इस मंदिर में पत्थर पर नाम लिखने से आत्मा को मिलती है मुक्ति, जानें क्या है मान्यता

ब्रज क्षेत्र को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थापित मंदिर जितने प्राचीन हैं उससे कही ज्यादा रहस्यमयी भी हैं। ऐसा ही एक मंदिर मौजूद है वृंदावन में जहां लोग अपना नाम उस मंदिर के पत्थरों पर लिखकर जाते हैं।   

vrindavan mein kaha hai shri radha vanshi gopal ji mandir

भारत में अनेकों मंदिर हैं जिनसे जुड़े कई रहस्य मौजूद है। वहीं, भारत के उत्तर प्रदेश में बसा ब्रज धाम यानी कि कृष्ण नगरी भी कम रहस्यों से जुड़ी हुई नहीं है। ब्रज क्षेत्र को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यहां स्थापित मंदिर जितने प्राचीन हैं उससे कही ज्यादा रहस्यमयी भी हैं।

ऐसा ही एक मंदिर मौजूद है वृंदावन में जहां लोग अपना नाम उस मंदिर के पत्थरों पर लिखकर जाते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जब हमने इस बारे में पूछा तो उन्होंने हमें कई रोकाक तथ्य इ मंदिर से जुड़े बताये। साथ ही, इस मंदिर के नाम से भी परिचित किया। ऐसे में आइये जानते हैं कि कौन सा है ये मंदिर और क्या है इसकी कहानी।

वृन्दावन के किस मंदिर में लिखते हैं लोग पत्थरों पर अपना नाम?

shri radha vanshi gopal ji mandir

वृंदावन में यमुना किनारे स्थिति है केसी घाट जहां स्थापित है श्री राधा वंशी गोपाल मंदिर। इस मंदिर में राधा रानी और लड्डू गोपाल एक साथ विराजित हैं। इस मंदिर को लेकर ऐसा मन जाता है कि यहां जो भी कोई दर्शन करने आता है वह नामा इस मंदिर के पत्थर पर लिखकर जरूर जाता है।

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असल में श्री राधा वंशी गोपाल मंदिर को लेकर दो मान्यातें हैं। पहली यह कि जो भी कोई भक्त यहान दर्शन करने आते हैं अगर वह इस मंदिर के आसपास मौजूद पत्थर पर अपना नाम लिख दें तो इससे उस व्यक्ति को जीवन के कष्टों से छुटकारा मिलना शुरू हो जाता है। उसके दुख दूर होते हैं।

shri radha vanshi gopal ji temple

ऐसा माना जाता है कि पत्थर पर पूर्ण भक्तिभाव और समर्पण के साथ अपना नाम लिखते ही उस व्यक्ति के संकट मिटने शुरू हो जाते हैं और उसके जीवन में शुभ परिणाम एवं घटनाएं दिखने लगती हैं। वहीं, दूसरी मान्यता है मृत व्यक्ति के नाम का पत्थर उसके परिवार द्वारा मंदिर में लगवाना।

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सरल शब्दों में कहें तो इस मंदिर में दूर-दूर से लोग अपने मृतक जन के नाम का पत्थर गढ़वाने आते है ताकि मृतक की आत्मा को शांति मिल सके और वह कष्टदायी पीढ़ियों से मुक्त हो जाए। इसके अलावा, मृतक के साथ-साथ जीवित लोगों को भी मृत्यु के बाद कृष्ण धाम में निवास मिल सके।

आप भी इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से यह जान सकते हैं कि आखिर कहां है वो मंदिर जहां पत्थर पर लोग अपना नाम लिखते हैं और क्या है इसके पीछे का कारण। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

image credit: herzindagi

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