सावन में भगवान शिव का चंदन से अभिषेक किस मुहूर्त में करना माना जाता है शुभ, जानें सही नियम

सनातन धर्म नें भगवान शिव को चंदन का लेप लगाना बेहद शुभ फलदायी माना गया है। अब ऐसे में सावन में किस मुहूर्त में भगवान भोलेनाथ का चंदन से अभिषेक करना शुभ माना जाता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 
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भगवान शिव को संहारक देवता के रूप में जाना जाता है, जो अपने शरीर पर भस्म धारण करते हैं और कैलाश पर्वत पर निवास करते हैं। पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, जिसके कारण उनका कंठ नीला पड़ गया और उन्हें 'नीलकंठ' कहा जाने लगा। इस विष के प्रभाव को शांत करने के लिए उन्हें ठंडी वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। वहीं चंदन अपनी शीतलता के लिए जाना जाता है, और इसलिए यह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। चंदन से अभिषेक करने से भगवान शिव को शीतलता मिलती है, जिससे वे प्रसन्न होते हैं। अब ऐसे में अगर कोई भक्त सावन महीने में भगवान शिव का चंदन से अभिषेक कर रहे हैं तो किस मुहूर्त में करना शुभ माना जाता है और नियम क्या है। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

सावन में भगवान शिव का चंदन से अभिषेक किस मुहूर्त में करें?

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सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान उनकी पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। चंदन का अभिषेक भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है और इससे महादेव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

  • आप चंदन अभिषेक ब्रह्म मुहूर्त में करें - यह समय सुबह 4:15 बजे से 5:00 बजे तक रहता है। इस समय चंदन से शिवजी का अभिषेक करना बहुत लाभकारी होता है।
  • आप चंदन अभिषेक अभिजीत मुहूर्त में करें - सावन में अभिजीत मुहूर्त लगभग दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक होता है। आप इस दौरान भी भगवान शिव का चंदन अभिषेक कर सकते हैं।
  • आप चंदन अभिषेक प्रदोष काल में करें - प्रदोष काल शाम 7:15 बजे से 8:45 बजे तक रहता है। आप इस दौरान भगवान शिव का चंदन अभिषेक कर सकते हैं।

सावन में भगवान शिव का चंदन अभिषेक किस नियम से करें?

  • सबसे पहले शिवलिंग पर शुद्ध जल या गंगाजल अर्पित करें। जलधारा पतली और धीमी गति से गिरे। सीधे खड़े होकर नहीं, बल्कि बैठकर या थोड़ा झुककर अभिषेक करें।
  • आप चाहें तो जल के बाद कच्चा दूध, दही, घी और शहद से भी अभिषेक कर सकते हैं, जिसे पंचामृत अभिषेक कहा जाता है। हर सामग्री से अभिषेक करने के बाद शुद्ध जल अवश्य चढ़ाएं।
  • जल या पंचामृत अभिषेक के बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं।
  • आप शिवलिंग पर चंदन से त्रिपुंड भी बना सकते हैं। त्रिपुंड शिवजी का एक विशेष तिलक होता है।
  • शिवपुराण के अनुसार, शिवलिंग में अशोक सुंदरी का स्थान और जहां से जल नीचे गिरता है, उन स्थानों पर भी चंदन लगाना शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे रोग-दोष दूर होते हैं।
  • चंदन लगाते समय ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करते रहें।

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सावन में भगवान शिव का चंदन अभिषेक करने का महत्व

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चंदन अभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि तथा सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है और घर में खुशहाली आती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंदन का संबंध चंद्रमा और शुक्र ग्रह से है। चंदन अभिषेक करने से कुंडली में इन ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है और उनके अशुभ प्रभावों में कमी आती है। यह विशेष रूप से मानसिक तनाव, अनिद्रा और रिश्तों में मधुरता लाने में सहायक है।

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FAQ

  • दिया में पीली सरसों डालकर जलाने से क्या होता है?

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  • रोज शिवलिंग पर क्या चढ़ाना चाहिए?

    शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, भांग, चंदन, अक्षत, धतूरा, दही, शहद, घी और सफेद पुष्प अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि भगवान शिव को इन चीजों को अर्पित करने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और भक्त को मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।