व्रत त्योहार हिंदू धर्म में विशेष रूप से मनाए जाते हैं। खासतौर किसी भी अवसर को धूम-धाम से मनाती हैं और ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए भक्तिमय होकर उपवास करती हैं। इसी तरह से 28 जुलाई से एक और सप्ताह का आरंभ हो चुका है जिसमें कई व्रत-त्योहार पड़ेंगे। यह सप्ताह श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में आ रहा है। ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी बता रहे हैं कि इस सप्ताह की शुरुआत सावन के तीसरे सोमवार से हो रही है और इसमें नाग पंचमी, विनायक चतुर्थी, तुलसीदास जयंती और सावन की मासिक दुर्गा अष्टमी जैसे व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना का अवसर लेकर आ रहे हैं।
श्रावण का यह समय विशेष रूप से शिवभक्ति के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस दौरान अनेक श्रद्धालु व्रत रखते हैं, मंदिरों में दर्शन हेतु श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। अगर आप भी ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए व्रत करती हैं तो आपको इनकी सही तिथि के बारे में भी पूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए जानें 28 जुलाई से 03 अगस्त 2025 तक के संपूर्ण व्रत और त्योहारों की पूरी लिस्ट के बारे में विस्तार से।
तिथि | व्रत-त्योहार | पूजन विधि |
28 जुलाई,सोमवार | सावन का तीसरा सोमवार | शिवलिंग पर जलाभिषेक, बेलपत्र अर्पण, रुद्राभिषेक करें। |
28 जुलाई,सोमवार | विनायक चतुर्थी | गणेश जी को दूर्वा, मोदक अर्पण करें। |
29जुलाई,मंगलवार | नाग पंचमी | नाग देवता को दूध, कुश, चंदन अर्पित करें। |
31 जुलाई,गुरुवार | तुलसीदास जयंती | श्रीरामचरितमानस का पाठ करें। |
31 जुलाई,गुरुवार | सावन शुक्ल सप्तमी व्रत | व्रत रखकर देवी पूजन करें |
1 अगस्त,शुक्रवार | सावन मासिक दुर्गा अष्टमी | मां दुर्गा की पूजा करें, दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। |
2 अगस्त, शनिवार | शिव पूजन हेतु विशेष दिन | महारुद्राभिषेक करें |
3 अगस्त,रविवार | सावन शुक्ल नवमी व्रत | सूर्य देव की पूजा करें। |
28 जुलाई 2025, सोमवार- सावन का तीसरा सोमवार व्रत
सावन महीने का तीसरा सोमवार इस सप्ताह की शुरुआत में 28 जुलाई के दिन पड़ रहा है। शिव भक्तों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जा रहा है।
- इस दिन व्रत रखने, शिवलिंग पर जलाभिषेक करने और घर पर रुद्राभिषेक करने का विशेष महत्व है।
- शुभ मुहूर्त: आज के दिन ब्रह्म मुहूर्त से लेकर दोपहर 12:00 बजे तक शिव पूजन और जलाभिषेक श्रेष्ठ रहेगा, लेकिन आप आज पूरे दिन और रात्रि को 10 बजे से पहले शिव जी का पूजन कर सकते हैं।
28 जुलाई 2025, सोमवार- सावन विनायक चतुर्थी
- सावन शुक्ल पक्ष की विनायक चतुर्थी इस साल 28 जुलाई, सोमवार को है। चतुर्थी तिथि का आरंभ- 27 जुलाई, रात 10:41 मिनट से है और इसका समापन 28 जुलाई रात्रि 11:24 मिनट तक होगा।
- ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 28 जुलाई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी। इस दिन यदि आप गणपति का पूजन सच्चे मन से करें और उन्हें दूर्वा चढ़ाएं तो आपको इसके लाभ हो सकते हैं।
29 जुलाई 2025, मंगलवार- नाग पंचमी
- सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि जिसे नाग पंचमी कहा जाता है इस साल 29 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी। इस दिन नाग देवता की पूजा-अर्चना करना शुभ माना जाता है और लोग नाग देवता को दूध समर्पित किया जाता है।
- यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है तो आप इस दिन रुद्राभिषेक का आयोजन कर सकते हैं।
- पूजा का शुभ मुहूर्त: 29 जुलाई प्रातः 05:45 से प्रातः 08:30 तक पूजन करना शुभ रहेगा।
31 जुलाई 2025, गुरुवार- तुलसी दास जयंती और सावन शुक्ल पक्ष सप्तमी व्रत
- श्रावण शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 31 जुलाई को पड़ सही है और इसी दिन तुलसीदास जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।
- यदि आप सावन सप्तमी तिथि का व्रत करती हैं तो आपके लिए इसके शुभ फल हो सकते हैं।
1 अगस्त 2025, शुक्रवार-सावन मासिक दुर्गा अष्टमी व्रत
- श्रावण शुक्ल मासिक दुर्गा अष्टमी इस साल 1 अगस्त 2025 को पड़ रही है। इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है और उनकी पसंद का भोग अर्पित किया जाता है।
- भक्त इस दिन उपवास रखकर मां दुर्गा का पूजन करते हैं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना फलदायी माना जाता है।
2 अगस्त 2025,शनिवार- शिव पूजन हेतु विशेष दिन
सावन महीने का कोई भी शनिवार शिव पूजन के लिए विशेष माना जाता है। यदि आप इस दिन रुद्राभिषेक का आयोजन करें तो इससे भी शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।
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3 अगस्त 2025, रविवार-सावन शुक्ल पक्ष नवमी व्रत
- नवमी व्रत के साथ इस दिन रविवार पड़ रहा है और यह दिन सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष है।
- नवमी तिथि प्रारंभ: 02 अगस्त, 07:23 प्रातः से
- नवमी तिथि समाप्त: 03 अगस्त, 09:42 तक
- यदि आप नवमी तिथि का व्रत करती हैं तो आप इस दिन पूजन और उपवास कर सकती हैं।
निष्कर्ष- 28 जुलाई से 03 अगस्त 2025 का सप्ताह कुछ विशेष पर्वों की दृष्टि से अत्यंत शुभ है। यह समय शिव भक्ति और गणेश पूजन के लिए शुभ है। इन सभी दिनों में श्रद्धा और विधि पूर्वक व्रत-पूजन करने से न पापों से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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