Maa Durga aur Kalash Visarjan 2025: नौ दिनों तक मां दुर्गा के पूजन के बाद, इस विधि से करें कलश और मूर्ति की विसर्जन

Maa Durga and Kalash Visarjan 2025: चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा करने के बाद, दशवें दिन पवित्र नदी या तालाबों में कलश और मातारानी की मूर्ति को विसर्जित कर दिया जाता है। आइए चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन की संपूर्ण विधि के बारे में जानते हैं।
Chaitra Navratri me maa durga ki sthapana kaise kare

चैत्र नवरात्रि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना और शक्ति उपासना का प्रतीक माना जाता है। इस दौरान नौ दिनों तक मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन भक्तजन मां दुर्गा की प्रतिमा या कलश की स्थापना करते हैं और फिर आने वाली नवमी तक मातारानी की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। फिर, दशमी तिथि को कलश और मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद शुभ मानी जाती है और इसे शास्त्रों में विशेष विधि से करने की सलाह दी गई है। कहते हैं, सही तरीके से कलश और मूर्ति का विसर्जन करने से मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। तो चलिए इस लेख में ज्योतिष अरविंद त्रिपाठी हम चैत्र नवरात्रि के बाद, मां दुर्गा की मूर्ति विसर्जन की संपूर्ण विधि के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

मां दुर्गा और कलश विसर्जन से पहले करें ये तैयारियां

chaitra navratri puja

  • सभी पूजन सामग्री इकट्ठा करें– पुष्प, अक्षत (चावल), दूर्वा, नारियल, लाल वस्त्र, प्रसाद और गंगाजल तैयार रखें।
  • कलश पर रखे नारियल और आम के पत्तों को निकालें– नारियल को घर में शुभता के प्रतीक के रूप में रखा जा सकता है या किसी ब्राह्मण को दान कर सकते हैं।
  • मूर्ति विसर्जन के लिए स्वच्छ स्थान का चयन करें– नदी, तालाब या किसी बहते जल में ही विसर्जन करना शुभ माना जाता है। यदि ऐसा संभव न हो, तो गमले या बर्तन में विसर्जन करें और जल को किसी पौधे में डाल दें।

मां दुर्गी की मूर्ति विसर्जन की संपूर्ण विधि (Maa Durga Murti Visarjan Vidhi 2025)

Durga visarjan after navratri

  • विसर्जन से पहले संकल्प लें और मां दुर्गा से आशीर्वाद की प्रार्थना करें। इस दौरान अपने परिवार के सुख-शांति और समृद्धि की कामना करें।
  • विसर्जन से पहले एक बार फिर मां दुर्गा की आरती करें और सभी परिवारजन देवी की पूजा करें।
  • कलश में रखा गंगाजल, नदी, तालाब या किसी पौधे की जड़ में डालें।
  • कलश को मंदिर में दान कर सकते हैं या पुनः किसी और शुभ कार्य में उपयोग के लिए घर में रख सकते हैं।
  • मूर्ति को लाल वस्त्र में लपेटकर नदी या तालाब में विसर्जित करें।
  • यदि जलाशय उपलब्ध न हो, तो घर में एक बर्तन में जल भरकर मूर्ति को उसमें विसर्जित करें और बाद में उस जल को पौधों में डाल दें।

कलश विसर्जन की विधि (Kalash Visarjan Vidhi 2025

Chaitra navratri par maa durga ki sthapana

  • विसर्जन से पहले अंतिम पूजा करते हुए उसपर सिंदूर, अक्षत और फूल आदि अर्पित करें।
  • फिर, कलश को उसके स्थान से उठाएं। यदि जल में सुपारी, सिक्का या अन्य सामग्री रखी हो, तो उन्हें निकालकर सुरक्षित रखें।
  • कलश पर रखा नारियल घर के पूजा स्थान में रख सकते हैं या किसी जरूरतमंद को दान कर सकते हैं।
  • कलश में रखा जल किसी पवित्र नदी, तालाब या पौधों की जड़ों में विसर्जित करें।
  • इसके बाद, उस कलश को लाल कपड़े में लपेट कर मां दुर्गा की मूर्ति के साथ ही जल में प्रवाह कर दें।

विसर्जन के बाद करें यह कार्य

Chaitra navratri sthapana vidhi

  • विसर्जन के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
  • मां दुर्गा से अगले वर्ष पुनः आने की प्रार्थना करते हुए उन्हें 'अगले वर्ष फिर आने की कृपा करें, मां!' कहें।
  • घर के मंदिर को साफ करें और सामान्य पूजा-पाठ जारी रखें।

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Image credit- Freepik


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