हिंदू धर्म में किसी भी मंत्र के जाप का विशेष महत्व है और हर मंत्र के उच्चारण का विशेष तरीका है। मंत्रों के जाप से मन को शांति मिलती है और शरीर में भी एक अलग ऊर्जा का वास होता है। यदि आप सुबह शाम मंत्रों का जाप नियम पूर्वक करते हैं तो ये कई तरह से लाभदायक होते हैं। इन्हीं मंत्रों में से एक है गायत्री मंत्र। इसके जाप से आसपास का वातावरण शुद्ध होता है और घर में खुशहाली बनी रहती है।
गायत्री मंत्र के जाप करने का जीवन में विशेष महत्व है। यही नहीं मान्यता है कि यदि आप नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपके जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता मिलती है।
गायत्री मंत्र वह मंत्र है जो आपके आत्मबल को मजबूत करने में मदद करता है। ऐसा माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप आपको कुछ विशेष नियमों के अनुसार ही करना चाहिए अन्यथा इसके फायदों की जगह नुकसान हो सकते हैं। आइए ज्योतिर्विद पंडित रमेश भोजराज द्विवेदी से जानें कि गायत्री मंत्र का जाप करते समय किन गलतियों से बचना चाहिए।
तामसिक लोगों को नहीं करना चाहिए गायत्री मंत्र का जाप
यदि आप गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो ध्यान रखें कि आपको मांस-मदिरा या तामसिक भोजन का भोग करके इस मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। गायत्री मंत्र को अत्यंत शक्तिशाली मंत्र माना जाता है और यदि तामसिक जीवन जीने वाले इस मंत्र का जाप करेंगे तो इसके फायदे की जगह नुकसान होने लगेंगे। ऐसा करना मंत्रों का अपमान माना जाता है और आपको इस मंत्र के सकारात्मक फल नहीं मिलते हैं।
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बिना स्नान के न करें गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा स्नान करने के बाद ही करना चाहिए। आप इस मंत्र को जिस समय भी पढ़ें ध्यान में रखें कि पहले आप स्नान करके साफ़-सुथरे वस्त्रों को धारण करें उसके बाद ही इस मंत्र का जाप करें।
कभी भी इस मंत्र का जाप आपको बिना स्नान किए हुए नहीं करना चाहिए और गंदे वस्त्रों को पहनकर भी नहीं करना चाहिए। यदि आप इस मंत्र का जाप इन नियमों से नहीं करते हैं तो यह आपके लिए नुकसान पहुंचा सकता है।
मंत्र जाप में एक ही आसन का में करें प्रयोग
गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपको सबसे ज्यादा इस बात का ध्यान रखने की जरूरत होती है कि आपको हमेशा एक ही आसन पर बैठकर मंत्र जाप करना चाहिए। आपको रोज अलग आसन और अलग स्थान पर बैठकर मंत्र जाप नहीं करना चाहिए। यदि आप रोज नए आसन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इसके नुकसान हो सकते हैं और मंत्र जाप का फल भी नहीं मिलेगा।
कभी ही अशुद्ध मन से न करें गायत्री मंत्र
कई बार हम पूजा-पाठ या मंत्रों का जाप करते समय मन में कुछ ऐसे ख्याल लाते हैं जो नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपको कभी भी अशुद्ध मन से गायत्री मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन में समस्याएं आ सकती हैं और आपके बनते काम भी बिगड़ सकते है। कोशिश करें कि आप अच्छी तरह से मंत्र पर ध्यान केंद्रित करने के बाद ही इसका जाप करें।
उचित समय पर ही करें गायत्री मंत्र का जाप
आपको हमेशा मंत्र का जाप करते समय सही समय का ध्यान रखना चाहिए। यह मंत्र आमतौर पर दिन के तीन मुख्य समय पर किया जा सकता है। इसके लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है। आपको हमेशा ब्रह्म मुहूर्त में ही जाप शुरू करना चाहिए और कोशिश करें कि सूर्योदय तक इसका समापन कर दें। इस मंत्र का जाप शाम के समय सूर्यास्त से पहले भी किया जा सकता है।
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गलत दिशा में बैठकर न करें गायत्री मंत्र का जाप
शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र का जाप करते समय आपको दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि आप सुबह इस मंत्र का जाप कर रहे हैं तो इसे पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके पढ़ें। ऐसा इसलिए अच्छा माना जाता है क्योंकि सूर्य इसी दिशा से निकलता है और इस दिशा की तरफ बैठकर जाप करने से गायत्री मंत्र के साथ सूर्य की पूर्ण ऊर्जा भी घर में प्रवेश करती है।
रुद्राक्ष की माला से करें मंत्र जाप
गायत्री मंत्र का जाप करते समय यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आप रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें। रुद्राक्ष की माला को गायत्री मंत्र जाप के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इसके अलावा, आप तुलसी और चंदन की माला का भी उपयोग कर सकते हैं।
गायत्री मंत्र, जिसे वेदों की माता कहा जाता है, का जाप हमारे मन और आत्मा को शुद्ध करने के लिए अत्यंत प्रभावी होता है। इस मंत्र का नियमित जाप करने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
रुद्राक्ष की माला का उपयोग विशेष रूप से इसलिए किया जाता है क्योंकि इसे पवित्र और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। रुद्राक्ष में अद्वितीय ऊर्जा होती है, जो व्यक्ति के मन को स्थिर और ध्यान केंद्रित रखने में मदद करती है।
यदि आप इन नियमों का पालन करते हुए गायत्री मंत्र का जाप करते हैं तो आपके जीवन में सदैव खुशहाली बनी रहेगी। आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है! हमारे इस रीडर सर्वे को भरने के लिए थोड़ा समय जरूर निकालें। इससे हमें आपकी प्राथमिकताओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी। यहां क्लिक करें
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