हिन्दू धर्म में पंचक को अशुभ समय माना जाता है। इसी वजह से इस दौरान शुभ या मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है। पंचक के दौरान पांच नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती का संयोग बनने के कारण ही पंचक को दुष्प्रभावों वाला माना गया है। वहीं, ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने हमें बताया कि सावन माह में पड़ने वाला पंचक रोग पंचक है जो 13 जुलाई, रविवार को शाम 6 बजकर 53 मिनट से शुरू हो चुका है और 17 जुलाई, गुरुवार को रात 3 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में सावन में पड़ने वाले इस पंचक के दौरान क्या करें और क्या न करें एवं सावन पंचक के उपायों के बारे में आइये जानते हैं विस्तार से।
सावन पंचक 2025 में क्या न करें?
सावन पंचक के दौरान लकड़ी, ईंधन या जलने वाली कोई भी चीज एकत्र नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, अगर आप नया घर बनवा रहे हैं या पुराने घर की मरम्मत करवा रहे हैं तो सावन पंचक के दौरान छत डलवाने से बचें। कहते हैं कि इससे घर में कलह और धन हानि हो सकती है।
पंचक में किसी की मृत्यु होने पर दाह संस्कार करना अशुभ माना जाता है। यदि ऐसा करना अनिवार्य हो तो दाह संस्कार के साथ पांच आटे या कुश के पुतले बनाकर उन्हें भी जलाना चाहिए। इससे पंचक दोष कम होता है। इस दौरान चारपाई या पलंग का निर्माण करना भी शुभ नहीं माना जाता है।
सावन में पड़ने वाले पंचक के दौरान चारपाई या पलंग का निर्माण करवाने से बीमारी घर में पैर पसारने लगती है। चूंकि सावन का पंचक रोग पंचक है इसलिए इस दौरान घर में नया बेड लाने से भी बचना चाहिए क्योंकि बिस्तर का बीमारी से सीधा नाता माना जाता है। ऐसे में बेड लाने से भी बचें।
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सावन पंचक 2025 में क्या करें?
सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और पंचक के दौरान भी आप श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं। उनकी आराधना पर पंचक का कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। सावन के पंचक में शिव पूजन करने से ग्रह दोषों का निवारण अपने आप ही होने लग जाता है।
सावन में पड़ने वाले पंचक के दौरान शिवलिंग का अभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। सरल साधारण जल अभिषेक से लेकर रुद्राभिषेक तक, पंचक के दौरान करने से न सिर्फ इस पूजा का चौगुना फल मिलता है बल्कि भगवान शिव की कृपा से संकटों का नाश होने लग जाता है।
सावन के पंचक में विशेष हवन-अनुष्ठान, शिक्षा से जुड़े कार्य, विवाह नहीं लेकिन विवाह से जुड़े काम, गौ सेवा, दान आदि करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। आयन कार्यों को करने से भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा भक्तों को प्राप्त होती है और शुभता आती है।
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सावन पंचक 2025 में क्या उपाय करें?
पंचक का सबसे प्रभावी उपाय भगवान शिव की आराधना है। सावन का महीना शिवजी को समर्पित होता है और पंचक के दौरान उनकी पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। रोग पंचक में बीमारियों से बचने के लिए भगवान शिव के महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
पंचक के दौरान हनुमान जी की पूजा करना भी बहुत लाभकारी माना जाता है। हनुमान जी स्वयं भगवान शिव के रुद्रावतार हैं। ऐसे में सावन पंचक के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा, बजरंगबाण या सुंदरकांड का पाठ करना भी लाभकारी होगा।
सावन के रोग पंचक के दौरान बीमारियों से छुटकारा पाने के लिए और अच्छे स्वास्थ्य हेतु भगवान शिव का नाम लेते हुए उन लोगों में दवाइयां बाटें जिनके पास दवाई खरीदने के पैसे न हों। इससे न सिर्फ आपकी बीमारी दूर होगी बल्कि दोबारा कोई रोग आपको परेशान नहीं कर पाएगा।
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image credit: herzindagi
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