Kalashtami Vrat Kab Hai 2024: कब है माघ मास की पहली कालाष्टमी, जानें काल भैरव की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन रुद्रावतार काल भैरव की पूजा विशेष रूप से की जाती है। 

 
Magh Kalashtami vrat  date shubh muhurat and significance

(Magh kalashtami vrat 2024 date shubh muhurat and significance) हिंदू धर्म में सभी तिथि का विशेष महत्व है। वहीं हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन कालाष्टमी व्रत रखा जाता है। इस दिन विशेष रूप से काल भैरव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति काल भैरव की पूजा करता है, हर सभी प्रकार के भय से छुटकारा मिल सकता है। इस दिन पूजा करने से तंत्र-मंत्र की सिद्धी भी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं काल भैरव की पूजा निशिता मूहूर्त में की जाती है।

अब ऐसे में इस माह कालाष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा का महत्व क्या है। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

जानें कब है कालाष्टमी व्रत (Magh kalashtami vrat Kab Hai 2024)

Kal Bhairav Puja

माघ मास के कृष्ण (श्रीकृष्ण मंत्र) पक्ष अष्टमी तिथि का आरंभ दिनांक 02 फरवरी को शाम 04 बजकर 03 मिनट पर होगा और इसका समापन दिनांक 3 फरवरी को शाम 05 बजकर 20 मिनट पर होगा। वहीं कालाष्टमी व्रत के लिए निशिता काल सबसे शुभ माना जाता है। इस आधार पर माघ मास का कालाष्टमी 02 फरवरी को ही रखा जाएगा।

जानें कालाष्टमी व्रत पूजा मुहूर्त (Magh kalashtami vrat 2024 Puja Muhurat)

दिनांक 02 फरवरी को जो लोग कालाष्टमी का व्रत रखेंगे। वह कालभैरव की पूजा निशिता काल में की जाती है। वह देर रात 12:08 मिनट से लेकर 01:01 मिनट तक है। हालांकि जो लोग दिन में पूजा करना चाहते हैं, वह सूर्योदय (सूर्य पूजा नियम) के बाद किसी भी समय कर सकते हैं।

कालाष्टमी व्रत का शुभ मुहूर्त - दोपहर 12:13 मिनट से लेकर 12:57 मिनट तक है।

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कालाष्टमी व्रत 2024 का चौघड़िया मुहूर्त (Magh kalashtami vrat 2024 Chaughadiya Muhurat)

  • सामान्य मुहूर्त - सुबह 07 बजकर 09 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक है।
  • लाभ-उन्नति मुहूर्त - सुबह 08 बजकर 31 मिनट से लेकर सुबह 09 बजकर 52 मिनट तक है।
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त - 09 बजकर 52 मिनट से लेकर सुबह 11 बजकर 13 मिनट तक है।
  • सामान्य मुहूर्त - शाम 04 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 01 तक है।

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कालाष्टमी पूजा का महत्व (Magh kalashtami vrat 2024 Puja Significance)

kalbhairav upay

कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करने से व्यक्ति को भय दोष से छुटकारा मिल सकता है और व्यक्ति को तंत्र-मंत्र की सिद्धि भी प्राप्त हो सकती है। साथ ही शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है।

कालाष्टमी के दिन करें इस मंत्र का जाप (Kalashtami Vrat 2024 Mantras)

कालाष्टमी के दिन इस मंत्र का जाप करें।

  • ॐ ह्रीं वं भैरवाय नमः
  • ॐ बतुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बतुकाय हुं फट् स्वाहा ...
  • ॐ ह्रीं बगलामुखाय पंचास्य स्तम्भय स्तम्भय मोहय मोहय मायामुखायै हुं फट् स्वाहा
  • भैरवाय नमस्कृतोऽस्तु भैरवाय स्वाहा
  • ॐ नमो नरसिंह भैरवाय अमुकं मम वशमानय स्वाहा
  • ॐ ह्रीं नमो भगवते भैरवाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु भगवान्

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Image Credit- Freepik

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