Mangala Gauri Vrat 2025: कल पड़ रहा है सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 14 जुलाई, सोमवार के दिन रात 10 बजकर 38 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 15 जुलाई, मंगलवार के दिन रात 10 बजकर 40 मिनट पर होगा।
sawan first mangala gauri vrat 2025

सावन में पड़ने वाले हर मंगलवार पर मंगला गौरी व्रत (Mangala Gauri Vrat) रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए रखती हैं। इसके अलावा, यह व्रत कुंवारी कन्याओं द्वारा मनवांछित वर के लिए भी रखा जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि आखिर इस साल सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कब पड़ रहा है, क्या है इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।

सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 2025 कब है?

सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि का आरंभ 14 जुलाई, सोमवार के दिन रात 10 बजकर 38 मिनट से होगा। वहीं, इसका समापन 15 जुलाई, मंगलवार के दिन रात 10 बजकर 40 मिनट पर होगा।

sawan first mangala gauri vrat 2025 ka muhurat

ऐसे में मंगलवार की संपूर्ण तिथि पर यानी कि 15 जुलाई को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा और पूजा होगी।

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सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 2025 शुभ मुहूर्त

सावन के पहले मंगला गौरी व्रत के दिन यानी कि 15 जुलाई को राहुकाल दोपहर 03:54 बजे से शाम 05:37 बजे तक रहेगा। ऐसे में या तो इस समय से पहले पूजा करना शुभ होगा या फिर इस समय के बाद। पंचांग के अनुसार, सावन के पहले मंगला गौरी व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 11:59 बजे से दोपहर 12:55 बजे तक है।

इसके अलावा, शाम की पूजा के लिए नीतिशा मुहूर्त भी बन रहा है जो मध्य रात्रि 12:07 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। अगर आप किसी कारण से सुबह के समय पूजा न कर पाएं तो शाम के नीतिशा मुहूर्त में भी पूजा कर सकती हैं। वहीं, दान-धर्म के लिए इस दिन शुभ मुहूर्त दोपहर 02:45 बजे से दोपहर 03:40 बजे तक रहने वाला है।

sawan first mangala gauri vrat 2025 ki tithi

सावन के पहले मंगला गौरी व्रत के दिन अगर आप विवाह से जुड़े किसी शुभ काम को करना चाहते हैं, जैसे कि विवाह के लिए कपड़े खरीदना या फिर विवाह के लिए पूजा का सामान लाना या फिर विवाह के लिए किसी स्थान को तय करना तो ऐसे में यह काम शाम 07:20 बजे से शाम 07:41 बजे तक के शुभ मुहूर्त के बीच करना शुभ होगा।

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सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 2025 महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि सावन में जितने मंगलवार पड़ते हैं उतने मंगलवारों पर मंगला गौरी व्रत का पालन करने से सुहागिन महिलाओं को उतनी ही संख्या में एक-एककर लाभ मिलता है और माता गौरी की कृपा से जीवन में सुख-सौभाग्य जागता है। ऐसे में पहले मंगला गौरी व्रत की पूजा से दांपत्य जीवन का क्लेश दूर होता है।

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image credit: herzindagi

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FAQ

  • मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती को क्या भोग लगाएं?

    मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती को आप सफेद मिठाई, हलवा, दही, पंचामृत, शहद, और 16 प्रकार के फल जैसे आम, खजूर, काजू, बादाम, किशमिश, मखाने आदि चढ़ा सकते हैं।
  • मंगला गौरी व्रत के दिन क्या दान करना चाहिए?

    मंगला गौरी व्रत के दिन सोलह श्रृंगार के साथ-साथ लाल मसूर की दाल, लाल वस्त्र, गुड़ या गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है।