इस महीने में रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ माना जाता है। रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी असीम कृपा बरसाते हैं। आइए जानते हैं कि सही विधि से रुद्राभिषेक करने से कैसे मिलता है भोलेनाथ का आशीर्वाद। भक्त इस दौरान लोग शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं और व्रत करते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस दौरान भगवान शिव का पूजन करने के साथ घर या मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इसी वजह से लोग इस दौरान पूरे भक्ति भाव से पूजन और शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।
सावन का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार साल का एक विशेष माह होता है, जब पूरी पृथ्वी का कार्यभार भगवान शिव के ऊपर होता है। इस दौरान भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
यह महीना हर साल जुलाई और अगस्त के मध्य आता है। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है और और इस बार सावन 2024 का महीना 19 अगस्तरक्षाबंधन तक चलेगा। इस दौरान यदि आप रुद्राभिषेक का आयोजन करेंगे तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें सावन में रुद्राभिषेक करने की सही विधि, पूजा की सामग्री और शिवलिंग पर जल चढ़ाने के तरीके के बारे में।
सावन में रुद्राभिषेक का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। रुद्राभिषेक के माध्यम से भगवान शिव की विशेष कृपा दृष्टि प्राप्त होती है और वे अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
सावन के महीने में यदि हम रुद्राभिषेक करते हैं तो जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहती है। सावन महीना शिव जी को अत्यंत प्रिय है और इस दौरान शिव पूजन बाहर लाभकारी होता है। इस दौरान जो भी रुद्राभिषेक करता है उसके घर की सभी पेरशानियां दूर होती हैं। यदि आपके घर में कोई भी बाधा है तो वो दूर होती है और आपके करियर से जुड़ी समस्याओं का भी अंत होता है मान्यता है कि यदि संतान की सेहत के लिए चिंता बनी रहती है तो आपके लिए यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
सावन में रुद्राभिषेक का शुभ मुहूर्त और शुभ दिन
वैसे तो तो सावन में रुद्राभिषेक करने के लिए कोई भी दिन शुभ हो सकता है, लेकिन यदि आप इस महीने के कुछ विशेष दिनों में का पूरा महीना ही रुद्राभिषेक के लिए खास माना जाता है। लेकिन सावन में रुद्राभिषेक के लिए कोई भी सोमवार शुभ माना जाता है, सावन की शिवरात्रि और नागपंचमी का दिन सबसे अच्छा माना गया है। मान्यता है कि यदि आप इन ख़ास दिनों में घर पर रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको इसके दोगुने लाभ हो सकते हैं। आइए जानें इस साल किन तिथियों में रुद्राभिषेक करना आपके लिए शुभ होगा।
- सावन का पहला सोमवार-22 जुलाई
- सावन का दूसरा सोमवार - 29 जुलाई
- सावन का तीसरा सोमवार- 5 अगस्त
- सावन का चौथा सोमवार-12 अगस्त
- सावन का पांचवां सोमवार - 19 अगस्त
- सावन शिवरात्रि -2 अगस्त
- नागपंचमी - 9 अगस्त
इस साल रुद्राभिषेक के लिए सावन के ये 7 दिन सबसे खास हैं। यदि संभव हो तो इन्हीं तिथियों में रुद्राभिषेक करें।
सावन में रुद्राभिषेक की विधि
- जिस दिन घर में या मंदिर में रुद्राभिषेक का आयोजन कर रहे हैं आपको प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाना चाहिए।
- पूजा के लिए तैयार होने से पहले स्वच्छता का ध्यान रखना आवश्यक है।
- स्नान के बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहनें। आपको पवित्र शरीर और मन से पूजन करना चाहिए।
- पूजा के लिए एक पवित्र स्थान चुनें। इसे अच्छी तरह से साफ करें और वहां एक आसन बिछाएं। इस पर भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग को स्थापित करें । पूजा स्थल को फूलों से सजाएं और रुद्राभिषेक पूजा आरंभ करें।
- यदि आप घर में आयोजन कर रहे हैं तो पंडित को घर बुलाएं और उनके निर्देशों का पालन करते हुए पूजा शुरू करें।
- आपको रुद्राभिषेक करते समय शिव जी को बिना रुके हुए जलधारा से स्न्नान कराना चाहिए।
- यदि आप शिवलिंग का अभिषेक दूध या अन्य सामग्रियों से कर रहे हैं तब आप बाद में जलाभिषेक जरूर करें।
- मान्यता है कि शिव जी को जल का अभिषेक सबसे ज्यादा प्रिय होता है।
सावन में रुद्राभिषेक की पूजा सामग्री
- रुद्राभिषेक पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। आइए जानें उसके बारे में विस्तार से -
- पंचामृत: यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे दूध, दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर तैयार किया जाता है।
- गंगाजल: पवित्र जल के रूप में हम शिवलिंग के स्नान के लिए गंगाजल का उपयोग करते हैं।
- कलश: पूजा स्थल पर एक कलश रखें, जिसमें पानी भरकर आम के पत्तों से सजाएं।
- फूल और पत्ते: बेल पत्र, आम के पत्ते और ताजे फूल भगवान शिव को अर्पित करने के लिए जरूर रखें।
- दीप: पूजा के दौरान घी का दीपक जलाएं।
- अक्षत: चावल के दाने, जिन्हें पूजा के दौरान भगवान को अर्पित किया जाता है।
- अगरबत्ती और धूप: पूजा स्थल को सुगंधित बनाने के लिए।
- नैवेद्य: मिठाई या फल, जो भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं।
- श्रृंगी: श्रृंगी एक ऐसा यंत्र है जिससे शिवलिंग का जलाभिषेक रुद्राभिषेक पूजा में किया जाता है।
रुद्राभिषेक पूजा में सही विधि और सामग्री के साथ किया गया पूजन आपके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभाव डाल सकता है। इसलिए, इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ करना जरूरी होता है।
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