kyu banate hain godhan ki pratima

क्या होता है गोधन जिसकी प्रतिमा घर में बनाने से होता है धन लाभ?

हर एक राज्य, प्रांत, जाति, धर्म आदि में अनूठी मान्यताएं भी मौजूद हैं। ठीक ऐसी ही एक मान्यता है श्री कृष्ण की लीला स्थली ब्रज क्षेत्र की जहां गोधन की आकृति बनाई जाती है और फिर उसे मूसल से कूटा जाता है।
Editorial
Updated:- 2025-03-27, 23:00 IST

भारत में अनेकों राज्य और प्रांत हैं, कई धर्म हैं और कई जातियां भी हैं। हर एक राज्य, प्रांत, जाति, धर्म आदि में अनूठी मान्यताएं भी मौजूद हैं। ठीक ऐसी ही एक मान्यता है श्री कृष्ण की लीला स्थली ब्रज क्षेत्र की जहां गोधन की आकृति बनाई जाती है और फिर उसे मूसल से कूटा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्या है ये गोधन और क्यों इसकी आकृति बनाने के बाद इसे कूटते हैं और इसका संबंध धन से कैसे है। तो चलिए जानते हैं इस बारे में विस्तार से ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स द्वारा।

क्या है गोधन की पौराणिक कथा?

godhan ke bare mein

कन्याओं द्वारा गोधन नामक आकृति घर में बनाई जाती है, जो एक पौराणिक मान्यता से जुड़ी है। मान्यताओं के अनुसार, यह आकृति भगवान श्रीकृष्ण के मित्र गोधन की है। कथा के अनुसार, एक बार गोधन ने गोपियों के साथ रास करने की इच्छा व्यक्त की और श्री कृष्ण का रूप धारण कर गोपियों को लुभाने का प्रयास किया। लेकिन गोपियों को यह छल पसंद नहीं आया और उन्होंने उसे पहचान लिया। परिणामस्वरूप, गोधन को अपने प्राणों का बलिदान देना पड़ा। उसकी यह इच्छा अधूरी रह गई कि गोपियां हमेशा उसके आस-पास रहें।

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श्री कृष्ण को जब इस बारे में पता चला तो उन्होंने गोबर के कंडों से एक आकृति बनाई और उस आकृति में गोधन के प्राण डाल दिए। इसके बाद गोधन जब पुनः उस आकृति में जीवित हुआ तो उसे उसकी भूल का आभास हुआ, जिसके बाद उसने राधा रानी और गोपियों से क्षमा मांगते हुए मुक्ति की प्राथना की। तब राधा रानी ने गोधन से कहा कि उसके पाप की काट एक ही तरह संभव है कि वो उसे एक वरदान दें और उसी के साथ एक श्राप भी। तभी उसे मुक्ति मिल पाएगी और वह श्री कृष्ण एवं राधा रानी के धाम गोलोक में प्रवेश कर पाएगा।

godhan ki katha

गोधन मान गया और तब राधा रानी ने गोधन को श्राप यह दिया कि गोपियों को बुरी नजर से देखने दंड हेतु हर साल उसकी आकृति बनाकर उसे कन्याएं मूसल से कूटेंगी और वो भी भाईदूज के दिन ताकि यह संदेश सब तक पहुंचे कि अपनी पत्नी के अलावा, हर पुरुष के लिए दूसरी स्त्री बहन है और उसके प्रति भ्राता का भाव रखना आवश्यक है। वहीं, वरदान ये किया कि चूंकि उसकी प्रतिमा गाय के गोबर से बनी होगी जो धन के समान माना जाता है। ऐसे में उस कुटे हुए गोबर को जो भी कोई अपने घर में रखेगा, उसका घर धन-धान्य से हमेशा भरा रहेगा।

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