चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, हर महीने की एकादशी को भगवान श्री विष्णु की विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से श्री हरि की कृपा मिलती है। साल के पहले माह में पड़ने वाली इस एकादशी पर पापों से मुक्ति और पुण्य की प्राप्ति के लिए लोग इसे पूरी श्रद्धा के साथ रखते हैं। इस व्रत का पुण्य प्राप्त करने के लिए शास्त्रों में कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं।
पापमोचनी एकादशी पर व्रत, दान और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को तमाम परेशानियों से मुक्ति मिलती है और जाने-अनजाने में किए गए पापों से भी छुटकारा मिलता है। इस व्रत के दौरान कुछ खास नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। आइए, जानते हैं ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से कि पापमोचनी एकादशी व्रत के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं।
एकादशी व्रत के दिन दान-दक्षिणा का अत्यधिक महत्व होता है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत तब तक अधूरा रहता है जब तक आप किसी जरूरतमंद को दान नहीं देते। इसलिए इस दिन दान करना अनिवार्य माना जाता है।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नहाने के बाद तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें। दिनभर उपवासी रहना चाहिए, लेकिन यदि संभव न हो, तो फलाहार किया जा सकता है।
दिन में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करना चाहिए और किसी मंदिर में अन्न या भोजन का दान भी करना चाहिए। सुबह और शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाकर तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए।
शाम को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। इस दिन पीले रंग के वस्त्र पहनने से भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्राप्त होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी के दिन चावल और किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। यदि इस नियम की अनदेखी की जाए, तो व्रत टूट जाता है, इसलिए इस दिन चावल खाने से बचें।
इसके अलावा, एकादशी के दिन भगवान काले रंग के कपड़े नहीं पहनते हैं। भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना चाहिए।
पापमोचनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। पूजा के लिए तुलसी की पत्तियां एक दिन पहले तोड़कर रख लें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन किसी भी पेड़ या पौधे को तोड़ना मना है।
एकादशी के दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को बाल, नाखून आदि नहीं कटवाने चाहिए। ऐसा करने से घर में कंगाली और दुर्भाग्य का सामना करना पड़ता है। व्रत करने वाले व्यक्ति को किसी दूसरे द्वारा दिया गया अन्न दान में नहीं लेना चाहिए और न ही खाना चाहिए।
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इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए, गुस्सा नहीं करना चाहिए, और घर में किसी भी प्रकार के विवाद या क्लेश से बचना चाहिए।
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