फोटो खिचवाना, रील्स बनाना, पैसे देकर दर्शन करना... मंदिर में जाकर आप भी करती हैं ये काम तो जान लें शास्त्रों में क्या लिखा है इस तरह के कार्यों का परिणाम

अगर आप मंदिर जाकर भगवान में ध्यान लगाने के बजाय फोटो खिचवाना या रील्स बनाने जैसे कार्य करते हैं या फिर मंदिर में पैसे देकर दर्शन करते हैं तो इस तरह के सांसारिक कार्यों का परिणाम शास्त्रों के अनुसार जान लीजिए।
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हिन्दू धर्म शास्त्रों में रोजाना मंदिर जाने की बात कही गई है। इससे घर और जीवन में सकारात्मकता और शुभता बनी रहती है, लेकिन दूसरी ओर यह भी बताया गया है कि मंदिर जाकर कौन से कार्य करने चाहिए और कौन से कार्य नहीं करने चाहिए। उदाहरण के तौर पर मंदिर जाकर दान करना, मंदिर में बैठकर कीर्तन या पाठ करना, मंदिर में सेवा देना जैसे कि झाड़ू लगाना, भंडारा करवाना आदि इन साभी कार्यों को करने से पुण्यों में वृद्धि तो होती ही है लेकिन साथ में भगवान की असीम कृपा मिलती है, आध्यात्मिक शक्ति बढ़ती है, घर में धन-धान्य बना रहता है और पारिवारिक शांति स्थापित होती है। वहीं, इसके विपरीत अगर आप मंदिर जाकर भगवान में ध्यान लगाने के बजाय फोटो खिचवाना या रील्स बनाने जैसे कार्य करते हैं या फिर मंदिर में पैसे देकर दर्शन करते हैं तो इसका परिणाम भी शास्त्रों में लिखित है, आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

मंदिर में सांसारिक कार्य और धन का दिखावा करने से क्या होता है?

मुनि वचन में देवर्षि नारद और प्रजापति दक्ष के बीच एक चर्चा के दौरान देवर्षि नारद ने बताया कि मंदिर जाकर भी भगवान का ध्यान करने या मंदिर में पुण्य कर्म करने की बजाय अगर कोई व्यक्ति सांसारिक कर्म करता है तो उसके जीवन में कभी भी संतोष नहीं पनप पाता है।

mandir jakar kya nahi karna chahiye

सांसारिक कर्म करने के लिए घर या अन्य स्थान सृष्टि में मौजूद हैं लेकिन अगर सांसारिक कर्म मंदिर में किए जाएं तो ऐसे मनुष्य को कभी संतुष्टि नहीं रहती है, ऐसे मनुष्य का हृदय हमेशा बेचैन और दुखी रहता है एवं ऐसे मनुष्य को भवान की प्राप्ति भी कभी नहीं होती है।

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अब आज के समय में जो सबसे ज्यादा लोग मंदिर जाकर करते हैं वो इस प्रकार की ही गतिविधियां हैं ऐसे में फोटो खिचवाना या रील्स बनाना आदि सांसारिक कर्म के अंतर्गत ही आता है। वहीं, देवर्षि नारद ने धन के आडंबर की भी बात कही है यानी कि पैसों का दिखावा।

अगर कोई मनुष्य मंदिर जैसे पवित्र स्थल पर धन का आडंबर करता है यानी कि पैसों का दिखावा करता है तो उसके जीवन में कभी भी मां लक्ष्मी स्थाई नहीं रहती हैं या शुभ लक्ष्मी वास नहीं करती हैं। ऐसा मनुष्य अगर धनवान भी है तो उसका पैसा उसे कभी न कभी दुबाएगा ही।

mandir mein kya nhi karna chahiye

मंदिर में धन का दिखावा करने वाले लोगों को हमेशा या तो दरिद्रता झेलनी पड़ती है या फिर उसके पास मौजूद धन ही उस मनुष्य को बर्बाद कर देता है। आज के समय में धन का आडंबर मुख्य रूप से मंदिर में पैसे देकर दर्शन करने के रूप में सुनाई या दिखाई पड़ता है।

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देवर्षि नारद ने प्रजापति दक्ष को यह भी बताया था कि जो व्यक्ति मंदिर में सांसारिक कर्मों और धन के आडंबर से दूर रहता है उसे न सिर्फ भगवान की प्राप्ति होती है बल्कि उसे भगवत प्राप्ति भी नसीब होती है। भगवान ऐसे मनुष्य के लिए स्वयं दौड़े चले आते हैं।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • शास्त्रों में चुगली करने का क्या परिणाम लिखा हुआ है?

    गरुड़ पुराण के 41 अध्याय में एक श्लोक है, 'यो निन्दति परं नित्यं स्वयमेव गुणं वदेत्। नरकं स विशेषेण याति कालमकारयन्।।' इस श्लोक का मतलब है कि जो दूसरों की बुराई या निंदा करता है और खुद को महान बताता है वह पाप का भागी होता है।