Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi or Mantra 2023: घर में कलश स्थापना करने के दौरान करें इन मंत्रों का जाप, सुख-समृद्धि की होगी प्राप्ति

Shardiya Navratri Kalash Sthapana Vidhi or Mantra 2023: नवरात्रि जिसका अर्थ है नया अनुष्ठान। इन पूरे नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधिवत पूजा की जाती है। 

 
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(shardiya navratri 2023 kalash sthapana vidhi) नवरात्रि का त्योहार अब जल्द ही आरंभ होने वाला है। इस दिन घर की सुख-शांति के लिए प्रतिपदा तिथि के दिन कलश की स्थापना विधि-विधान के साथ की जाती है। जिसे घट स्थापना और कलश स्थापना कहा जाता है।

अब सवाल यह है कि नवरात्रि के प्रथम दिन कलश कैसे बैठाएं, विधि क्या है और किन मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। साथ ही कलश की दिशा किस करफ होनी चाहिए। इसके बारे में जानना बेहद जरूरी है।

आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से इन सभी के बारे में जानते हैं।

इस दिशा में कलश करें स्थापित

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नवरात्रि में कलश को उत्तर पूर्व दिशा में स्थापित करें। उससे पहले कलश बैठाने वाले स्थान पर पहले गंगाजल के छींटे मारकर उस जगह को पवित्र कर लें। उस स्थान पर दो इंच तक मिट्टी में रेत और सप्तमृतिका मिलाएं। उसके बाद उसे एक सार में बिछा लें। कलश पर स्वास्तिक (स्वास्तिक नियम) चिह्न बनाएं। क्योंकि कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश वास करते हैं। फिर कलश पर सिंदूर का टीका लगाएं और गले में मौली लपेटें।

कलश स्थापित विधि करने के दौरान करें इस मंत्र का जाप

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना विधि करने के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें। साथ ही जिस स्थान पर कलश बैठा रहे हैं, उस स्थान को दाएं हाथ से स्पर्श करते हुए इस मंत्र को बोलें।

  • ओम भूरसि भूमिरस्यदितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धर्त्रीं। पृथिवीं यच्छ पृथिवीं दृग्वंग ह पृथिवीं मा हि ग्वंग सीः।।

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कलश के नीचे सप्तधान बिछाने के दौरान मंत्र का जाप

कलश रखने से पहले सप्तधन बिछाने के दौरान इस खास मंत्र का जाप जरूर करें।

  • ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।

कलश बैठाने के दौरान मंत्र का जाप

अब जहां कलश रखना हो, वहां इस मंत्र को बोलते हुए कलश को स्थापित करें।

  • ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।

कलश में जल भरने के दौरान मंत्र का जाप

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इस मंत्र का जाप करत हुए कलश में जल भरें।

  • ओम वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य स्काभसर्जनी स्थो वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमा सीद।।

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कलश पर पल्लव रखने के दौरान मंत्र का जाप

कलश पर पल्लव रखने के दौरान इस मंत्र का जाप अवश्य करें।

  • ओम अश्वस्थे वो निषदनं पर्णे वो वसतिष्कृता।। गोभाज इत्किलासथ यत्सनवथ पूरुषम्।।

कलश में सुपारी रखने के दौरान मंत्र का जाप

कलश में सुपारी रखने के दौरान इन मंत्रों का जाप करें।

  • ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पायाश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व ग्वंग हसः।।

कलश में चंदन डालने के दौरान मंत्र का जाप

कलश में चंदन (चंदन उपाय) रखने के दौरान इस मंत्र का जाप करें।

  • ओम त्वां गन्धर्वा अखनस्त्वामिन्द्रस्त्वां बृहस्पतिः। त्वामोषधे सोमो राजा विद्वान् यक्ष्मादमुच्यत।। इस मंत्र से कलश में चंदन लगाएं।

कलश में वस्त्र लपेटने के दौरान मंत्र का जाप

कलश पर वस्त्र लपेटने के दौरान इस मंत्र का जाप करें।

  • ओम सुजातो ज्योतिषा सह शर्म वरूथमाऽसदत्स्वः । वासो अग्ने विश्वरूप ग्वंग सं व्ययस्व विभावसो।।

कलश पर चावल से भरा बर्तन रखें और इस मंत्र का करें जाप

कलश के ऊपर एक मिट्टी के बर्तन में चावल भरकर रखें और इस मंत्र का विधिवत जाप करें।

  • ओम पूर्णा दर्वि परा पत सुपूर्णा पुनरा पत। वस्नेव विक्रीणावहा इषमूर्ज ग्वंग शतक्रतो।।

कलश पर नारियल रखने के दौरान मंत्र का जाप

इस मंत्र को बोलते हुए लाल वस्त्र में नारियल लपेटरप कलश के ऊपर स्थापित करें।

  • ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।।

कलश की पूजा करने के दौरान मंत्र का जाप

इन मंत्रों का जाप करतेग हुए कलश पर अक्षत, चंदन और फूल चढ़ाएं और वरुण देवता का आह्वान करें। इससे घर की सुख-शांति बनी रहेगी और सभी देवता प्रसन्न होंगे।

  • ओम तत्त्वा यामि ब्रह्मणा वन्दमानस्तदा शास्ते यजमानो हविर्भिः।
  • अहेडमानो वरुणेह बोध्युरुश ग्वंग स मा न आयुः प्र मोषीः।
  • अस्मिन् कलशे वरुणं साङ्गं सपरिवारं सायुधं सशक्तिकमावाहयामि।
  • ओम भूर्भुवः स्वः भो वरुण, इहागच्छ, इह तिष्ठ, स्थापयामि, पूजयामि, मम पूजां गृहाण।
  • ‘ओम अपां पतये वरुणाय नमः’

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Image Credit-Instagram

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