ज्योतिष की मानें तो शनिदेव को कर्मों का फल देने वाला माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि आपके जीवन में कभी भी बुरा या अच्छा समय आता है तो ये शनि के प्रभाव से ही होता है। शनिदेव आपके जीवन में बुरा समय तब लाते हैं जब वो आपको अनुशासन सिखाना चाहते हैं। इसी समय को शनि की साढ़े साती के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में शनि की साढ़े साती दो बार आती है और एक बार में यह अवधि साढ़े सात साल की होती है। साढ़े साती को जीवन का सबसे कठिन समय माना जाता है। इस अवधि में व्यक्ति के कार्य कई बार अधूरे तक रह जाते हैं, कई बार उसे अपनी मेहनत का फल नहीं मिलता है, कई बार जीवन में अनायास ही समस्याएं आने लगती हैं। यही नहीं इसकी वजह से आपका स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति के जीवन में साढ़े साती चल रही हो तो इसके उपाय करने जरूरी होते हैं। यदि आपके जीवन में भी शनि की साढ़े साती चल रही है तो आप ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी के बताए कुछ आसान उपाय शनि अमावस्या यानी 22 अगस्त, 2025 को आजमा सकती हैं।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि अमावस्या के दिन पीपल के पौधे की पूजा करने से आपको साढ़े साती के प्रभाव की कम करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए शनि अमावस्या के दिन प्रातः स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं और जल अर्पित करें।
यदि आप शनि अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करेंगी तो इससे साढ़े साती के अशुभ प्रभाव को कम करने में मदद मिल सकती है। यह उपाय जीवन में तरक्की और सुख-शांति लाने वाला माना गया है।
शनि देव की कृपा पाने का सबसे सरल और प्रभावी उपाय शनि चालीसा का पाठ करना माना जाता है। यदि आप इस दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से शनि चालीसा का पाठ करें और शनि मंत्रों का जाप करें तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। यदि आप इस दिन कम से कम 11 बार शनि चालीसा का पाठ करेंगी तो जीवन में इसके सकारात्मक प्रभाव बने रहते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जी को शनि का कष्ट हरने वाला देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति सच्चे ह्रदय से करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ऐसे ही यदि आपके जीवन में साढ़े साती का प्रभाव है तो शनि अमावस्या के दिन आपका हनुमान जी की पूजा करना विशेष रूप से फलदायी होगा। मुख्य रूप से इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ हो सकता है। इससे आप शनि की साढ़े साती के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकती हैं।
शनि आप शनि अमावस्या के दिन शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों का तेल अर्पित करेंगी तो इसके आपको शुभ फल मिल सकता हैं।
इस दिन आप सरसों के तेल में काले तिल मिलाएं और शनि देव की शिला पर चढ़ाएं, इस उपाय से आपके जीवन के सभी कष्ट कम हो सकते हैं और साढ़े साती के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा आप अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के पास भी सरसों के तेल का दीपक अवस्य जलाएं। इस उपाय से साढ़े साती के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान मिलेगा।
यदि आपके जीवन में भी शनि की साढ़े साती का प्रभाव है तो आप शनि अमावस्या के दिन यहां बताए उपायों को जरूर आजमाएं। इससे आपके जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहेगी।
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