sawan 2025 auspicious dates and shubh muhurat of rudrabhishek

सावन में शिवलिंग रुद्राभिषेक के लिए सोमवार ही नहीं, ये तिथियां भी हैं उत्तम... जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। सावन महीने में रुद्राभिषेक करने का विशेष विधान है। अब ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर रहे हैं तो हम आपको सावन में पड़ने वाली तिथियों के साथ शुभ मुहूर्त के बारे में बताएंगे। 
Editorial
Updated:- 2025-07-16, 12:45 IST

सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। अमूमन लोग रुद्राभिषेक के लिए सोमवार को ही उत्तम मानते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सावन में कुछ अन्य तिथियां भी हैं जिन पर रुद्राभिषेक करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है। ऐसी मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इससे ग्रह दोष शांत होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि सावन में रुद्राभिषेक के लिए सोमवार के अलावा कौन सी तिथियां उत्तम हैं और क्या हैं इनके शुभ मुहूर्त। 

सावन में रुद्राभिषेक की शुभ तिथियां और मुहूर्त

तारीख तिथि योग
14 जुलाई 2025 चतुर्थी तिथि सुखप्रद योग
15 जुलाई 2025 पंचमी तिथि अभीष्टसिद्धि
18 जुलाई 2025 अष्टमी तिथि सुखप्रद
21 जुलाई 2025 एकादशी तिथि सुखप्रद
22 जुलाई 2025 द्वादशी तिथि अभीष्टसिद्धि
23 जुलाई 2025 चतुर्दशी तिथि शुभ योग
24 जुलाई 2025 अमावस्या तिथि सुखप्रद
26 जुलाई 2025 द्वितीया तिथि सुखप्रद
29 जुलाई 2025 पंचमी तिथि सुखप्रद
30 जुलाई 2025 षष्ठी तिथि अभीष्टसिद्धि
6 अगस्त 2025 द्वादशी तिथि सुखप्रद
7 अगस्त 2025 त्रयोदशी तिथि अभीष्टसिद्धि

प्रदोष व्रत में रुद्राभिषेक करना है उत्तम फलदायी

Rudrabhishek

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित सबसे महत्वपूर्ण व्रतों में से एक है। यह त्रयोदशी तिथि को पड़ता है, जब भगवान शिव शाम के समय कैलाश पर्वत पर तांडव करते हैं और भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं। सावन में आने वाले प्रत्येक प्रदोष व्रत पर रुद्राभिषेक करना अक्षय पुण्य प्रदान करता है। यह सोमवार के प्रदोष (सोम प्रदोष) जितना ही शुभ फल देता है।

मासिक शिवरात्रि में रुद्राभिषेक करना है शुभ

हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दिन रुद्राभिषेक करना अत्यंत शुभ माना जाता है। सावन की मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव और माता पार्वती दोनों की कृपा एक साथ प्राप्त होती है।

सावन के मंगलवार यानी मंगला गौरी व्रत के दिन रुद्राभिषेक करें

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सावन के मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है, जो देवी पार्वती को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की पूजा का भी विधान है। चूंकि भगवान शिव और देवी पार्वती अभिन्न हैं, इसलिए इस दिन रुद्राभिषेक करना दांपत्य जीवन में सुख और सौभाग्य लाता है, साथ ही अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर प्रदान करता है।

सावन की एकादशी तिथि के दिन करें रुद्राभिषेक

सावन में पड़ने वाली एकादशी तिथियां जैसे कि कामिका एकादशी और पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती हैं, लेकिन यह समय चातुर्मास का भी होता है, जब भगवान विष्णु योग निद्रा में होते हैं और सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव संभालते हैं। इस दौरान भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना विशेष रूप से फलदायी होता है, क्योंकि यह हरि और हर दोनों की कृपा दिलाता है।

सावन के बुधवार के दिन करें रुद्राभिषेक

यदि आप किसी कारणवश सोमवार को रुद्राभिषेक नहीं कर पा रहे हैं, तो बुधवार का दिन भी शुभ माना जाता है। बुधवार का संबंध बुध ग्रह से है और भगवान शिव को बुध ग्रह का अधिपति भी माना जाता है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।

सावन के शुक्रवार के दिन करें रुद्राभिषेक

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शुक्रवार देवी लक्ष्मी और धन-धान्य का दिन है। इस दिन रुद्राभिषेक करने से आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।

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सावन की इन तिथियों में रुद्राभिषेक करने का शुभ मुहूर्त

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भगवान शिव की पूजा किसी भी समय की जा सकती है, रुद्राभिषेक के लिए कुछ विशेष मुहूर्त अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इसलिए आप शुभ मुहूर्त को देखतो हुए रुद्राभिषेक करें।
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:16 मिनट से 5:40 मिनट तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:50 मिनट से 12:58 मिनट तक।
अमृत काल मुहूर्त- दोपहर 12:10 मिनट से 1:39 मिनट तक।
प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 5:38 मिनट से 7:22 मिनट तक।

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Image Credit- HerZindagi

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FAQ
2025 में सावन में कितने सोमवार पड़ेंगे?
भगवान शिव का प्रिय माह सावन जल्द ही आरंभ होने वाला है। इस माह कुल 4 साल सोमवार पड़ेंगे।
शिवलिंग पर चावल कब नहीं चढ़ाना चाहिए?
शिवलिंग पर चावल चढ़ता है लेकिन सूर्यास्त के बाद शिवलिंग पर चावल चढ़ाना शुभ नहीं होता है। वहीं चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण के दौरान भी शिवलिंग पर चावल नहीं चढ़ाना चाहिए।
सावन की पूजा कैसे की जाती है?
सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। शिवलिंग में गंगा जल और दूध चढ़ाएं।
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