सावन में रुद्राभिषेक के समय क्यों जरूरी होता है नंदी मुख जलाधारी? जानें ज्योतिष कारण

सावन मास में लोग रुद्राभिषेक करवाते हैं। इसमें नंदी मुख जलाधारी का प्रयोग जल चढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे भी रुद्राभिषेक को पूर्ण किया जाता है। पंडित जी से जानते हैं इसका कारण।
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सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस महीने में कई सारे लोग अपने घर में रुद्राभिषेक करवाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका खास फल आपको मिलता है। इसमें कई सारी चीजों का इस्तेमाल होता है। लेकिन नंदी मुख जलाधारी का इस्तेमाल शिवजी के जलाभिषेक के लिए किया जाता है। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं इसका इस्तेमाल क्यों और कैसे किया जाता है।

रुद्राभिषेक में नंदी मुख जलाधारी का इस्तेमाल क्यों होता है

हम सभी को पता है कि भगवान शिव के प्रिय गण नंदी महाराज माने जाते हैं। जहां भगवान शिव होते हैं वहां नंदी भगवान जरूर होते हैं। ऐसे ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी नंदी मुख जलाधारी से किया जाता है। क्योंकि इन्हें ज्ञान, धर्म, तपस्या, समर्पण और प्रतीक्षा का प्रतीक माना जाता है। इससे रुद्राभिषेक करने से भगवान के प्रति आपका भाव और समपर्ण सीधा उनके पास पहुंचता है।

Nandi jaladhari

नंदी मुख जलाधारी का ज्योतिष महत्व

  • शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल, दूध, या अन्य सामग्री इसी जलाधारी से बाहर निकलता है। जब आप इस जलाधारी से भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाएं तो नंदी मुख उत्तर दिशा में होना चाहिए। इससे भक्त के लिए लाभकारी होता है।
  • नंदी मुख से जल का निकास यह सुनिश्चित करता है कि अभिषेक से उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा आपके घर में चारों तरफ पहुंचे।
  • रुद्राभिषेक के दौरान मंत्रों के उच्चारण जरूर करें। इससे जीवन में सरलता बनी रहती है।
  • नंदी मुख जलाधारी से जल का निकास नकारात्मक ऊर्जा को कम करता है।

रुद्राभिषेक से दूर होता है वास्तु दोष

  • अगर आपके घर में किसी तरह की समस्याएं आपके जीवन में रुकावटे ला रही हैं, तो आपको रुद्राभिषेक जरूर करवाना चाहिए।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार नंदी मुख जलाधारी से निकला हुआ जल शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद पात्र में लेकर अपने घर के हर कोने में छिड़कना चाहिए।
  • धन से जुड़ी समस्या के लिए भी आप रुद्राभिषेक जरूर करवाएं।
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती है। भगवान शिव आपको थोड़े से प्रयास से ही खुश हो जाते हैं। आप सावन में इसलिए रुद्राभिषेक जरूर करें। इससे आपके जीवन में परिवर्तन नजर आएगा।

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Image Credit- freepik

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FAQ

  • नंदी मुख जलाधारी क्या है?

    यह एक विशेष प्रकार का पात्र है जिसका उपयोग रुद्राभिषेक के दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए किया जाता है। इसमें नंदी बैल का मुख आगे की तरफ बना होता है। इसलिए इसे नंदी मुख जलाधारी भी कहते हैं।
  • नंदी मुख जलाधारी से जल चढ़ाने की क्या है मान्यता?

    नंदी मुख जलाधारी से जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।