हिंदू धर्म में शमी के पौधे को विशेष माना जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। ऐसा माना जाता है कि शमी एक ऐसा पौधा है जो भगवान शिव को प्रिय है और यह शनि देव का भी सबसे प्रिय पौधा है।
ऐसी मान्यता है कि जिस घर में ये पौधा लगा होता है वहां शनि देव की विशेष कृपा बनी रहती है और कोई भी बाधा नहीं आती है। भगवान शिव को शमी के पत्ते चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है और शास्त्रों में भी इस पौधे के बारे में बताया गया है। इस पौधे का महाभारत काल से भी नाता है।
ज्योतिष में ऐसा माना जाता है कि शमी के पौधे में नियमित रूप से जल चढाने से कई बाधाओं से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों में शमी के पेड़ को शुभ माना गया है और इस पर जल चढ़ाने के कुछ नियम बनाए गए हैं जिनका पालन जरूरी माना होता है। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी जी से जानें शमी के पौधे में जल चढ़ाने के सही नियमों के बारे में।
शमी के पौधे में जल चढ़ाने के फायदे
शमी के पौधे को शनिदेव का प्रिय पौधा माना जाता है और यदि आप नियमित इसकी पूजा करती हैं तो आपको शनि दोषों से मुक्ति मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यदि आपके जीवन में शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है तो आपको शमी के पौधे में जल जरूर चढ़ाना चाहिए और इसकी पूजा भी करनी चाहिए।
मुख्य रूप से शनिवार के दिन आपको इसकी पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से शनि के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।
किस दिन शमी के पौधे में जल चढ़ाना शुभ होता है
वैसे तो नियमित रूप से शमी के पौधे में जल चढ़ाना शुभ होता है, लेकिन आपको शनिवार के दिन इस पौधे को जल जरूर देना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार शमी के पौधे को सूर्योदय से पहले जल चढाती हैं तो आपके लिए बहुत शुभ माना जाता है।
इस समय शमी के पौधे को जल देने से लाभ मिलते हैं। जिस प्रकार किसी भी पूजा-पाठ के लिए सुबह का समय ठीक माना जाता है वैसे ही शमी के पौधे में इस समय जल चढ़ाना शुभ होता है।
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शमी के पौधे में जल किस पात्र से चढ़ाएं
शमी के पौधे में जल आप तांबे या पीतल के पात्र से चढ़ा सकती हैं। इस पौधे में कभी भी मिट्टी या कांच के बर्तन से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इन बर्तनों से जल चढाने से पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है और आपके जीवन में समस्याएं आने लगती हैं। वहीं तांबे या पीतल के पात्र से जल चढ़ाने से आपको इसके लाभ हो सकते हैं।
किस दिन शमी के पौधे की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए
शमी की पत्तियों का इस्तेमाल पूजा-पाठ में किया जाता है, लेकिन आपको कभी भी शनिवार के दिन और दशहरा के दिन इसकी पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। हालांकि आपको इस दिन शमी की पूजा जरूर करनी चाहिए और यदि आप इन दिनों में शमी की पत्तियां चढ़ाती हैं तो आपको इसे एक दिन पहले ही तोड़ लें।
शमी के पौधे में जल चढ़ाते समय ध्यान रखें ये बातें
आपको कभी भी शमी के पौधे पर रात के समय जल नहीं चढ़ाना चाहिए। शमी का पौधा रात के समय सो जाता है, इसलिए इसमें रात में जल चढ़ाने से इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
शमी के पौधे को जल कभी भी टूटे या जूठे बर्तनों से नहीं चढ़ाना चाहिए, इससे आपको फायदे की जगह नुक्सान हो सकते हैं।
यदि आप शमी के पौधे को जल चढाती हैं तो यहां बताए नियमों का पालन जरूर करें। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह और भी आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से। अपने विचार हमें ऊपर कमेंट बॉक्स में जरूर भेजें।
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