत्सव मनाया जाता है। इस दिन कान्हा जी की मंदिरों के साथ-साथ हर गली-मोहल्ले में भी हांडी उत्सव का आयोजन किया जाता है। जानकारी के लिए बता दें, दही हांडी के इस खास त्योहार को महाराष्ट्र और गुजरात में बड़े पैमाने पर सेलिब्रेट किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस पर्व को द्वापर युग से ही मनाया जा रहा है। क्या आपको पता है कि दही हांडी का उत्सव हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन ही क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं जानते हैं, तो चलिए ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से इसके बारे में विस्तार से जान लेते हैं। साथ ही, यह भी बताएंगे कि इसके मटके में क्या-क्या डाला जाता है।
जन्माष्टमी के बाद ही क्यों मनाया जाता है दही हांडी उत्सव?
पौराणिक कथा के अनुसार, द्वापर युग में भगवान श्रीकृष्ण छोटी उम्र में ही लोगों आसपास के घरों से माखन मिश्री को चुराकर अपने मित्रों में वितरण करके खाते थे। प्रभु की इस लीला से गोपियां परेशान काफी हों गईं थी। ऐसे में, गोपियों ने माखन की मटकी को ऊंचे स्थान पर लटकाना शुरु कर दिया, परंतु उनका यह प्रयास भी हर बार असफल ही रहा, क्योंकि इसके बाद भी भगवान श्रीकृष्ण अपने सखा के संग मटकी से मक्खन और दही चुराकर खा लिया करते थे। यही कारण है कि जन्माष्टमी के अगले दिन प्रभु की इस बाल लीला को दही हांडी के उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है।
इसे भी पढ़ें-Krishna Janmashtami Puja Mantra 2024: जन्माष्टमी के दिन कान्हा की पूजा में करें इन मंत्रों के उच्चारण, घर आएगी सुख-समृद्धि
दही हांडी के मटके में क्या-क्या डालते हैं?
दही हांडी के उत्सव को मनाने के लिए सबसे पहले एक मटके को तैयार किया जाता है। इसके लिए बाजार से एक मिट्टी के मटके को लाकर इसे दूध, दही, मक्खन और कई अन्य दूध उत्पादों से भर दिया जाता है। फिर मिट्टी के इस हांडी को जमीन से कई मंजिल ऊपर रस्सी के सहारे लटका दिया जाता है।
कैसे मनाते हैं दही हांडी का उत्सव
जन्माष्टमी के अगले दिन यानी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर हर साल हांडी उत्सव मनाया जाता है। इस खास दिन के मौके पर मंदिर और गली-मोहल्ले में भी मटकी में दही, माखन और मिश्री भरकर ऊंचाई पर लटकाने की परंपरा को पूरा किया जाता है। फिर, इस मटके तक पहुंचने के लिए युवाओं की टोलियां आपस में एक पिरामिड बनाकर इसे फोड़ने का प्रयास करते हैं। ऐसे में, जो टोली इस मटकी को फोड़ देती हैं। वह विजेता कहलाती है और फिर नाच गाने के साथ इस उत्सव का समापन होता है।
इसे भी पढ़ें-Dahi Handi 2023- मथुरा-मुंबई की इन जगहों पर मनाया जा रहा है दही हांडी कार्यक्रम, आप भी ले सकते हैं हिस्सा
इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ
Image credit- Herzindagi, Freepik
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों