सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस महीने में कई सारे लोग अपने घर में रुद्राभिषेक करवाते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका खास फल आपको मिलता है। इसमें कई सारी चीजों का इस्तेमाल होता है। लेकिन नंदी मुख जलाधारी का इस्तेमाल शिवजी के जलाभिषेक के लिए किया जाता है। पंडित जन्मेश द्विवेदी जी से जानते हैं इसका इस्तेमाल क्यों और कैसे किया जाता है।
हम सभी को पता है कि भगवान शिव के प्रिय गण नंदी महाराज माने जाते हैं। जहां भगवान शिव होते हैं वहां नंदी भगवान जरूर होते हैं। ऐसे ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी नंदी मुख जलाधारी से किया जाता है। क्योंकि इन्हें ज्ञान, धर्म, तपस्या, समर्पण और प्रतीक्षा का प्रतीक माना जाता है। इससे रुद्राभिषेक करने से भगवान के प्रति आपका भाव और समपर्ण सीधा उनके पास पहुंचता है।
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भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती है। भगवान शिव आपको थोड़े से प्रयास से ही खुश हो जाते हैं। आप सावन में इसलिए रुद्राभिषेक जरूर करें। इससे आपके जीवन में परिवर्तन नजर आएगा।
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