Lord Krishna Wears Peacock Feather: जानिए भगवान श्रीकृष्ण के माथे पर हमेशा क्यों लगा होता है मोर पंख?

Janmashtami 2024 Lord Krishna Wears Peacock Feather: कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जानें क्यों भगवान हमेशा अपने सिर पर मोर पंख लगाते हैं और इसके रहस्य की कहानी क्या है।

krishna morpankh secret

Janmashtami 2024 Lord Krishna Wears Peacock Feather: कृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 26 अगस्त, दिन सोमवार को है। लोग इस दिन श्री कृष्ण की विधि अनुसार पूजा अर्चना करते हैं। प्रेम और दया के प्रतीक माने जाने वाले श्रीकृष्ण को सारे देवताओं में सबसे ज्यादा श्रृंगार करना पसंद है। आपने भी देखा होगा हर मंदिरों में कृष्ण की प्रतिमा बेहद सुंदर तरीके से और आभूषणों से सजी धजी होती है। कृष्ण का नाम जुबां पर आते ही हमारे मन में सबसे पहले जो छवि उभर कर आती है, वो है- आभूषणों के साथ हाथ में बांसुरी और मस्तक पर मोर पंख धारण किए हुए युवा कृष्ण। दरअसल, कान्हा का मोर पंख पहनना बेहद पसंद आता है और इसलिए उन्हें मोर मुकुटधारी भी कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इसके पीछे कई कारण भी बताए गए हैं। आइए आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताते हैं।

राधा संग प्रेम का प्रतीक है मोर पंख

janmashtami  special

कान्हा के साथ मोरपंख रहने की एक बड़ी वजह राधा से उनका अटूट प्रेम भी है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, राधा के महल में ढेर सारे मोर रहते थे। एक बार जब कन्हैया अपनी बांसुरी बजा रहे थे, तो उसकी धुन पर राधा नाचने लगी। उनके साथ-साथ मोर भी मद मस्त हो कर नाचने लगे थे। ऐसे में, एक मोर का पंख नाचते हुए नीचे गिर गया। कहते हैं, उसी मोर पंख को उठाकर श्री कृष्ण भगवान ने अपने माथे पर सजा लिया था। इस प्रकार उन्होंने मोरपंख को राधा के प्रेम का प्रतीक माना और हमेशा अपने मुकुट में मोरपंख सजाए रहते हैं।

शत्रु को विशेष स्थान देते थे कन्हैया

shri Krishna Wears Peacock Feather

माना जाता है कि कान्हा के भाई बलराम शेषनाग के अवतार थे। मोर और नाग एक-दूसरे के दुश्मन होते हैं, लेकिन कन्हैया के माथे पर लगा मोरपंख यह संदेश देता है कि वे शत्रु को भी अपने जीवन में विशेष स्थान देते हैं।

इसे भी पढ़ें-जन्माष्टमी के दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां भगवान श्री कृष्ण हो सकते हैं नाराज

कालसर्प योग भी है कारण

why lord krishna wear mor pankh

मोर और सर्प एक-दूजे के दुश्मन होते हैं। ऐसे में, अगर किसी की कुंडली में कालसर्प योग होता है, उन्हें मोर पंख को हमेशा साथ रखना जरूरी होता है। पौराणिक मान्यता है कि श्रीकृष्ण पर भी कालसर्प योग था। इसलिए वह मोरपंख को सदैव अपने पास माथे पर लगा कर रखते थे। मोरपंख के जरिए कान्हा ने कई संदेश दिए हैं।

इसे भी पढ़ें-गोकुल में जन्माष्टमी से एक दिन पहले भगवान कृष्ण की छठी क्यों मनाई जाती है?

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Herzindagi, Freepik

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP