who wrote mrityunjaya mantra

Mahamrityunjay Mantra: कैसे हुई मृत्यु टाल देने वाले 'महामृत्युंजय मंत्र' की रचना?

प्रत्येक देवी-देवता के कुछ बीज मंत्र होते हैं तो कुछ नियमित मंत्र होते हैं जिनके जाप से वह प्रसन्न होकर अपनी कृपा व्यक्ति पर बरसाते हैं। 
Editorial
Updated:- 2023-12-05, 14:52 IST

Maha Mrityunjay Mantra Ke Bare Mein: धर्म शास्त्रों में हर देवी-देवता से जुड़े मंत्रों के बारे में उल्लेख मिलता है। प्रत्येक देवी-देवता के कुछ बीज मंत्र होते हैं तो कुछ नियमित मंत्र होते हैं जिनके जाप से वह प्रसन्न होकर अपनी कृपा व्यक्ति पर बरसाते हैं। ठीक ऐसे ही भगवान शिव से जुड़ा एक मंत्र है जो उनका प्रिय माना जाता है। यह मंत्र है 'महामृत्युंजय मंत्र'। इस मंत्र को मृत्यु टालने वाला मंत्र बताया गया है। ऐसे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से आइये जानते हैं कि किसने इस मंत्र का निर्माण किया, यह मंत्र कब लिखा गया और कैसे हुई इस मंत्र की उत्पत्ति। 

महामृत्युंजय मंत्र को किसने बनाया?

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पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान शिव के परम भक्त थे ऋषि मृकण्डु जो हमेशा भगवान शिव (भगवान शिव के प्रतीक) की भक्ति में लीन रहते थे। ऋषि मृकण्डु को भगवान शिव की कृपा से सभी चीजों का परम ज्ञान था लेकिन संतान न होने के कारण वह हमेशा दुखी रहते थे। 

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एक दिन उन्होंने संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिव की तपस्या करने का निर्णय लिया और तपस्या में बैठ गए। भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्होंने ऋषि मृकण्डु को एक तेजस्वी और परम ज्ञानी संतान होने का वरदान दिया। 

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हालांकि भगवान शिव ने उन्हें यह भी बताया कि यह संतान अल्पायु होगी और इसकी मृत्यु कम उम्र में हो जाएगी। इसके बाद ऋषि मृकण्डु के घर पुत्र का जन्म हुआ जो पिता के समान ही कम उम्र से ही परम ज्ञानी और शिव भक्त था।

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ऋषि मृकण्डु ने अपनी इस पुत्र का नाम मार्कण्डेय रखा। थोड़ा बड़ा होने पर ऋषि ने अपने पुत्र को उसके अल्पायु होने के बारे में बताया तब मार्कण्डेय ने शिव तपस्या का प्रण लिया। मार्कण्डेय ने 'महामृत्युंजय मंत्र' की रचना की और उसका जाप करने लगे। 

मार्कण्डेय ने कई वर्षों तक इसी मंत्र का जाप करते हुए घोर तपस्या की जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दीर्घायु होने का वरदान दिया। बालक मार्कण्डेय के द्वारा निर्मित होने के कारण यह मंत्र भगवान शिव का प्रिय हो गया।   

 

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं आखिर कैसे हुई थी भगवान शिव के प्रिय 'महामृत्युंजय मंत्र' की उत्पत्ति। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।  

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