हिंदू धर्म में किसी भी एकादशी तिथि का विशेष महत्व होता है। किसी भी माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष के ग्यारहवें दिन को एकादशी तिथि पड़ती है और इस दिन लोग व्रत और उपवास करते हैं। यह दिन पूरी तरह से भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु समेत मां लक्ष्मी का पूजन करते हैं और भक्ति से व्रत और उपवास करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत रखने से आपकी आर्थिक स्थिति तो अच्छी बनी ही रहती है और घर में समृद्धि भी बनी रहती है। हर महीने की ही तरह जून 2025 में भी दो एकादशी तिथियां हैं, जिनमें से एक निर्जला एकादशी और दूसरी योगिनी एकादशी के नाम से जानी जाती है। इन दोनों ही एकादशी तिथियों का अपना विशेष महत्व है और भक्त इन दिनों में व्रत और उपवास करते हैं। अगर आप भी एकादशी का व्रत करती हैं और इस दिन विष्णु जी का पूजन करती हैं, तो आइए जून महीने में पड़ने वाली तिथियों के बारे में ज्योतिर्विद पंडित भोजराज द्विवेदी से जानें विस्तार से।
जून में कौन सी एकादशी तिथियां पड़ेंगी? (June Ekadashi 2025)
जून महीने में दो एकादशी तिथियां पड़ेंगी जिनमें से एक निर्जला एकादशी है। यह एकादशी 6 जून, शुक्रवार को मनाई जाएगी और वहीं दूसरी एकादशी तिथि 21 जून, शनिवार के दिन पड़ेगी। इन दोनों ही तिथियों में व्रत करना फलदायी माना जाता है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु का पूजन करते हैं और व्रत और उपवास करते हैं। इनमें से निर्जला एकादशी ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है और योगिनी एकादशी आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।
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जून में कब मनाई जाएगी निर्जला एकादशी?
इस साल जून महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि यानी निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा।
- निर्जला एकादशी तिथि आरंभ- 6 जून, रात्रि 2 बजकर 15 मिनट
- निर्जला एकादशी तिथि समापन- यह 7 जून को सुबह 4 बजकर 47 मिनट तक
- उदया तिथि के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखना शुभ होगा।
- निर्जला एकादशी व्रत का पारण- 7 जून, शनिवार, दोपहर 1:45 से शाम 7:45 तक।
निर्जला एकादशी का महत्व क्या है?
निर्जला एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तिथि है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु का पूजन करते हैं और व्रत और उपवास करते हैं। निर्जला एकादशी के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिल सकती है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी बनी रहती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। मान्यता है कि यदि इस दिन कोई भी व्यक्ति निर्जला यानी कि बिना अन्न या जल के व्रत का पालन करे और विष्णु जी का ध्यान करे तो उसकी समस्त इच्छाओं की पूर्ति हो सकती है। निर्जला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
जून में कब मनाई जाएगी योगिनी एकादशी?
आषाढ़ महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल योगिनी एकादशी 21 जून को मनाई जाएगी।
- योगिनी एकादशी आरंभ- 21 जून, शनिवार, 07 बजकर 18 मिनट पर
- योगिनी एकादशी समापन- 22 जून, रविवार, प्रातः 04 बजकर 27 मिनट पर
- उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून को रखना ही शुभ माना जाएगा।
- योगिनी एकादशी तिथि का पारण- 23 जून, द्वादशी, सोमवार, प्रातः- 05:24 से प्रातः से 08:12 तक
योगिनी एकादशी का महत्व क्या है?
योगिनी एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत करने से व्यक्ति को कई लाभ हो सकते हैं। योगिनी एकादशी का व्रत करने से घर में सदैव खुशहाली बनी रहती है और मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। योगिनी एकादशी का व्रत करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति की आत्मा शुद्ध होती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अगर आप भी एकादशी का व्रत करती हैं, तो आपके लिए इस बात की जानकारी लेना भी जरूरी है कि जून महीने में कब रखा जाएगा यह व्रत और इसका महत्व क्या है।
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